रेल रोकने वाले कुड़मी नेताओं की मुख्य सचिव से वार्ता
रेल रोकने वाले कुड़मी नेताओं की मुख्य सचिव से वार्ता
आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने व कुड़मी को
अनुसूचित जनजाति की सूची में करने का मुद्दा उठा लंबी लड़ाई के लिए एकजुट हो कुड़मी समाज : मंटू महतो
डीजे न्यूज, रांची : रेल टेका डहर छेका कार्यक्रम के बाद मुख्य सचिव झारखंड सरकार के साथ मंगलवार को रांची में आदिवासी कुड़मी समाज एंव वृहद झारखंड आदिवासी कुड़मी
मंच के प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता की। वार्ता में सबसे पहले आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों की वापसी पर चर्चा हुई।मुख्य सचिव ने कहा कि इस संबंध में डीजीपी से बात करने के बाद हल निकाला जाएगा। कुड़मी जनजाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने पर मुख्य सचिव ने कहा कि आपके मांग पत्र का अध्ययन करने के उपरांत इस विषय पर मुख्यमंत्री से विस्तृत चर्चा करेंगे। चर्चा उपरांत इस पर कानून सम्मत या नियम सम्मत सरकार कार्यवाई करेगी। बैठक में टीआरआई निदेशक रनेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे।
मंटू महतो ने कहा कि हम सभी कुड़मी जनजाति संगठित रहे और आगे की रणनीति बनाने के लिए सभी एक होकर जुट जाएं। यह लड़ाई अभी लंबी चलेगी । इसका सही हल केन्द्र से ही मिलेगा। हमने अपनी बातों को मुख्य सचिव के सामने साक्ष्यों व कानूनी पहलुओं के साथ मजबूती से रखा। मुख्य सचिव ने हमारी बातों को गंभीरता से रखा।
प्रतिनिधिमंडल ने 480 पन्नों का ज्ञापन सौंपा। वार्ता में अजीत प्रसाद महतो(पुरुलिया), मंटू महतो, हलधर महतो, चौधरी चरण महतो (धनबाद), दीपक पुरनियार, महादेव डुंगरीयार, पदमा प्रसाद महतो, छोटेलाल महतो, जयराम महतो, संतोष महतो, मुकेश महतो,शेखर महतो, संजय प्रसाद महतो, प्रभू महतो, जगेश्वर महतो नागवंशी, संजीव महतो, चन्द्र देव महतो, कोलेश्वर महतो, कैलाश महतो, गंगा महतो, सुजीत कुमार, सचिन महतो, सौरव महतो, हेमचंद महतो, तुलसी महतो आदि शामिल हुए।