गिरिडीह में सिर्फ 51 सौ रूपये पूजा भत्ता की घोषणा से बिफरे अधिवक्ता, बार के पदाधिकारियों को घेरा
गिरिडीह में सिर्फ 51 सौ रूपये पूजा भत्ता की घोषणा से बिफरे अधिवक्ता, बार के पदाधिकारियों को घेरा
सिर्फ नियमित अधिवक्ताओं को ही मिलेगा पूजा भत्ता
डीजे न्यूज, गिरिडीह : दुर्गापूजा में अधिवक्ताओं को एकावन सौ रुपये दिए जाने की घोषणा के बाद नियमित अधिवक्ताओं ने विरोध किया। देर शाम अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा किया। कहा इतनी कम राशि कोई अधिवक्ता नहीं लेगा। जब जिला अधिवक्ता संघ की आमदनी सलाना करोड़ो रूपये की है, तो इतनी कम राशि की घोषणा क्यों की गई। डॉ राजेंद्र प्रसाद ई लाइब्रेरी भवन से संघ कार्यकारिणी की बैठक के बाद नीचे आते ही कई अधिवक्ताओं ने पदाधिकारियों को घेर कर विरोध जताया। अधिवक्ता कामेश्वर यादव, अर्जुन महतो, एके सिन्हा, शैलेश कुमार, राजेश पांडेय, निवास सिन्हा, गोपाल रजक, मनोज यादव समेत कई अधिवक्ताओं ने कम राशि दिए जाने का विरोध किया।कामेश्वर यादव ने कहा चुनाव के बाद एक माह की आमदनी कोषाध्यक्ष ने 14 लाख बताया है जबकि होली के बाद मार्च से अगस्त तक की अवधि में संघ को उसी अनुपात में आमदनी हुई थी जो करीब 80 लाख से अधिक की होनी चाहिए। जिसके बारे में नही बताया जा रहा है। मनोज यादव ने कहा चुनाव के पूर्व 46 लाख रुपए नकद बचत बताया गया था। इतनी राशि होने के बावजूद मात्र एकावन सौ रुपए अधिवक्ताओं को दिया जाना गलत है।
पेंशनर और अनियमित अधिवक्ताओं को नहीं मिलेगा लाभ
कल्याण कोष की राशि पूजा एलाउंस के तहत दिए जाने को लेकर जिला अधिवक्ता संघ की बैठक मंगलवार को हुई। प्रकाश सहाय की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उपाध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा मंटू, महासचिव चुन्नुकांत, सह सचिव दशरथ प्रसाद, सुभोनिल सामंता, कोषाध्यक्ष शिवकुमार गुप्ता, सह कोषाध्यक्ष दिनेश राणा, कार्यकारिणी सदस्य विशाल आनन्द, उर्मिला शर्मा, दिनेश शर्मा, भुनेश्वर महथा, बिनोद यादव, विनोद पासवान, अमित कुमार, उत्तम कुमार सिन्हा आदि शामिल हुए। बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया कि जो अधिवक्ता किसी भी तरह का सरकारी अर्ध सरकारी पेंशन पाते हैं उन्हें कल्याण कोष की राशि का लाभ नहीं मिल पाएगा। डालसा से मासिक वेतन लेने वाले पांच अधिवक्ता भी इस लाभ से वंचित रहेंगे। बैठक में मुख्य रूप से अनियमित अधिवक्ता जो वकालत पेशा में जुड़े नही हैं और सिर्फ जिला अधिवक्ता संघ में पंजीकृत हैं, वैसे अधिवक्ता को भी चिन्हित कर लाभ से वंचित किया जाएगा।