सभी की सहभागिता से झारखंड को मिला खुले में शौच से मुक्त का दर्जा : शशि प्रकाश
डीजे न्यूज, धनबाद : स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अंतर्गत ग्राम स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन को लेकर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) सभागार में स्वच्छता पखवाड़ा पर कार्यशाला का आयोजन उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में की गई।
उप विकास आयुक्त ने कहा कि ग्राम स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन, गोबरधन, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, मालीय कचरा प्रबंधन एवं महावारी स्वच्छता प्रबंधन का कार्य अभिसरण के आधार पर किया जाना है। इस कार्य हेतु स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के साथ मनरेगा-ग्रामीण विकास विभाग एवं 15 वे वित्त आयोग मद-पंचायती राज विभाग में प्रावधान को शामिल किया गया है। उपरोक्त विभाग के संयुक्त प्रयास से हम गांव के स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन अंतर्गत निर्धारित विभिन्न कार्यों को कर पाने में सक्षम हो पाएंगे।
उन्होंने कहा की स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरणों में विभिन्न विभागों की सहभागिता का ही परिणाम है कि राज्य को खुले में शौच मुक्त का दर्जा प्राप्त हो गया है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा संयुक्त रूप से यथा ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग के संयुक्त प्रयास से 15 दिनों का स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें जिला स्तरीय कार्यशाला, प्रखंड स्तरीय कार्यशाला, श्रमदान संग्रह एवं पृथक्कीकरण, स्वच्छता रैली एवं रात्रि चौपाल, ग्राम स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन अंतर्गत विभिन्न संरचनाओं का निर्माण, विशेष ग्राम सभा का आयोजन, विद्यालय स्तर पर स्वच्छता ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन विषय पर प्रतियोगिता का आयोजन, ओडीएफ प्लस गांव घोषित पूर्व तैयारी, गांव को ओडीएफ प्लस घोषित करने के साथ ही स्वच्छता पखवाड़ा अभियान का समापन हेतु जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन इन 15 दिनों में किया जाएगा।
उप विकास आयुक्त ने ग्रामीण स्तर पर क्षेत्रीय भाषाओं में जागरूकता फैलाने के लिए निर्देशित किया। साथ ही उन्होंने एक रोस्टर तैयार करने को भी निर्देशित किया ताकि प्रखंड स्तरीय कार्यक्रम में जिला से पदाधिकारी सम्मिलित हो और लोगो को जागरूक करें।
कार्यशाला के दौरान बताया गया कि ग्राम स्तर पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के आधार पर गांव को वन स्टार, थ्री स्टार एवं फाइव स्टार घोषित एवं सत्यापित किए जाने का प्रावधान है। बताया गया कि ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन का कार्य पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के साथ मनरेगा-ग्रामीण विकास विभाग एवं 15वें वित्त आयोग मद-पंचायती राज विभाग को शामिल किया है। उक्त तीनों विभागों के संयुक्त प्रयास एवं सहभागिता से ही गांव को ओडीएफ प्लस किया जा सकता है।
कार्यशाला में डीआरडीए निदेशक मुमताज अली अहमद, जिला योजना पदाधिकारी महेश भगत, पीएचइडी-1 कार्यपालक अभियंता मनीष कुमार, पीएचइडी-2 कार्यपालक अभियंता विक्रांत भगत समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप, कई प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत अन्य विभाग के पदाधिकारी और कर्मी मौजूद थे।