हेमंत ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों को दिए निर्देश

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हेमंत ने कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों को दिए निर्देश

सभी जिलों का भ्रमण कर लोगों की समस्याओं का करें निष्पादन, दूरस्थ क्षेत्रों के लिए बनाएं योजना

डीजे न्यूज, रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड मंत्रालय में मंत्रिपरिषद की बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में राज्य सरकार के सभी मंत्रीगणों को अपने-अपने विभागीय कार्यों के सम्पादन के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर परामर्श दिया गया।

सभी मंत्रीगण सरकार के इस कार्यकाल में इन तथ्यों का विशेष ध्यान रखेंगे :

प्रस्ताव पर संतुष्टि : मंत्रिपरिषद में भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर स्वयं संतुष्ट हो लें। वित्त विभाग, विधि विभाग, और कार्मिक विभाग से भी संपर्क करें ताकि ससमय प्रस्ताव मंत्रिपरिषद की बैठक में आ सके।

विभागीय समीक्षा : सभी मंत्री अपने-अपने विभाग के सभी जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जाकर विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें तथा विभागीय योजना के लाभुकों से मुलाकात कर फीडबैक लें।

योजनाओं का अध्ययन: विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें। सभी योजनाओं को समझकर उनके गुण-दोष का अध्ययन करें।

लंबित योजनाएं : लंबे समय से लंबित योजनाओं के कारणों की समीक्षा करें और उन्हें पूरा कराने के लिए कार्रवाई करें।

परिवर्तन की आवश्यकता : उन योजनाओं में, जिनमें आज की पृष्ठभूमि में बदलाव अपेक्षित है या जिनमें क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है, बदलाव के प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई करें।

दूर-दराज के क्षेत्र: राज्य में दूर-दराज के क्षेत्रों, SC/ST क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्रों के लिए योजनाओं के प्रस्ताव पर विचार करें।

राजस्व प्राप्ति : जिन विभागों में राजस्व प्राप्ति की बेहतर संभावनाएं हैं, वे राजस्व स्रोत की समीक्षा कर राजस्व प्राप्ति बढ़ाने के प्रस्ताव तैयार करें।

इन्फ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा: भवन जैसी इन्फ्रास्ट्रक्चर वाली योजनाओं की विशेष समीक्षा करें ताकि बने हुए भवन का वास्तविक इस्तेमाल हो सके। अनावश्यक भवनों की योजना न ली जाए।

वर्ष 2025-26 की योजनाएं: वर्ष 2025-26 में ली जाने वाली योजनाओं की रूपरेखा तैयार करें।

प्रोन्नति की समीक्षा: अधीनस्थ अधिकारी, कर्मचारी की प्रोन्नति की स्थिति की समीक्षा करें और प्रोन्नति प्रदान करें।

पदस्थापना की समीक्षा: पदस्थापना की समीक्षा करें और आवश्यकता या कम जरूरत के आधार पर समायोजन करें।

निजी स्टाफ की नियुक्ति : आप्त सचिव तथा निजी स्टाफ रखते समय उनकी पृष्ठभूमि जरूर देख लें ताकि विवादित कर्मी मंत्री कार्यालय में स्थान न पाएं।

कोर्ट केस की समीक्षा : कोर्ट केस की भी समीक्षा करें ताकि सरकार कम से कम मामलों में हारे।

जिला भ्रमण : अपने विधानसभा क्षेत्र के बाहर भी हर जिला में भ्रमण करें और लोगों से मिलकर वहाँ की समस्या (खासकर अपने विभाग से संबंधित) के निपटारा के लिए प्रयास करें।

फीडबैक प्राप्त करें : क्षेत्रीय पदाधिकारियों के बारे में क्षेत्र भ्रमण के क्रम में फीडबैक प्राप्त करें और माननीय मुख्यमंत्री को समय-समय पर अवगत कराएं।

जनप्रतिनिधियों से मिलें : स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलने के लिए तिथि का निर्धारण करें ताकि सभी को सहूलियत हो।

प्रेस कांफ्रेंस : सभी मंत्री समय-समय पर अपने विभाग की उपलब्धियों के विषय में प्रेस के प्रतिनिधियों को प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सभी मंत्रियों को इन निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया ताकि राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।

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