सकीना हत्याकांड में सरफुल अंसारी को उम्रकैद
डीजे न्यूज, गिरिडीह :हत्याकांड में दोषी पाए गए सरफुल अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जिला जज वन गोपाल पांडेय की अदालत ने मंगलवार को यह सजा सुनाई। यह सजा जेल में बंद सरफुल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाई गई। वहीं घर में हथियार लेकर प्रवेश करने की धारा में दस साल सश्रम कारावास सजा सुनाई। दोनों सजा साथ साथ चलेगी। साथ ही न्यायालय ने कुल तीस हजार रुपए जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा जेल में काटनी होगी। न्यायालय ने बीते 25 नवंबर को दोषी करार देते हुए सेंट्रल जेल भेजने का आदेश दिया था।इसके पूर्व सजा की बिंदु पर बहस करते हुए एपीपी सुधीर कुमार ने कड़ी सजा देने की मांग की। कहा जिस तरह से आरोपितों ने एक योजना बनाकर सूचक के घर जाकर हत्याकांड को अंजाम दिया वह जधन्य अपराध है। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजेश पांडेय ने न्यूतम सजा देने की अपील की। घटना देवरी थाना क्षेत्र के सोना पहाड़ी गांव की है।घटना के बाद पुलिस आकर शव को पोस्टमार्टम में भेजा था।वही खोखा भी बरामद किया था।
गाली देते हुए मारी थी गोली
ठेकेदारी को लेकर हुए इस हत्याकांड में बताया जाता है कि आरोपितों के खिलाफ चेक डेम निर्माण को लेकर विवाद हुआ था जिसमें आरोपित सदस्यों को जेल भी जाना पड़ा था। इस कांड के सूचक मुख्तार अंसारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा था कि 11 दिसंबर 2008 को घर के सभी लोग खाना खाकर सोए हुए थे। रात करीब एक बजे शौच जाने के लिए घर का दरवाजा खटखटाया तो छिटकिनी बाहर से बंद था। वह समझ गया लोग हमला करने आए हैं।किसी तरह डंडे से बाहर का छिटकिनी खोलकर बाहर निकला।उसके साथ उसकी मां भी थी। जैसे ही उसकी मां को सरफुल अंसारी ने देखा, गाली देते हुए कहा इसे गोली मारो। इतने में पहले असरफ ने उसकी मां सकीना खातून को गोली मारी।फिर उसका भाई जलील ने भी गोली मार दिया जिससे वह लहूलुहान हो गई।सूचक के हल्ला करने पर सभी भाग गए।वही उसकी मां की मृत्यु हो गई।इस मामले में अन्य आरोपितों के मामले अभी न्यायालय में साक्ष्य के लिए लंबित है। वहीं सजा पाने वाला वन विभाग से सेवानिवृत्त हैं। इस मामले में अभियोजन ने दस गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की। बचाव पक्ष से अधिवक्ता राजेश पांडेय ने बहस की।