यूपी के ठेकेदार को राजधनवार लाकर इब्राहीम और मकसूद ने किया था धड़ से सर अलग

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अवैध संबंध में हुई थी हत्या, सिर विहीन धड़ के क्रिटिकल हत्याकांड का गिरिडीह पुलिस ने किया था खुलासा

 

गिरिडीह के प्रधान जिला जज मनोज प्रसाद की अदालत ने इब्राहिम और मकसूद को दोषी करार दिया, 20 जून को सुनाई जाएगी सजा

डीजे न्यूज, गिरिडीह : उत्तर प्रदेश के भदोही के ठेकेदार सत्येंद्र मिश्र को भदोही से गिरिडीह के राजधनवार लाकर धड़ से सर अलग करने वाले इब्राहीम अंसारी एवं मकसूद अंसारी थे। गिरिडीह के प्रधान जिला न्यायाधीश मनोज प्रसाद की अदालत ने इस हत्याकांड की सुनवाई के बाद यह फैसला सोमवार को दिया है। इस जघन्य हत्याकांड के लिए सजा की बिंदु पर अदालत दोनों को 20 जून को फैसला सुनाएगी। इसके साथ ही इस हत्याकांड में जमानत पर बाहर चल रहे मकसूद को न्यायिक हिरासत में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। इब्राहिम पहले से ही इस मामले में गिरिडीह सेंट्रल जेल में बंद है। यह जघन्य हत्या राजधनवार थाना क्षेत्र के परसन ओपी क्षेत्र में 31 अगस्त 2020 को घटी थी।

 

यह था मामला

 

उत्तर-प्रदेश के भदोही निवासी ठेकेदार सत्येंद्र नाथ मिश्र उर्फ डब्लू उर्फ पंडित की हत्याकांड से पर्दा कड़ी मशक्कत कर गिरिडीह पुलिस ने उठाया था। 31 अगस्त 2020 की सुबह करीब 8 बजे धनवार थाना क्षेत्र के जमुनियाटांड़ मैदान में एक अज्ञात व्यक्ति का सिर कटा शव बरामद किया गया था। दूसरे दिन कांड अंकित कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। तत्कालजीन एसपी ने तत्काल खोरीमहुआ एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर त्वरित गति से कार्रवाई करते हुए हत्याकांड का खुलासा और हत्यार को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था। टीम के सदस्यों ने घटनास्थल और आसपास के क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया। एक सितंबर की सुबह 8 बजे घटनास्थल से करीब 500 गज पश्चिम रोड किनारे स्थित डोभा से उस अज्ञात व्यक्ति के सिर को बरामद किया गया था। एसआइटी ने मृतक की पहचान एवं घटना में संलिप्त अपराधियों के बारे में पता करने के लिए बिहार के डेहरी आनसोन व जमुई जिला के विभिन्न क्षेत्रों में सर्च अभियान चलाया। तकनीकी व मैनुअल इनपुट से प्राप्त सूचना के आधार पर उत्तर-प्रदेश के भदोही जिला पुलिस से संपर्क कर मृतक की पहचान और सत्यापन सुनिश्चित की गई थी। मृतक की पहचान 39 वर्षीय सत्येंद्र नाथ मिश्र उर्फ डब्लू, कौवलापुर, थाना गोपीगंज जिला भदोही निवासी के रूप में की गई थी। मृतक के बड़े भाई हरेंद्रनाथ मिश्र अपने रिश्तेदारों के साथ गिरिडीह आए और शव के फोटोग्राफ, शव से जब्त कपड़े, जूते व अन्य सामान के आधार पर उसकी पहचान की थी। उसने पुलिस को बताया कि उसका छोटा भाई डब्लू गत 29 अगस्त की रात में ही बाइक से अपने दोस्त मकसूद व अन्य लोगों के साथ मुहर्रम त्योहार देखने के लिए कोलापुर से झारखंड जाने की बात घर से निकला था। 30 अगस्त की सुबह में ही वह मकसूद व इब्राहीम के साथ मोटरसाइकिल से झारखंड के लिए निकला था। उसके बाद भाई का कोई पता नहीं चल रहा था।एसआइटी ने 11 सितंबर को हीरोडीह थाना क्षेत्र के तुलसीडीह निवासी इब्राहीम अंसारी उर्फ गुर्जर को पचंबा थाना क्षेत्र से हिरासत में लेकर पूछताछ की। उसने उक्त कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। साथ ही बताया कि वह अपने फुफेरे भाई जमुआ के लहंगिया निवासी मकसूद अंसारी व गांव के अन्य लोगों के साथ कोलापुर में रहकर राजमिस्त्री का काम करता था। डब्लू उन लोगों के साथ मेलजोल में रहता था। मकसूद अंसारी ने डब्लू से दो लाख रुपया उधार लिए थे। इसे मांगने के बहाने वह मकसूद के घर आने-जाने लगा। इसी क्रम में वह मकसूद की पत्नी के साथ अवैध संबंध बनाने लगा। मकसूद सत्येंद्र मिश्र को अपने घर आने से मना करता था। इसके बावजूद उसने मकसूद की अनुपस्थिति में उसकी पत्नी से मिलना-जुलना जारी रखा।

 

गिरिडीह लाकर हत्या करने की रची साजिश

 

मकसूद, इब्राहीम, हजरत व निजाम ने मिलकर साजिश रची कि पंडित को इस बार मुहर्रम दिखाने के बहाने गिरिडीह लाकर उसे मार दिया जाए। इसी साजिश के तहत 30 अगस्त की सुबह में मकसूद व इब्राहिम बाइक से पंडित के घर गए। फिर उसे लेकर बाइक से डेहरी, बरही, सरिया होते हुए परसन जमुनियाटांड़ पहुंचे। रास्ते में सभी ने गांजा पी। सरिया रेलवे फाटक के पास अंग्रेजी शराब व चिकेन चिल्ली भी लिए थे। हजरत व निजाम झारखंडी स्कूल के पहले से ही आकर उन लोगों का इंतजार कर रहे थे। पांचों ने मिलकर जमुनियाटांड़ में बैठकर शराब पी। साजिश के तहत सत्येंद्र को अधिक गांजा व शराब पिलाई। उसे पूरा नशा हो जाने के बाद सभी ने मिलकर चाकू से गर्दन काटकर उसकी हत्या कर दी। फिर गर्दन को अलग कर दूर डोभा में डाल दिया।

 

हत्या की साजिश की जानकारी अपने पिता को भी दी थी

 

एसआइटी ने मकसूद अंसारी व उसके पिता नवी मियां को 19 सितंबर को मोटरसाइकिल के साथ गुप्त सूचना के आधार पर रेंबा से गिरफ्तार किया था। मकसूद ने अपना दोष स्वीकार करते हुए कहा कि सत्येंद्र के व्यवहार से परेशान होकर उसे धोखे से परसन जमुनियाटांड़ लाकर हत्या कर दी। मकसूद ने बताया कि पंडित की हत्या करने की साजिश की जानकारी उसने अपने पिता को फोन पर दी थी। पिता ने कहा था कि ठीक है पंडित को लाकर खत्म कर दो। हम यहां सब देख लेंगे।

 

गवाहों के बयान और जब्त समान बना दोष साबित का आधार

 

इस मामले में मृतक के घरवालों की गवाही, जब्त हत्याकांड का सामान व हत्यारो का जुर्म कबू नामा के साथ हत्या का चेन परत दर परत जुड़ता गया। पीपी सुधीर कुमार ने बहस में दोष साबित करने को कई मजबूत साक्ष्य दिए जिसे अदालत ने स्वीकार किया।

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