बैकुंठ राय हत्याकांड में पिता-पुत्र को उम्रकैद

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गिरिडीह की जिला जज वन गोपाल पांडेय की अदालत ने सुनाई सजा,40 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया

डीजे न्यूज, गिरिडीह : बैकुंठ राय हत्याकांड में न्यायालय ने दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जिला जज वन गोपाल पांडेय की अदालत ने राहुल राय और शक्ति राय को हत्या में यह सजा सुनाई है। साथ ही अन्य धाराओं में दस साल से लेकर एक साल तक की सजा दोनों को दी गई हैं।

सभी सजा एकसाथ चलेगी। दोनों को कुल 40 हज़ार रुपए जुर्माना जमा करने का भी आदेश दिया गया है।जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर एक साल अतिरिक्त सजा कारावास में काटनी होगी।न्यायालय ने पिछले सप्ताह दोनों को दोषी करार दिया था।सजा पाने वाले दोनों पिता पुत्र है । शुक्रवार को न्यायालय में सजा की बिंदु पर सुनवाई शुरू हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रकाश सहाय ने न्यूनतम सजा देने की मांग की। कहा राहुल राय घर का कमाऊ सदस्य है। जिसपर घर की जिम्मेदारी है। वहीं शक्ति राय एक सीनियर सिटीजन है। वहीं पीपी सुधीर कुमार ने कड़ी सजा देने की मांग करते हुए कहा यह एक सोची समझी सुनियोजित हत्या थी।उन्होंने कड़ी सजा देने की मांग की।न्यायालय ने दोनों पक्षो की दलीलें सुनने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सजा सुनाई।घटना जमुआ थाना स्थित नवडीहा ओपी क्षेत्र के चौरा गांव की है। जहां सगे गोतिया ने 30 अक्टूबर 2018 को घर में घुसकर बैकुंठ राय की हत्या तलवार व अन्य घातक हथियार से की थी।साथ ही घर के अन्य सदस्यों को मारकर घायल कर दिया गया था।

हमलावर इतने उग्र थे कि महिलाओं पर भी किया था प्रहार

इस ह्रदयविदारक घटना को लेकर मृतक बैकुंठ राय के पुत्र बबन कुमार राय ने सदर अस्पताल में पुलिस के समक्ष बयान देकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कहा था कि शक्ति राय के परिवार के साथ उसके परिवार के बीच जमीन विवाद चल रहा था। इस बीच 28 अक्टूबर 2018 को शक्ति राय अपने पुत्र राहुल राय, बलराम राय आदि के साथ नौ बजे रात घर आकर उसके पिता के साथ मारपीट कर हाथ तोड़ दिया था।अपने पिता का इलाज गिरिडीह में डॉ सुरेश ब्रह्मचारी के पास कराने के बाद 30 अक्टूबर को घर आया था। अपने घर में शाम पांच बजे पिता और अन्य सदस्यों के साथ बैठा था। इसी बीच एकाएक शक्ति राय, बलराम राय, राहुल राय व अन्य हरवे हथियार लेकर आ गए।बिना कुछ कहे जान मारने की नियत से तलवार से उसके पिता के सर पर हमला कर दिया।जब अपने पिता को बचाने वह गया तो उसे भी तलवार से और लाठी से मारकर जख्मी कर दिया।हमलावर इतने उग्र थे कि घर की महिलाओं के साथ ही मारपीट कर जख्मी किया था।इस मामले में अभियोजन के तरफ से एपीपी सुधीर कुमार ने गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की।बचाव पक्ष से अधिवक्ता प्रकाश सहाय ने बहस की।

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