आसान नहीं है छोटे बच्चों को पढ़ाना

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डीजे न्यूज, गिरिडीह :
गिरिडीह कॉलेज, गिरिडीह की एनएसएस इकाई- एक द्वारा चल रहे शिविर का छठवां दिन के कार्यक्रम ‘बाल शिक्षण’ पर थे। सिहोडीह गांव के कुछ छोटे-छोटे स्कूली बच्चे इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। छोटे बच्चों को पढ़ाना आसान काम नहीं है। उनके बचपन को देखते हुए और बिना उस पर आघात किए उनको सहज तरीके से पढ़ाना, पढ़ने को उत्सुक करना, नई नई ज्ञानवर्धक जानकारियां देना चुनौतीपूर्ण है। स्वयंसेवकों ने उपस्थित बच्चों से बातचीत करते हुए उनके मनोजगत में झांकने का प्रयास किया। युवा कवि और हिंदी फिल्मों पर शोधकार्य किए डॉ.महेश सिंह ने उपस्थित बच्चों से बातचीत करते हुए उनकी वाकक्षमता के विकास के लिए लोरीगीत का बच्चों के साथ सामूहिक गायन किया।
बलभद्र सिंह ने एक लोककथा सुनाते हुए स्वयंसेवकों के साथ साथ स्कूली बच्चों से बातचीत की। आज की मुख्य वार्ताकार गिरिडीह कॉलेज की एंथ्रोपोलॉजी की असिस्टेंट प्रो.श्वेता कुमारी ने बाल शिक्षण की चुनौतियों पर बात करते हुए कहा कि बच्चों को ठीक से वही पढ़ा सकता है जो बच्चों के संग बच्चा बन जाने की कला जानता हो। उपस्थित बच्चों ने भी अपनी अपनी बातें कहने की कोशिश की। इस कार्यक्रम में सिहोडीह की सुमन कुमारी कार्यक्रम में आदि से अंत तक शामिल रहीं। डॉ. प्रभात कृष्ण, डॉ. प्रभाष मणि पाठक, रंधीर वर्मा, सोनी खान, जूही आफरीन, राखी टुड्डू, कंचन कुमारी सिंह, श्वेता कुमारी, अर्चना रानी, बिकास कुमार दास, नयन कुमारी, शिवम कुमार, कृष्णा कुमार, नीतीश कुमार वर्मा, विकास साव आदि बतौर स्वयंसेवक उपस्थित थे। स्कूली बच्चों में अक्ष कृष्ण, कुमार भव्य, अर्श कृष्ण, इशिका, हर्ष कुमार, आदित्य कुमार, भूमिका रानी आदि थे।

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