गिरिडीह शहर में धूमधाम से हुई मां दुर्गा की विदाई

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गिरिडीह शहर में धूमधाम से हुई मां दुर्गा की विदाई

डीजे न्यूज, गिरिडीह : गिरिडीह शहर के विभिन्न क्षेत्रों में दुर्गा पूजा के भव्य आयोजन के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन धूमधाम से किया गया। बाभन टोली, पचम्बा, वन विभाग कॉलोनी, मोहनपुर, बोडो, भंडारीडीह, अकादमी, गांधी चौक, तिरंगा चौक, आम बगान, सिरसिया, शास्त्री नगर, अर्घाघाट, बभनटोली बरगंड़ा, बरहमसिया, बीबीसी, सीसीएल, महेशलुंडी आदि जगहों पर भव्य पंडाल, लाइट, बाजा और मेले के साथ मां दुर्गा की विदाई हुई।

बाभन टोली के सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति के शंकर यादव, अध्यक्ष सचिव निर्मल झुनझुनवाला, निखिल झुनझुनवाला, वरुण झुनझुनवाला, संजय पाठक, रंजन मिश्रा, कोमल, अराध्या, नंदू सिंह, अविनाश यादव, अमित, नितेश, विशाल, मुंचू, शशांक, गौतम आदि भक्तगण मां दुर्गा के विसर्जन में उपस्थित रहे। पुरोहित ने यात्रा की शुरुआत कर भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करने का आशीर्वाद दिया।

वन विभाग कॉलोनी और मोहनपुर के डीएफओ मनीष तिवारी, सीएफओ रविन्द्र नाथ मिश्रा, एस के रवि, कपिल देव राय, अंजनी कुमार अंबास्था, सुनील सिंह, मधु समेत शक्ति उपासना समिति, वन विभाग कॉलोनी और मोहनपुर के अध्यक्ष कपिल देव राय, सचिव राजेश सिन्हा, कोषाध्यक्ष राजेश यादव, उपाध्यक्ष देव कुमार चौबे और अन्य सदस्यों ने पूजा में भाग लिया।

दुर्गा पूजा छोटकी काली मंडा के सतीश मिश्रा, सचिव सुशील सुराना, उपाध्यक्ष दीपक यादव, साठू ठाकुर, अमित मिश्रा, रोहित राय, राम यादव, विकास, सक्षम, प्रेम यादव भी विसर्जन में शामिल हुए।

सार्वजनिक दुर्गा मंडप भंडारीडिह के संजय कुमार झा, सचिव जनार्दन विश्वकर्मा, दीपक कुमार वर्मा, दीपक स्वर्णकार, मन्नू कुमार, राजीव कुमार, संजय कुमार के साथ वार्ड पार्षद नीलम झा और अजय कांत झा ने अपने आवास पर पूजा अर्चना की।

बरगंडा सार्वजनिक काली मंडा के अध्यक्ष अजय बगड़िया, सचिव प्रदीप अग्रवाल, राजेंद्र भर्तियां, दुर्गा राम, रवि रंजन, नवीन सिन्हा, रंजीत यादव समेत अन्य सदस्यों ने भी मां दुर्गा के विसर्जन में भाग लिया।

सीसीएल सेंट्रल दुर्गा पूजा कमिटी बनियाड़ीह, जो 1938 से पूजा कर रहा है, के प्रमोद कुमार सिंह, अध्यक्ष सचिव दिलीप कुमार पासवान, अजय कुमार, दिनेश यादव, अजीत कुमार, सनी, चंद्रकांत सिंह, निशु, नीरज, सोमेश आदि की अहम भूमिका रही। सुरो सुंदरी इंस्टीट्यूट, अकादमी में 1942 से हो रही पूजा में ग्राम झारखंड आधारित पंडाल सजाया गया था।

दुर्गा पूजा के भव्य आयोजन और मेले में इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के दर्शन किए। इस मेले की खास बात यह थी कि यहाँ भाईचारे की मिसाल देखने को मिली। मेले में अधिकतर दुकानें मुस्लिम भाइयों की होती हैं और खरीददार हिंदू होते हैं। इस मेले का आयोजन दोनों समुदाय के लोग मिलकर करते हैं, जो दूर-दूर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

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