झारखंड के चार हजार सरकारी स्कूलों में सीबीएसई के तर्ज पर होगी पढ़ाई : हेमंत सोरेन
डीजे न्यूज, रांची : झारखंड के इतिहास में पहली बार यहां की शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर ऐसा आयोजन हुआ है। हमारी सोच है कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में हमारे सरकारी विद्यालयों के बच्चे निजी विद्यालयों या बड़े शहरों के विद्यालयों के बच्चों से किसी भी क्षेत्र में कम न रहें। हमारी सरकार ने राज्य में सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को क्वालिटी एजुकेशन उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है। पहले चरण में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में सीबीएसई की तर्ज पर हमारे बच्चों को शिक्षा मिलनी शुरू हो चुकी है। आने वाले समय में राज्य में 4000 से अधिक सरकारी विद्यालयों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। आने वाली पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर उन्हें बौद्धिक तथा सामाजिक रूप से मजबूत बनाया जाएगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज टाना भगत स्टेडियम खेलगांव में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आयोजित उत्कृष्ट विद्यालय के प्रबंधन समिति के सदस्यों का राज्य स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि विकसित राज्य की परिकल्पना शिक्षित राज्य से ही पूरी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो राज्य शिक्षित होता है उसे किसी के सहारे की जरूरत नहीं पड़ती है। मुख्यमंत्री ने केरल राज्य का उदाहरण पेश करते हुए अपने अनुभव साझा किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर ने हमारे राज्य को प्राकृतिक संसाधनों के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता से भी नवाजा है। हमारे राज्य में कोई कमी नहीं है बस थोड़ा हमसभी और आने वाले पीढ़ी को जागरूक होने की आवश्यकता है। समय के साथ-साथ स्वत: सभी चीजें सुधरेंगे और हमारा राज्य तेज गति से आगे बढ़ेगा।
राज्य के बच्चे-बच्चियां अब खेलकूद के साथ-साथ शिक्षा में भी अपना परचम लहराएंगे
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमारे बच्चे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, जरूरत है कि हम उन्हें संसाधनों के साथ जोड़ें। जो बच्चे-बच्चियां पिछड़ापन और गरीबी के कारण संसाधनों के अभाव में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं वैसे बच्चे-बच्चियों को आगे बढ़ाने के लिए हमारी सरकार कृतसंकल्पित है। इन बच्चों के भविष्य के प्रति दिन-रात गहरी चिंतन-मनन कर हमारी सरकार नीति निर्धारण तथा योजनाएं बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के बच्चे-बच्चियां खेल के क्षेत्र में देश और दुनिया में झारखंड का नाम रोशन किया है। बहुत अच्छा लगता है जब हमारे बच्चे जब देश और दुनिया में खेल के क्षेत्र में झारखंड का डंका बजाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि खेल के साथ-साथ अब हमारे बच्चे देश के अंदर शिक्षा के क्षेत्र के क्षेत्र में भी अपना परचम लहराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के वैसे बच्चे जो स्कूली शिक्षा से आगे बढ़कर इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित अन्य स्ट्रीम में पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें राज्य सरकार आर्थिक मदद देते हुए पढ़ाई में होने वाले सभी खर्चा वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार इस राज्य ने अपने बच्चों को उच्चतर शिक्षा के लिए विदेशों में पढ़ाई करने हेतु 100% स्कॉलरशिप प्रदान किया है। राज्य सरकार के खर्च पर विदेश पढ़ाई करने गए कुछ बच्चे डिग्रियां लेकर वापस राज्य पहुंचकर अच्छा कर रहे हैं, वहीं कुछ बच्चों को तो विदेशों में नौकरी भी मिल गई।
प्रबंधन समिति की भूमिका महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य की स्कूली व्यवस्था प्रबंधन समिति के देख-रेख में चलता है। स्कूलों के सफल एवं उत्कृष्ट संचालन के लिए स्कूल प्रबंधन समिति की जिम्मेदारी अहम और महत्वपूर्ण रहती है। स्कूल प्रबंधन समिति को अब पहले से ज्यादा बेहतर होने की आवश्यकता है तभी हम उत्कृष्ट विद्यालय की परिकल्पना को साकार कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ग, हर समूह के बच्चे-बच्चियों को शिक्षा का समान अधिकार तथा अवसर देना है। प्रबंधन समिति के सदस्य गांव-गांव, घर-घर पहुंचकर बच्चों का स्कूलों में शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित कराएं। प्रबंधन समिति के सदस्य गांव प्रत्येक बच्चे- बच्चियों को अपने परिवार के बच्चों के भांति ही उन्हें बेहतर शिक्षा व्यवस्था का लाभ दिलाने का काम करें। राज्य सरकार सदैव आपके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला भ्रमण के समय मैं स्वयं इन उत्कृष्ट विद्यालयों में औचक निरीक्षण करूंगा। समय-समय पर विभागीय पदाधिकारी भी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। व्यवस्था बड़ी है, इन व्यवस्थाओं पर हमारी कड़ी नजर भी रहेगी। आने वाले समय में व्यवस्थाओं में कई बदलाव तथा और कई कड़ियां भी जुड़ेंगे।
हमारी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार को एक चुनौती के रूप में लिया
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि यूं तो पिछले कई वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य हो रहे हैं। परंतु मौजूदा वक्त में शिक्षा के महत्व को समझना हम सभी के लिए अत्यंत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में स्किल्ड तथा अनस्किल्ड मजदूर के रुप में ही लोग आगे बढ़ते रहे हैं। इस को ध्यान में रखकर हमारी सरकार ने यहां की शिक्षा स्तर को एक नई आयाम के साथ आगे बढ़ने का कार्य कर रही है। हमने झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को एक चुनौती के रूप में लिया है। अभी तो सिर्फ शुरुआत है आगे कई महत्वपूर्ण योजनाएं शिक्षा के क्षेत्र में जुड़ेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई बड़े समूह राज्य सरकार के साथ जुड़ रहे हैं। ये समूह हमें शिक्षा व्यवस्था में सुधार हेतु पूरा सहयोग देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द एक बड़ी संस्था अजीम प्रेमजी फाउंडेशन हमारे यहां के शिक्षकों तथा अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देने का काम भी करेगी।
बच्चे-बच्चियों के हौसले को देना है पंख
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस समय में अध्ययनरत बच्चे-बच्चियों को आगे बढ़ने के लिए हौसला देने की आवश्यकता है। राज्य स्तर पर मेधावी टॉपर बच्चे-बच्चियों को राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि के साथ-साथ अब लैपटाप तथा मोबाइल भी देगी, जो गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा हेतु वर्तमान समय में आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब चयनित उत्कृष्ट विद्यालयों में भी कंपटीशन कराया जाएगा। जिन विद्यालयों का परिणाम बेहतर होगा उन विद्यालयों के कर्मियों एवं बच्चों को देश के अन्य राज्यों का भ्रमण कराया जाएगा। अन्य राज्यों के स्कूलों में हमसे क्या बेहतर है हमारे बच्चे उसे देखेंगे तथा सीखेंगे।
क्वालिटी एजुकेशन के साथ-साथ पाठ्यक्रममें कला संस्कृति के विषय जुड़ेंगे
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन के साथ-साथ हमारे बच्चों को झारखंड की कला संस्कृति के संरक्षण हेतु प्रेरित करेगी तथा पाठ्यक्रम में नए विषयों के रूप में झारखंड की कला संस्कृति से संबंधित एक अलग विषय जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की भाषा, कला संस्कृति को आने वाली पीढ़ी भूले नहीं यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। हमें अपने भाषा संस्कृति को अक्षुण्ण रखने की आवश्यकता सदैव रहेगी।
उत्कृष्ट विद्यालय (स्कूल ऑफ एक्सीलेंस) से संबंधित खास बातें
राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के भौतिक संरचना को आदर्श मानक एवं विद्यालय की आवश्यकता के अनुसार निर्मित किया गया है।
राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में आधुनिक एवं सभी आवश्यक व्यवस्थाओं सहित पुस्तकालय की व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों के लिए उपयोगी पुस्तकें, दैनिक समाचार पत्र, प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों के साथ-साथ पत्र-पत्रिका की व्यवस्था की गई है।
विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रूझान विकसित करने तथा उनमें वैज्ञानिक सोच को आगे बढ़ाने हेतु राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में विज्ञान लैब की अधिष्ठापना की जा रही है ।
राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में आई. सी. टी. लैब के साथ-साथ स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई है। इसके माध्यम से हर दिन कम्प्यूटर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं एवं साथ ही ई-कैंट के माध्यम से विषयवार विशेष जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
राज्य के 80 उत्कृष्ट विद्यालयों में विभिन्न ट्रेड में व्यवसायिक शिक्षा की शुरूआत की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में अपनी रूचि अनुसार अपने हुनर को आगे बढ़ाना है ताकि भविष्य में वे अपने आजीविका को सहजता से आगे ले जा सके।
विद्यालय का उत्तरोत्तर विकास एवं उन्नयन विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा ही संभव है । विद्यालय प्रबंध समिति के सभी सदस्यों का विद्यालय के साथ बेहतर संबंध विद्यालयों को प्रगति की राह पर ले जाता है, इसमें संदेह नहीं है । समिति के सभी सदस्यों को निरंतर प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे अपनी जिम्मेवारी बखूबी निभा सके।
विद्यालयों के प्रभावी संचालन में प्रधानाध्यापक की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। प्रधानाध्यापकों में नेतृत्व क्षमता के विकास हेतु राज्य में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को भारतीय प्रबंधन संस्थान, राँची के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस क्रम में 15 शिक्षकों को भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से भी प्रशिक्षित किया गया है। उत्कृष्ट विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के प्रशिक्षण की भी योजना तैयार की गई है। शिक्षक के क्षमतावर्द्धन तथा आधुनिक विषयवस्तुओं से परिचित कराने हेतु राज्य के सभी 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के शिक्षकों को आगामी ग्रीष्मावकाश में प्रशिक्षित करने की योजना तैयार की गई है।
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में खेलकूद की भूमिका महत्त्वपूर्ण है । हमारे विद्यार्थियों में खेलकूद के प्रति रूचि विकसित हो तथा वे राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक के विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर राज्य का नाम रौशन करे, इस हेतु उत्कृष्ट विद्यालयों में खेलकूद को महत्त्वपूर्ण अंग माना गया है तथा सभी आवश्यक व्यवस्था की गई है।
इस अवसर पर वंदना डाडेल, प्रधान सचिव, मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, विभागीय सचिव के० रवि कुमार, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुनील कुमार, प्राथमिक शिक्षा निदेशक चंद्रशेखर, राज्य भर से पहुंचे 80 उत्कृष्ट विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं अन्य लोग उपस्थित थे।