मासिक धर्म की गलत धारणा दूर कर महिलाओं को दें स्वस्थ जीवन

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : अंतराष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर सभी बहनों और बेटियों को वर्तमान में चुप्पी और वर्जना को तोड़ने, जागरूकता बढ़ाने और मासिक धर्म के आसपास के नकारात्मक सामाजिक मानदंडों को बदलने की आवश्यकता है।
इसे केवल महिलाओं का विषय समझकर नहीं बल्कि एक सामान्य विषय समझकर बात करें। इससे जुड़ी गलत धारणाओं को हटाकर महिलाओं को स्वस्थ जीवन का उपहार दें। यह बातें सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा ने कहीं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण है कि लोगों के बीच मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाते हुए इस विषय को जीवन का एक सामान्य तथ्य बनाना।
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 2022 की थीम और महत्‍व के बारे में हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है ताकि, इस विजन के साथ थीम का उद्देश्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहां 2030 तक एक ऐसी दुनिया बनाना संभव हो जहां, मासिक धर्म के कारण कोई महिला या लड़की पीछे न रहे। इसका अर्थ है एक ऐसी दुनिया जिसमें हर महिला और लड़की को अपने मासिक धर्म को सुरक्षित, स्वच्छता से, आत्मविश्वास के साथ और बिना शर्म के कंट्रोल करने का अधिकार है।
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28 मई का महत्व :
2013 में जर्मन नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन वाश यूनाइटेड द्वारा मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की शुरुआत की गई थी। यह 28 मई को चिह्नित किया जाता है क्योंकि औसतन महिलाओं और लड़कियों को प्रति माह 5 दिन मासिक धर्म होता है और मासिक धर्म चक्र का औसत अंतराल 28 दिनों का होता है। इसलिए 28-5 या 28 मई को दिन को चिह्नित करने के लिए चुना गया था।
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सदर अस्पताल में चित्रकला प्रतियोगिता :
इसके अलावा सिविल सर्जन द्वारा सदर अस्पताल में आयोजित चित्रकारी प्रतियोगिता में शामिल छात्राओं को पुरस्कार देकर उनको प्रोत्साहित किया गया। जिसमें प्रथम पुरस्कार पायल कुमारी, आरके महिला कॉलेज, द्वितीय पुरस्कार दीपिका कुमारी, आराधना कुमारी, बीएनएस डीएवी, तृतीय पुरस्कार ब्यूटी कुमारी, आरके महिला कॉलेज शामिल हैं।

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