बिहार की तरह झारखंड में भी शिक्षकों के लिए लागू हो एमएसीपी

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बिहार की तरह झारखंड में भी शिक्षकों के लिए लागू हो एमएसीपी

50 हजार से अधिक शिक्षक इस योजना से हो रहे वंचित, बिना किसी वित्तीय उन्नयन के अपने मूल कोटि के ही वेतनमान में हो रहे सेवानिवृत

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ का अल्टीमेटम-15 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री के समक्ष करेंगे प्रदर्शन

डीजे न्यूज, धनबाद : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि राज्य के अधिकांश शिक्षक अपने पूरे सेवाकाल में बिना किसी वित्तीय उन्नयन के सेवानिवृत हो जाने को विवश होते हैं, लेकिन सरकार और शिक्षा विभाग इस पर ध्यान नहीं देती है। राज्य सरकार के अन्य कर्मियों के लिए सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना के तहत पूरे सेवाकाल में उन्हें दस, बीस और तीस साल पर वित्तीय उन्नयन का प्रावधान है। पूर्व में बिहार में भी शिक्षकों को इस योजना से अलग रखा गया था लेकिन जब शिक्षकों को वित्तीय उन्नयन के बिना ही सेवानिवृत होने के मामले सामने आए तब बिहार सरकार ने अपने शिक्षकों के लिए भी सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना लागू कर दी। झारखंड में सरकार स्तर से कोई कार्रवाई इस पर अभी तक नहीं की जा रही है।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ विगत दो वर्षों से लगातार इस ओर विभाग और सरकार का ध्यानाकृष्ट करा रहा है। बार बार मांग और आंदोलन किए गए, आश्वासन मिले लेकिन आदेश जारी नही किया जा सका।

परिणाम यह हो रहा है कि प्राथमिक से लेकर माध्यमिक तक के लगभग पचास हजार शिक्षक इस योजना से वंचित रह रहे हैं। प्रत्येक माह विभिन्न जिलों में शिक्षक बिना किसी वित्तीय उन्नयन के ही अपने मूल कोटि के ही वेतनमान में सेवानिवृत होते जा रहे हैं।

वर्तमान में भी ज्ञापनों के माध्यम से मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को शिक्षकों के लिए सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना लागू करने की मांग की गई है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी, महासचिव राम मूर्ति ठाकुर, प्रवक्ता नसीम अहमद, उपाध्यक्ष दीपक दत्ता, संतोष कुमार, सलीम सहाय तिग्गा आदि ने कहा है कि यदि पंद्रह दिनों के अंदर सरकार की ओर से शिक्षकों की इस मांग पर कार्रवाई शुरू नही की जाती है तो मुख्यमंत्री के समक्ष विशाल प्रदर्शन के माध्यम से आंदोलन पर शिक्षक उतरेंगे।

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