झारखंड राज्य फसल राहत योजना शुरू, 15 सितंबर तक कर सकते आवेदन
डीजे न्यूज, धनबाद : किसानों को फसल की क्षति होने पर उसकी क्षतिपूर्ति करने के लिए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (सहकारिता प्रभाग) ने झारखंड राज्य फसल राहत योजना शुरू की है। खरीफ फसल मौसम 2022 के लिए निवेदन तथा आवेदन प्रारंभ है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर है।
किसी भी प्राकृतिक आपदा और प्राकृतिक दुर्घटनाओं के कारण फसल की क्षति होने पर कृषकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है।
योजना में लघु एवं सीमांत रैयत तथा गैर रैयत कृषकों को शामिल किया जाएगा। कृषक न्यूनतम 10 डिसिमल और अधिकतम 5 एकड़ तक की भूमि के लिए निबंध कर सकते हैं। योजना सभी कृषकों के लिए स्वैच्छिक होगी। कृषक झारखंड राज्य का निवासी होना चाहिए तथा उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
यह योजना फसल बीमा योजना न होकर फसल की क्षति होने पर किसानों को प्रदान की जाने वाली एक क्षतिपूर्ति योजना है। किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण फसल क्षति के मामले में सुरक्षा कवच प्रदान करने तथा एक निश्चित आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। योजना से भूस्वामी तथा भूमिहीन किसान, दोनों ही आच्छादित होंगे। इसके लिए इसी प्रकार के प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
योजना के लिए जिला स्तर पर उपयुक्त, प्रखंड स्तर पर अंचलाधिकारी तथा पंचायत स्तर पर मुखिया इसके अध्यक्ष होंगे। वहीं जिला स्तर पर जिला सहकारिता पदाधिकारी, प्रखंड स्तर पर प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी तथा पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव इसके नोडल पदाधिकारी रहेंगे।
योजना के लिए www.jrfry.jharkhand.gov.in पोर्टल विकसित किया गया है। इससे किसान, राज्य तथा बैंक के बीच बेहतर प्रशासन एवं समन्वय के साथ-साथ सूचनाओं का प्रसार एवं पारदर्शिता होगी। क्षतिपूर्ति की गणना इत्यादि के उद्देश्य से फसल वार, क्षेत्रवार, विगत वर्षा के उपज आंकड़े, मौसम के आंकड़े, बुवाई क्षेत्र, क्षतिपूर्ति के आंकड़े, आपदा वर्षों तथा वास्तविक उपज संबंधी सभी आंकड़े उपलब्ध कराए जाएंगे।
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को www.jrfry.jharkhand.gov.in पोर्टल पर जानकारियां अपलोड करनी है। क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। पात्र किसान स्व घोषणा पत्र के माध्यम से अपने आधार का उपयोग करने की सहमति देंगे। वहीं आधार न रखने वाले किसान भी नामांकन कर सकते हैं। उनको आधार नंबर के लिए नामांकन का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय, प्रखंड स्तरीय तथा पंचायत स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। इसके अलावा विभागीय कार्यकारी समिति, शिकायतों का निवारण करने के लिए पंचायत स्तरीय, प्रखंड स्तरीय व जिला स्तरीय शिकायत निवारण कोषांग का गठन किया गया है।
किसानों को क्षतिपूर्ति प्रदान करने के लिए पीएफएमएस पोर्टल के द्वारा डीबीटी के माध्यम से मुआवजा राशि जारी की जाएगी। कम से कम 20% फसल की क्षति का नुकसान होने पर फसल सहायता किसान को दी जाएगी। 20% से अधिक क्षति होने पर प्रो राटा के आधार पर सहायता का लाभ दिया जाएगा।
आधार नंबर, मोबाइल नंबर, आधार से लिंक बैंक खाता, अद्यतन भू-स्वामीत्व प्रमाण पत्र अथवा 31 मार्च 2022 तक की राजस्व रसीद, मुखिया /ग्राम प्रधान /राजस्व कर्मचारी /अंचल अधिकारी द्वारा निर्गत वंशावली, सरकारी भूमि पर खेती करने के लिए राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती पट्टा, रैयत और बटाईदार द्वारा घोषणा पत्र, पंजीकृत किसानों के चयनित फसल एवं बुवाई के रकवा का पूरा विवरण।
केवल प्राकृतिक आपदा से होने वाले फसल क्षति का लाभ प्रदान किया जाएगा, फसल मौसम (खरीफ एवं रबी) में अलग-अलग निबंध एवं आवेदन करना होगा। योजना के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति का आकलन एवं निर्धारण क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट (सीसीई) के द्वारा किया जाएगा, 30% से 50% तक क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ 3000 रुपए, 50% से अधिक क्षति होने पर प्रति एकड़ 4000 रुपए एवं अधिकतम 5 एकड़ तक फसल क्षति का लाभ प्रदान किया जाएगा।
सभी रैयत एवं बटाईदार किसान, किसान झारखंड राज्य का निवासी होना चाहिए, किसान की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, वैध आधार संख्या, कृषि कार्य करने से संबंधित वैध दस्तावेज, न्यूनतम 10 डिसिमल और अधिकतम 5 एकड़ तक की भूमि के लिए निबंध कर सकते हैं, योजना सभी कृषकों के लिए स्वैच्छिक है, आवेदक किसानों को अपना संख्या बायोमैट्रिक प्रणाली से प्रमाणित करना होगा।