रेलवे ट्रैक उड़ाने में हार्डकोर नक्सली नंदलाल पर चलेगा केस
डीजे न्यूज, गिरिडीह :
सेंट्रल जेल में बंद हार्डकोर 25 लाख के नक्सली नंदलाल मांझी उर्फ हितेश पर डुमरी थाना क्षेत्र में हुए एक मामले में केस चलाया जाएगा।डुमरी पुलिस ने असुरबाँध स्टेशन के करीब रेलवे ट्रेक उड़ाने में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।यह घटना इसी साल नक्सली विरोध पखवाड़ा में हुई थी।भाकपा माओवादी के सर्वोच्च लीडर प्रशांत बोस के गिरफ्तारी के बाद संगठन ने विरोध पखवाड़ा मना रही थी।इस दौरान गिरिडीह जिले में एक के बाद एक चार बड़े घटनाओं को अंजाम दिया गया था।जिसमे दिल्ली-कोलकाता मुख्य ट्रेक को उड़ा दिया गया था।इस कारण सरकार को लाखों रुपए का नुकसान हुआ था।साथ राजधानी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें जहां तहां रोकी गई थी।इस मामले में कृष्णा हांसदा के नेतृत्व में नन्दलाल मांझी को भी शामिल होने का आरोप लगाया गया था।जिसमे नन्दलाल को नामजद आरोपित बनाया गया था।नंदलाल मांझी को पीरटांड़ पुलिस इसी माह गिरफ्तार कर जेल भेजी थी।जो साल 2020 के एक मामले में नामजद था।
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कौन है नंदलाल मांझी
नक्सली संगठन में नंदलाल का कद काफी बड़ा है।उसका ऑपरेशन एरिया मुख्य तौर पर संथाल परगना रहा है। दुमका, गोड्डा, देवघर, पाकुड़ जिलों में उसके खिलाफ हत्या, लेवी वसूली, पुलिस पर हमला, सरकारी भवनों को विस्फोट के जरिए उड़ाने और अन्य अपराध के दो दर्जन से भी ज्यादा मामले दर्ज बताए जाते हैं।भाकपा माओवादी नक्सलियों के खिलाफ अभियान में झारखंड पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली थी।जब पीरटांड़ पुलिस के हत्थे नंदलाल चढ़ गया था। गिरिडीह, धनबाद, बोकारो और संथाल परगना इलाके की पुलिस के लिए लंबे समय से मोस्ट वांटेड नक्सली नंदलाल मांझी उर्फ हितेश को गिरफ्तार कर लिया गया है। उस पर 25 लाख का इनाम घोषित था। वह माओवादियों के संगठन की सर्वोच्च बॉडी स्पेशल एरिया कमेटी सैक का सदस्य है।
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नक्सली की पत्नी पर भी एक्शन
पुलिस ने इस कार्रवाई में नंदलाल की पत्नी को भी अरेस्ट किया है। उसका संबंध भी नक्सली संगठन से है। वह माओवादियों के ही एक संगठन नारी मुक्ति संघ की अध्यक्ष रही है। बताया जा रहा है कि इन दोनों की गिरफ्तारी हुई थी नंदलाल पीरटांड़ थाना क्षेत्र के जोनरबेड़ा-खुखरा का रहने वाला है।
नक्सली संगठन में नंदलाल का ऑपरेशन एरिया मुख्य तौर पर संथाल परगना रहा है। दुमका, गोड्डा, देवघर, पाकुड़ जिलों में उसके खिलाफ हत्या, लेवी वसूली, पुलिस पर हमला, सरकारी भवनों को विस्फोट के जरिए उड़ाने और अन्य अपराध के दो दर्जन से भी ज्यादा मामले दर्ज बताए जाते हैं। नक्सली संगठन में उसे विजय दा, पवित्र दा, हितेश दा नाम से भी जाना जाता है।
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नक्सली पर दर्ज हैं कई मामले
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसने कुछ दिनों से पीरटांड़ इलाके में शरण ले रखा था। गिरिडीह पुलिस भी उसके खिलाफ दर्ज मामलों की फाइलें खंगाल रही है। इसके पहले वह पुलिस सर्च और मुठभेड़ की कई घटनाओं में बच निकलने में कामयाब रहा है। 26 दिसंबर 2020 को गिरिडीह के मंजीरा जंगल में पुलिस ऑपरेशन के दौरान तीन बड़े नक्सली गिरफ्तार किए गए थे, लेकिन नंदलाल उर्फ हितेश अपने साथियों कृष्णा, दानियल, टेकलाल और जयराम के साथ भागने में सफल रहा था।