बेहाल है मेहनतकश : हरि प्रसाद

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डीजे न्यूज, धनबाद : मजदूर दिवस के अवसर पर मार्क्सवादी समन्वय समिति ने मजदूर चौक पर माल्यार्पण कर मजदूर दिवस मनाया। कार्यक्रम में मासस के केंद्रीय सचिव हरिप्रसाद पप्पू ने कहा कि एक मई 1886 इतिहास में पूंजीपतियों का दासता से मजदूर वर्ग के मुक्ति संग्राम में एकता संघर्ष और विजय त्योहार के रूप में एक नजीर पेश करता है। इससे पहले 1847 में कम्युनिस्ट घोषणापत्र निकल चुका था और फ्रांस की औद्योगिक क्रांति से विकसित हो रहे पश्चिमी देशों के साथ अमेरिका में भी उद्योग कल कारखानों रेल आदि का तेजी से विकास हुआ। मजदूर का घोषणा और अनिश्चित कार्य दिवस के अवधि के साथ-साथ उचित मजदूरी की लड़ाई में वामपंथी विचार का तेजी से पैठ बनता गया। इस संग्राम और लड़ाई से मालिकों को मजदूरों के हित में समझौता करना पड़ा। हर दिन काम का समय आठ घंटा, सप्ताह में छह दिन काम और एक दिन वेतन के साथ रविवार की छुट्टी रविवार का ऐतिहासिक समझौता हुआ। इसके बाद मई दिवस पूरे संसार का धरोहर बन गया। आधुनिक युग में पूंजी का स्वरूप बदल गया। यह आज कॉर्पोरेट के रूप में है। इस स्वरूप की गिरफ्त में इसकी सभी सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक आदि व्यवस्था पूर्णरूप से चपेट में है। अब मजदूर वर्ग बेरोजगारी महंगाई के साथ बहुत कम मजदूरी के साथ अनिश्चित काम के घंटे आदि का पूर्ण रूप झेल रहे हैं। लोक उपक्रम एवं सरकारी संस्थाओं का निजीकरण आउटसोर्सिंग तथा मुक्त बाजार की लूट से मेहनतकश लोग बेहाल है। वर्तमान केंद्र सरकार पूर्ण रूप से मजदूर विरोधी है। मजदूरों के हक एवं अधिकार के लिए जो श्रम कानून था उसे हटाकर मजदूरों को बंधुआ मजदूर बनाने का प्रयास चल रहा है। ज्यादातर कोलियरी में मैन्युअल लोडिंग को हटाकर पैलोडर से कोयला लोड किया जाता है। इससे मजदूर भुखमरी के कगार में जा रहे हैं। यदि भारत के सभी मजदूर एक हो जाते हैं तो ऐसे तानाशाही केंद्र सरकार को हटाकर मेहनतकश अवाम के हाथ में सत्ता का बागडोर होंगे। यही मई दिवस के आंदोलन के शहीद मजदूरों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में मायुमो जिला सचिव राणा चट्टराज, नंदलाल महतो, भूषण महतो, विवेक कुमार, रवि शंकर सिंह, रविंदर सिंह, उमा चौहान, गोपीनाथ महतो, महेंद्र भारती, सुशांत नायक शामिल थे।

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