भारतीय रेलवे सुरक्षा बल (RPF) का डिजिटल कदम: सोशल मीडिया के माध्यम से सुरक्षा, समावेशन और जागरूकता बढ़ाना
भारतीय रेलवे सुरक्षा बल (RPF) का डिजिटल कदम: सोशल मीडिया के माध्यम से सुरक्षा, समावेशन और जागरूकता बढ़ाना
डीज न्यूज, नई दिल्ली: भारतीय रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का प्रभावी उपयोग करते हुए यात्रियों की सुरक्षा, समावेशन और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब का इस्तेमाल न केवल संवाद के लिए, बल्कि सार्वजनिक जुड़ाव, विश्वास निर्माण और जागरूकता अभियानों के लिए भी किया जा रहा है।
महानिरीक्षक एवं प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त श्री सुमति शांडिल्य ने बताया कि RPF की सोशल मीडिया रणनीति यात्रियों से सीधे संवाद को सुनिश्चित करती है, जिससे वे अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं, सहायता मांग सकते हैं और सुरक्षा संबंधित महत्वपूर्ण अपडेट प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया का इस्तेमाल सुरक्षा अलर्ट, आपातकालीन दिशा-निर्देश और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग के लिए भी किया जा रहा है।
महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास RPF ने महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए “ऑपरेशन मेरी सहेली” और मानव तस्करी के खिलाफ “ऑपरेशन AAHT” जैसे अभियानों की शुरुआत की है। सोशल मीडिया पर इन अभियानों के तहत यात्रियों को जागरूक किया जाता है और साथ ही संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इन अभियानों के तहत वास्तविक घटनाओं और भावनात्मक कहानियों को साझा किया जाता है, जो जागरूकता को बढ़ाने में मदद करती हैं।
डिजिटल साक्षरता और समावेशन की दिशा में पहल RPF ने डिजिटल साक्षरता बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं, जिससे सभी यात्रियों को उनके अधिकारों और सेवाओं के बारे में जानकारी मिल सके। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के यात्रियों को डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से सेवा प्राप्त करने के तरीके के बारे में शिक्षित किया जाता है। इसके अलावा, RPF का उद्देश्य क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री को अनुकूलित करना है ताकि हर वर्ग के लोग इसका लाभ उठा सकें।
भविष्य की दिशा: एआई और वर्चुअल रियलिटी RPF का कहना है कि भविष्य में सोशल मीडिया के उपयोग को और बढ़ाने के लिए वे एआई-चालित अंतर्दृष्टि और वर्चुअल रियलिटी (VR) का उपयोग करेंगे। इसके माध्यम से यात्रियों को इंटरएक्टिव सुरक्षा ट्यूटोरियल्स और लाइव अपडेट्स मिलेंगे, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
समावेशन और लैंगिक समानता RPF की सोशल मीडिया रणनीति महिलाओं के नेतृत्व को भी उजागर करती है, जिससे लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलता है। महिला सुरक्षा अधिकारियों के नेतृत्व में चलाए गए अभियानों और उनके द्वारा बचाए गए बच्चों की कहानियाँ सोशल मीडिया पर साझा की जाती हैं, जो समाज में बदलाव और समावेशन को प्रोत्साहित करती हैं।
RPF के डिजिटल कदम न केवल यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि यह भारतीय रेलवे के समग्र संचालन में भी सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।