झारखंड का प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत दर से काफी अधिक : डॉ मिश्रा

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झारखंड का प्रजनन दर राष्ट्रीय औसत दर से काफी अधिक : डॉ मिश्रा

11 जुलाई से होगा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन

डीजे न्यूज, गिरिडीह : सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा ने बताया कि संपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल में परिवार कल्याण कार्यक्रम की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। भारत के 31 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों ने प्रजनन दर 2.1 के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है जबकि झारखण्ड का कुल प्रजनन दर 2.3 है जो राष्ट्रीय औसत दर 2.0 से काफी अधिक है। परिवार नियोजन के अन्य सूचकांक यथा Unmet Need 11.5% तथा mCPR 49.5% है जो राष्ट्रीय औसत दर से कम है। राज्य Sustainable Development Goal को प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। इस संदर्भ में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत प्रत्येक त्रैमास में युवक, युवती तथा योग्यदम्पतियों को जागरूक करने हेतु विशेष अभियान का आयोजन किया जाता है जिनमें विश्व जनसंख्या दिवस अभियान (1 जून से 31 जुलाई) मिशन परिवार विकास अभियान (MPV-1 20 अगस्त से 30 सितम्बरएवं MPV- 11 जनवरी से 31 मार्च) तथा पुरूष नसबंदी अभियान (20 अक्टूबर से 10 दिसम्बर 2024)आदि शामिल है।

सिविल सर्जन बुधवार को अपने कार्यालय कक्ष में परिवार नियोजन पखवाड़ा कार्यक्रम को लेकर प्रेस प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि 01.06.2024 प्रारंभिक चरण 27 जून 2024 से सामुदायिक उत्प्रेरण पखवाड़ा एवं दिनांक 11 जुलाई 2024 से जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का आयोजन करने का निदेश प्राप्त हुआ है। इस वर्ष जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का थीम विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दम्पति की शान ” दिया गया है।

इस अभियान के दौरान पूरे राज्य में जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना एवं उपलब्ध साधनों को प्रत्येक योग्य दम्पति तक पहुँचाना है। शादी के बाद दो साल का अंतर, दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर तथा दो बच्चों के बाद स्थायी विधि अथवा लम्बे समय तक प्रयोग किये जानेवाले अस्थायी विधि जैसे IUCD, अंतरा आदि के प्रयोग पर अधिक बल दिया जाना है जिससे मातृ मृत्युदर तथा शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सके। इस अभियान में मेडिकल कॉलेज, सभी सरकारी अस्पताल, सभी प्राईवेट अस्पताल के साथ-साथ अन्य विभागों जैसे शिक्षा, समाज कल्याण (महिला एवं बाल विकास), ग्रामीण विकास, पचायती राज,परिवहन विभाग आदि को शामिल कर वृहद प्रचार-प्रसार के साथ इस अभियान को सफल बनाये।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि ए०एन०एम०, बहुउद्देशीय कार्यकर्ता, सहिया, आँगनबाड़ी सेविका, सखी मंडल, पंचायत सचिव / मुखिया, नेहरू युवा केन्द्रों आदि का विशेष सहयोग प्राप्त किया जाए। इनके द्वारा ग्राम स्तर पर आम सभा के बैठकों में “छोटा परिवार सुखी परिवार” तथा सही अंतर ही है स्वस्थ माँ एवं स्वस्थ बच्चे का मंतर के संदेश को प्रचारित किया जाए। बैठक के माध्यम से योग्य पुरुष को नसबंदी हेतु उत्प्रेरित किया जाए। विभिन्न सरकारी कार्यालय, बैंक, रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड, अन्य भीड भाड़ वाले स्थलों पर जनसंख्या स्थिरीकरण से संबंधित फ्लैक्स बैनर के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाए। अभियान के दौरान चयनित क्षेत्रों में नुक्कड नाटक का मंचन किया जाए विशेष कर उन स्थानों पर जहाँ परिवार नियोजन को कम अपनाया जा रहा हो। 21 जुलाई को परिवार कल्याण दिवस सभी शहरी स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं आयुष्मान आरोग्य पर पोस्टर, स्लोगन राइटिंग, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि का आयोजन कर किशोर-किशोरी,युवक-युवती, नवविवाहित दम्पति एवं योग्य दम्पति को पुरस्कृत किया जाए। परिवार नियोजन से संबंधित सामग्रियाँ सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, तथा आँगनबाडी केन्द्र हो जिससे प्रत्येक दिन की उपलब्धि को सुनिश्चित किया जा सके। जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में सर्जन उपलब्ध सहिया तक उपलब्ध नहीं है उन स्वास्थ्य केन्द्रों को रोस्टर तैयार कर सरकारी, प्राईवेट अथवा सेवानिवृत सर्जन के द्वारा महिला बंध्याकरण तथा पुरुष नसबंदी की सेवा दिया जाए। 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर जिला तथा प्रखण्ड स्तर पर विशेष समारोह का आयोजन कर परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मी, सर्जन, सेवा प्रदाता तथा परिवार नियोजन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग करने वाले गैर सरकारी संगठनों को भी सम्मानित किया जाएगा।

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