गुजरात की कंपनी का पांच करोड़ रुपये गिरिडीह से लूटने वाले गिरोह का सरगना खिरोधर साथी समेत कन्याकुमारी से गिरफ्तार
गुजरात की कंपनी का पांच करोड़ रुपये गिरिडीह से लूटने वाले गिरोह का सरगना खिरोधर साथी समेत कन्याकुमारी से गिरफ्तार
77 लाख रुपए नगद बरामद, अब तक पकड़े गए सात अपराधियों में चार गोविंदपुर के
डीजे न्यूज, गिरिडीह : जमुआ – गिरिडीह मुख्य मार्ग के बाटी मोड़ के पास बीते 21 जून की रात डीवाई कंपनी के पांच करोड़ रुपये लूटकांड मामले का मास्टरमाइंड खिरोधर साव उर्फ गुलाब साह और मुन्ना रविदास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार मास्टरमाइंड के पास से पुलिस ने 77 लाख रुपये नगद बरामद की है। यह जानकारी एसपी दीपक कुमार शर्मा ने गुरुवार को प्रेसवार्ता कर दी। गुलाब साह और मुन्ना को पुलिस ने कन्याकुमारी से गिरफ्तार किया है। गुलाब की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की टीम लगातार कई राज्यों में छापामारी कर रही थी। जिसके बाद पुलिस की विशेष टीम को यह सफलता हासिल हुई है। बताया गया कि गुजरात की डीवाई कंपनी की इतनी मोटी रकम लूटने की योजना बरही के गुलाब साह ने बनाई थी। उसने इसके लिए अपने गिरोह में अन्य लोगों को शामिल किया था। घटना को अंजाम देने के बाद गुलाब साह हजारीबाग जिले के बरही में स्थित अपने निवास पर भी पहुंचा था, लेकिन चार दिनों के बाद पुलिस की सक्रियता देखकर वह स्कार्पियो समेत फरार हो गया था। फिर अलग – अलग राज्यों में छिप कर रह रहा था। प्रेसवार्ता में एसपी दीपक कुमार शर्मा के अलावे एसडीपीओ खोरीमहुआ मुकेश कुमार महतो, एसडीपीओ सरिया – बगोदर नौशाद आलम, डीएसपी मुख्यालय संजय राणा, साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी के अलावे अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब रहे कि बीते 21 जून की रात अपराधियों ने जमुआ थाना इलाके के बाटी मोड़ के पास उस वक्त डीवाई कंपनी के पांच करोड़ रुपये नगद लूट लिए थे जब कंपनी के कर्मी क्रेटा कार में पटना से कोलकाता ले जा रहे थे। क्रेटा कार के अंडरग्राउंड सेफ में कंपनी के पांच सौ रुपये की गड्डियां भरी हुई थी। इस मामले को लेकर क्रेटा कार के चालक मयुर सिंह जडेजा ने जमुआ थाना में आवेदन देकर जमुआ थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। मयूर ने पुलिस को दिए गए बयान में कहा था कि 20 जून की रात को वह अपने सहयोगी जगत सिंह जडेजा के साथ रात करीब 9 बजे पटना के डीवाई कंपनी के मैनेजर भरत सिंह सोलंकी के निर्देश पर क्रेटा वाहन में बने एक गुप्त सेफ में पांच करोड़ रूपये नगद भरकर कोलकाता के लिये निकले थे। रास्ते में गिरिडीह जिला के जमुआ थाना क्षेत्र में बाटी के पास रोड पर स्कार्पियो तथा एक्सयूवी वाहन से आये अपराधकर्मियों द्वारा उक्त क्रेटा वाहन को ओवर टेक कर रोक लिया तथा उसके चालक व सहयोगी को कब्जे में लेकर क्रेटा वाहन के सेफ में रखे पांच करोड़ रुपए लूट लिए।
सात में छह आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ 3,24,15,000 रुपये पहले ही पुलिस कर चुकी थी बरामद
गौरतलब रहे कि गिरिडीह पुलिस ने पांच करोड़ लूटकांड का उदभेदन करने में सफलता हासिल कर ली है। मुख्य सात आरोपियों में से छह आरोपियों को पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से पूर्व में ही गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही घटना में प्रयुक्त आठ मोबाइल, एक्सयूभी वाहन और क्रेटा कार में लगाये गये एक जीपीएस को भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया था। गिरफ्तार आरोपियों में राजेश सिंह धनबाद जिले के गोविंदपुर थाना क्षेत्र के रामनगर विलेज रोड, मो. करीम अंसारी गोविंदपुर के अमलाटांड़, विनोद विश्वकर्मा गोविंदपुर के अमरपुर उपर बाजार और शहजाद आलम गोविंदपुर के फकीरडीह का रहने वाला है जबकि रंजीत कुमार हजारीबाग जिले के बरही थाना क्षेत्र के धमना और अजीत कुमार सिंह चतरा जिला के इटखोरी थाना क्षेत्र के कोनी गांव का रहने वाला है। ये सभी आरोपी खुद को कभी रिकवरी एजेंट बताते थे तो कभी अपने आपको अधिकारी।
अपराध से इनलोगों का पुराना संबंध रहा है।घटना को अंजाम देने वालों में से कुल छह अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसमें चार धनबाद जिले के गोविंदपुर के हैं और दो हजारीबाग जिले के बरही के रहने वाले हैं। जबकि इस लूटकांड का मास्टरमाइंड गुलाब साह अब भी फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बड़ी लूटकांड मामले का खुलासा कर लिया है। बता दें कि इस लूटकांड को अंजाम देने के लिए करीब डेढ़ माह पूर्व ही साजिश रची गयी थी। गिरोह के सदस्यों ने बरही में ही इस लूटेरा गिरोह ने क्रेटा कार में चिप प्लांट किया था। उस वक्त गिरोह के लोगों ने डीवाई कंपनी के कर्मियों से सेल टैक्स का अधिकारी बनकर सात लाख रुपये की वसूली की थी। उसी समय से गिरोह के लोगों को पता था कि डीवाई कंपनी की मोटी रकम इसी क्रेटा कार से ढोयी जाती है। इसलिए क्रेटा कार पर जीपीएस के माध्यम से निगरानी रखी जा रही थी। डीवाई कंपनी की पांच करोड़ की राशि लोड होने और पटना से कोलकाता जाने की सूचना गिरोह को पटना से ही मिली थी जबकि लूटकांड की इस घटना को अंजाम देने के लिए डीवाई कंपनी के पटना स्थित कार्यालय में गिरोह का ही एक व्यक्ति लंबे समय से रेकी कर रहा था। क्रेटा कार में मोटी रकम लोड होने की सूचना उसी व्यक्ति ने गिरोह को उपलब्ध कराया था। उसके बाद गिरोह के लोग जीपीएस के माध्यम से कार को ट्रैक करने लगे। फिर गिरिडीह जिले के जमुआ के बाटी गांव के पास रोक कर उससे पांच करोड़ रुपये लूट लिए थे।