एमएसीपी पर सप्ताहभर में अधिकारियोंं संग बैठक कर सरकार करेगी कार्रवाई

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एमएसीपी पर सप्ताहभर में अधिकारियोंं संग बैठक कर सरकार करेगी कार्रवाई 

शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने अनशन स्थल पर आकर की घोषणा, पांच अगस्त से राजभवन के बाहर चल रहा प्राथमिक शिक्षकों का आमरण अनशन स्थगित 

डीजे न्यूज, गिरिडीह : एमएसीपी, अपग्रेडेड स्केल, स्वास्थ्य बीमा व परिवहन भत्ता की अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के मांगों पर सरकार सप्ताहभर में अधिकारियोंं संग बैठक कर कार्रवाई करेगी। यह आश्वासन शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव नंदकिशोर लाल ने राजभवन के बाहर आमरण अनशन पर बैठे प्राथमिक शिक्षकों को दिया। इस आश्वासन के बाद अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने राजभवन के समक्ष चल रहा अपना आमरण अनशन बुधवार की शाम समाप्त कर दिया। संयुक्त सचिव खुद अनशनस्थल पर पहुंचे और अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के नेताओं के साथ वार्ता की। संघ के महासचिव को उन्होंने लिखित पत्र भी दिया।

शिक्षा मंत्री बैजनाथ राम के पहल पर आये संयुक्त सचिव नंद किशोर लाल एवं खिजरी विधायक राजेश कच्छप ने संघ के नेताओं से खुलकर बात की। विधायक राजेश कच्छप ने भी शिक्षा सचिव से अनशन स्थल से बात की।

वार्ता समाप्त के कुछ देर बाद ही पलामू जिला संयुक्त सचिव विनय मांझी के पास शिक्षा मंत्री का फोन आया कि अगली वार्ता बहुत निकट में होगी। इसमें अजाप्टा के शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं के साथ वित्त सचिव व शिक्षा सचिव भी रहेंगे। खुद विधायक राजेश कच्छप का भी कहना था कि अगली बैठक में अपेक्षित परिणाम मिलेगा। सारी तथ्यों को दृढ़तापूर्वक एवं साक्ष्य के साथ विधायक एवं शिक्षा संयुक्त सचिव के पास प्रदेश महासचिव राम मूर्ति ठाकुर ने रखा। इनका दो टूक कहना था कि संघ के पास दस्तावेज, समय समय पर निर्गत समस्त चिट्ठी उपलब्ध है और खुलासा भी हो जायेगा कि गतिरोध कहां उत्पन्न हो रहा है।

प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी ने भी कहा कि अजाप्टा उक्त मांगों को लेकर वर्षों से संघर्षरत है। 2022 में कई चरणों का आंदोलन हुआ। 19 नवंबर का ऐतिहासिक प्रर्दशन हुआ जिसके आलोक में 22 नवंबर 2022 को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की उपस्थिति में मुख्यमंत्री के साथ बैठक हुई। आश्वासन मिला लेकिन मूर्त रुप नहीं ले सका।

इसी बीच लगभग डेढ़ वर्षों बाद स्थगित आंदोलन के चौथे चरण ‘आमरण अनशन’ करने का निर्णय लिया गया। इसी बीच मुख्यमंत्री से भी बीते 29 जुलाई को सकरात्मक आश्वासन मिला। बहुत जल्द उच्च स्तरीय वार्ता कराने की बात कही गयी लेकिन आशानुरुप परिणाम नहीं होने पर पूर्व में लिये गये निर्णानुरुप 5 अगस्त से आमरण अनशन करने का निर्णय लिया गया।

आज की वार्ता में एमएसीपी संघर्ष मोर्चा के प्रदेश संयोजक अमरनाथ झा, राज्य सलाहकार समिति वरीय सदस्य सुनील कुमार,प्रेस प्रवक्ता नसीम अहमद, वरीय उपाध्यक्ष दीपक दत्ता, बाल्मिकी, रांची जिलाध्यक्ष सलीम सहाय तिग्गा, पलामू जिला के अध्यक्ष सुधीर कुमार दूबे, संयुक्त सचिव विनय मांझी, संगठन मंत्री राजीव रंजन पांडेय, जिला उपाध्यक्ष नंद किशोर राम, संयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी, लातेहार जिलाध्यक्ष अजय कुमार, महासचिव अमूल्य रत्न द्विवेदी, गढ़वा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार दूबे, महासचिव दिलीप श्रीवास्तव, पश्चिमी सिंहभूम अध्यक्ष उपेंद्र, महासचिव असीम कौशल, गिरिडीह जिला अध्यक्ष विनोद राम के साथ चतरा, जामताड़ा सहित पूर्वी सिंहभूम के नेता उपस्थित थे। प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी व महासचिव राम मूर्ति ठाकुर ने स्पष्ट कहा कि शिक्षकों की भावनाओं के अनुरुप वार्ता सफल नहीं हुई तो अगली तिथि से फिर राजभवन के सामने आमरण अनशन पर बैठ जायेंगे। अंत में सभी अनशनकारियों को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया गया।

विदित हो कि अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर राज्यभर के प्राथमिक शिक्षक सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना (एमएसीपी) लागू करने समेत अन्य मांगों को लेकर पांच अगस्त से मुख्यमंत्री आवास के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे थे। बुधवार को गिरिडीह जिले के सैकड़ो शिक्षक वहां आमरण अनशन पर बैठे। आंदोलनकारी शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर वहां जमकर नारेबाजी की। साथ ही ऐलान किया कि उनकी मांगेंं पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

आज के आंदोलन में शामिल होने वालों में अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के गिरिडीह जिलाध्यक्ष बिनोद राम, महासचिव छोटेलाल मुर्म, रामदेव वर्मा, मितेन्दृ नारायण, राजनारायण वर्मा, सलीम अंसारी, सुखदेव दास, सबीर अंसारी, रंजीत कुमार, सुमन प्रसाद, मनोज कुमार राम, प्रणय मिश्रा, गजेंद्र प्रसाद, अंबिका महतो, बसंत वर्मा, हरिनंदन कुमार, अशोक वर्मा, दिगंबर प्र. दिवाकर, सुधीर गुप्ता, युगल किशोर, महादेव राय, सुनील टुडू, प्रदीप वर्मा आदि प्रमुख हैं।

 

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की यह है मांग 

 

राज्य के शिक्षकों के लिए सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना (एमएसीपी) लागू करने, स्नातक प्रशिक्षित और प्रधानाध्यापक के पदों पर प्रोन्नति देने, छठे वेतनमान की विसंगति दूर करना, अंतर जिला स्थानांतरण में गृह जिला में स्थानांतरण का विकल्प देने, स्वास्थ्य बीमा लागू करने, राज्यकर्मियों के लिए सभी स्थानों पर परिवहन भत्ता।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की राज्य कार्यकारिणी ने लिया था आंदोलन का फैसला 

एमएसीपी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष पांच अगस्त से राज्य के शिक्षक करेंगे आमरण अनशन, यह निर्णय पिछले दिनों अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्यकार्यकारिणी की रांची में हुई बैठक में लिया गया था। संघ ने कहा है कि बिहार की भांति राज्य के शिक्षकों को एम ए सी पी का लाभ देने का आश्वासन 2022 में ही मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षकों को दिया गया था,लेकिन आज तक इस पर निर्णय नहीं लिया सरकार ने। शिक्षकों की प्रोन्नति को कोर्ट के हवाले करके शिक्षा विभाग शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशानी में डाले हुए हैं। साथ ही 2016 से पूर्व के नियुक्त शिक्षकों को उनके वरीयता का लाभ अब तक नहीं मिल पा रहा और स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के चालीस प्रतिशत पद तथा प्रधानाध्यापकों के 97 प्रतिशत पद रिक्त पड़े हुए हैं, कैबिनेट से निर्णय होने के बाद भी राज्यकर्मियों को अब तक स्वास्थ बीमा लागू नहीं किया जा सका है। छठे वेतनमान की विसंगति दूर करने में शिक्षकों के साथ भेदभाव रखते हुए सचिवालय सहायकों को इसका निदान कर दिया गया लेकिन शिक्षकों का मामला अब तक लंबित है।

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