स्थापना दिवस समारोह में राष्ट्रपति के शामिल नहीं होने के लिए हेमंत जिम्मेवार : सालखन

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डीजे न्यूज, रांची : आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के 15 नवंबर को झारखंड आकर भी स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जिम्मेवार हैं। जनता को उन्हें इसका जवाब देना होगा। सालखन मुर्मू ने प्रेस बयान जारी कर यह बातें कहीं।
सालखन ने कहा है कि राष्ट्रपति का रांची आकर महान शहीद बिरसा मुंडा के गांव उलीहातू और खूंटी जाना संभव हो रहा है तो रांची में झारखंड स्थापना दिवस में शामिल नहीं होना जरूर किसी बड़े षड्यंत्र का हिस्सा प्रतीत होता है। ऐसा लगता है कि शिबू- हेमंत सोरेन स्थापना दिवस की श्रेय आदिवासी महिला राष्ट्रपति के साथ बांटना नहीं चाहते हैं। पूर्व घोषित कार्यक्रम के उलट अचानक राष्ट्रपति के स्थापना दिवस जैसे महत्वपूर्ण दिन रांची में शामिल नहीं होना या नहीं होने देना दुर्भाग्यपूर्ण है, चिंताजनक है। इसके लिए हेमंत सोरेन सरकार दोषी प्रतीत होता है। यह घटना अब एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना बन जाती है तथा यह आदिवासी महिला राष्ट्रपति को अपमानित करने जैसा है।
सालखन मुर्मू ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी आदिवासी विरोधी प्रतीत होती हैं। यही कारण है कि उनके एक मंत्री अखिल गिरी ने अमर्यादित टिप्पणी कर राष्ट्रपति को अपमानित किया है। जब तक उक्त मंत्री को बर्खास्त और गिरफ्तार नहीं किया जाता है आदिवासी सेंगेल अभियान के कार्यकर्ता 5 प्रदेशों में 15 नवंबर तक उक्त मंत्री का पुतला दहन जारी रखेंगे।
सालखन ने कहा है कि सोरेन परिवार के राजनीतिक पतन के बगैर आदिवासी और झारखंड का उत्थान असंभव है। सोरेन परिवार को आदिवासी सेंगेल अभियान के 10 सवालों का जवाब देना जरूरी है, अन्यथा उनपर लग रहे आरोप स्वतः प्रमाणित हो जाते हैं। सोरेन परिवार के क्रियाकलाप अबतक आदिवासी विरोधी साबित हो चुके हैं।

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