गिरिडीह के आठ सौ अधिवक्ता वोट से शनिवार को चुनेंगे अपना प्रतिनिधि

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गिरिडीह के आठ सौ अधिवक्ता वोट से शनिवार को चुनेंगे अपना प्रतिनिधि

निष्पक्ष चुनाव कराने स्टेट बार काउंसिल के दो पर्यवेक्षक पहुंचे 

जिला अधिवक्ता संघ चुनाव को लेकर तोड़फोड़ व बैठकों का दौर देर रात तक चला 

डीजे न्यूज, गिरिडीह : गिरिडीह जिला अधिवक्ता संघ के कार्यकारिणी का चुनाव शनिवार को होगा। चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।चुनाव समिति ने बैलेट पेपर प्रिंटिंग होकर हस्ताक्षर किया है। सभी में नम्बरिंग की गई है।जिससे कोई हेरफेर की संभावना नहीं हो। चुनाव के लिए संघ भवन का हॉल में कई काउंटर बनाए गए हैं। एक साथ दस से अधिक मतदाता अपने वोट अलग अलग काउंटर पर डाल पाएंगे। निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए स्टेट बार काउंसिल ने दो सीनियर पर्यवेक्षक को गिरिडीह भेजा है। स्टेट बार काउंसिल के सदस्य बालेश्वर प्रसाद सिंह और मृत्युंजय कुमार श्रीवास्तव गिरिडीह पहुंच गए हैं। मृत्युंजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि चुनाव बिल्कुल निष्पक्ष होगा। सुबह नौ बजे से दिन के तीन बजे तक मतदाता वोट दे पाएंगे। गिरिडीह में करीब आठ सौ सदस्य आठ पदों के लिए 15 लोगों को चुन पाएंगे। इनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव प्रशासन, सचिव लाइब्रेरी, कोषाध्यक्ष, सहायक कोषाध्यक्ष और नौ कार्यकारिणी सदस्यों को वोट देंगे। प्रचार के अंतिम दिन शुक्रवार को प्रत्याशियों ने पूरे दमखम लगाए।अध्यक्ष पद के लिए निवर्तमान अध्यक्ष प्रकाश सहाय विकास के नाम पर व प्रतिद्वंद्वी सुखदेव भास्कर बदलाव के नाम पर घूम घूम कर लोगो से वोट मांगे हैं। महासचिव के लिए राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी चुन्नुकांत ने अधिवक्ताओं के हित में किए कार्यो और भविष्य में विकास की गति बढ़ाने के लिए वोट मांगा। वहीं पूरण महतो ने सत्ता परिवर्तन के लिए सभी से वोट मांगे। इधर उपाध्यक्ष के लिए अजय कुमार सिन्हा मंटू ने दर्जनों वकील समर्थकों के साथ घूम घूम कर वकीलों से वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा व्यक्तिगत रूप से संघ के विकास में उनकी बड़ी भागीदारी होगी।पिछले छह बार से चुने गए उपाध्यक्ष ने एक भी कार्य अधिवक्ताओं के हित के लिए नहीं किए। वहीं अन्य पदों के लिए प्रत्याशियों ने वोट मांगे। इधर शाम होते होते पार्टियों का दौर शुरू हो गया। कई नामचीन होटलों में ग्रुप में होकर पार्टी का दौर चलता रहा। कई स्थानों पर जातिगत बैठकें हुई। जहां सामूहिक लजीज भोजन की व्यवस्था भी थी। बहरहाल डबल ग्रेजुवेट कहे जाने वाले अधिवक्ता खुद समाज को सही दिशा देने वाले होते हैं जो एक अच्छे समाज की परिकल्पना करने में भरोसा रखते हैं।

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