विशेषज्ञों ने बजट पर राज्य सरकार को दिए सुझाव, हेमंत ने कहा, रोजगार सृजन प्राथमिकता
डीजे न्यूज, रांची : राज्य के आदिवासी,दलित, शोषित, जरूरतमंद समुदाय सहित सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास को मद्देनजर रखते हुए एक बेहतर और समावेशी बजट बनाया जा सके। इसी सोच के साथ ‘हमीन कर बजट’ अंतर्गत राज्य की आम जनता एवं विशेषज्ञों के सुझाव राज्य सरकार ने बजट से पूर्व लेने का काम किया है। आप सभी के सुझाव के अनुरूप लोक कल्याणकारी बजट बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। वर्ष 2023-24 का बजट ऐसा बने, जिससे एसटी, एससी, ओबीसी, माइनॉरिटी सहित सभी वर्ग के लोगों को लाभ मिल सके। राज्य में स्वरोजगार सृजित करने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर राज्य सरकार विशेष बल दे रही है। सड़क, बिजली, पानी की उपलब्धता हर व्यक्ति की जरूरत है। वर्तमान समय में झारखंड राज्य में सड़क मार्ग, हवाई मार्ग तथा जल मार्ग की स्थिति संतोषजनक है। इन क्षेत्रों में काफी विकासात्मक काम हुए हैं। झारखंड के 24 में से 23 जिले किसी न किसी दूसरे राज्यों से जुड़े हैं। आने वाले समय में इन कनेक्टिविटी का उपयोग रोजगार सृजन के साथ-साथ रेवेन्यू जेनरेट का जरिया बने ऐसी कार्य योजना बनाकर आगे बढ़ने की जरूरत है। राज्य सरकार चाहती है कि झारखंड के लोगों को क्या सपोर्ट दें कि यहां के लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें। बजट राज्य के विकास के लिए बनायी जाती है। मुझे विश्वास है कि जिन महानुभावों ने बजट पर अपना सुझाव राज्य सरकार को दिया है, उनके सुझाव राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में वित्त विभाग द्वारा आयोजित बजट-पूर्व गोष्टी 2023-24 को संबोधित करते हुए कहीं।
बजट के प्रति लोगों को जागरूक करना आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित राज्यों तथा बड़े-बड़े शहरों में बजट के प्रति आम लोगों की उत्सुकता देखने को मिलती है, परंतु हमारे राज्य में बजट के प्रति लोगों में उत्सुकता कम नजर आती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जरूरी है कि राज्य के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोग बजट को जानने का प्रयास करें तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ विकास की राह में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों मैं एक ऐसे क्षेत्र में गया जहां 40 वर्षों के बाद वहां के लोगों ने शहर के लोगों को देखा। हमारे राज्य में इसी तरह के कई और क्षेत्र हैं जहां विकास की योजनाएं न के बराबर पहुंच पायी हैं। हमारी सरकार की सोच है कि राज्य के भौगोलिक बनावट को ध्यान में रखकर बजट ऐसा बनाया जाए जिसका लाभ प्रत्येक परिवार तक पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बिल्कुल डिफरेंट स्टेट है। हमारे राज्य में दूसरे राज्यों के बजट मॉडल को कॉपी पेस्ट नहीं किया जा सकता है।
नीति निर्धारण पर हुआ है कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नीति निर्धारण पर कार्य कर रही है। राज्य में कई बेहतर पॉलिसी बनाई गई है जिसमें खेल नीति, टूरिज्म नीति सहित कई नीतियां शामिल है। खेल नीति के तहत युवाओं को नौकरियां भी मिल रही हैं। खेल के क्षेत्र में झारखंड हमेशा से आगे रहा है। यहां के खिलाड़ियों ने देश और दुनिया में राज्य का नाम रोशन किया है। वर्तमान में भारतीय महिला हॉकी टीम में झारखंड के 5 से 6 बच्चियां देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। पंचायत स्तर पर खेल स्टेडियम बनाने का कार्य राज्य सरकार कर रही है। आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र को भी मजबूत करने का काम किया जाएगा। स्कूल तथा कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर जोर लगाया जा रहा है। स्कूलों तथा कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके, इस निमित्त प्रोफेसर तथा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द प्रारंभ की जाएगी। राज्य सरकार टूरिज्म पॉलिसी के तहत रोजगार सृजन के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। हमारे राज्य में पहले नक्सल गतिविधियों के कारण टूरिज्म को अनदेखा किया गया था लेकिन अब स्थिति वैसी नहीं है अब राज्य सरकार टूरिज्म सेक्टर पर आगे बढ़ रही है। बजट गोष्ठी में महानुभावों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुरूप राज्य सरकार सभी जिलों में हॉस्टल, महिला हॉस्टल का निर्माण तथा पीपीपी मोड पर शहरों का विकास इत्यादि क्षेत्रों पर कार्य करेगी। राज्य के नर्सिंग कॉलेजों में नर्स का ट्रेनिंग सिर्फ लड़कियों को ही नहीं बल्कि लड़कों को भी मिले इस पर कार्य किया जाएगा ताकि आने वाले समय में रोजगार सृजन बड़ी संख्या में हो सके। शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए अलग हॉस्टल बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कॉलेजों की संख्या बढ़ाने पर भी कार्य करने की आवश्यकता है। इस पर हमारी सरकार अवश्य संज्ञान लेगी।
रोजगार सृजन पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट 2023-24 में रोजगार सृजन पर फोकस रखने की जरूरत है। राज्य सरकार ने एक बेहतर इंडस्ट्री पॉलिसी बनाने का काम किया है। रोजगार सृजन हेतु कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही हैं। कई योजनाओं को रफ्तार देकर यहां के आदिवासी, दलित, शोषित, गरीब तथा जरूरतमंदों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई दशक पहले ही राज्य में बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने अपने संस्थान स्थापित किए हैं। बोकारो स्टील प्लांट, टाटा, बिरला, एचईसी, सेल, उषा मार्टिन सहित बड़े-बड़े संस्थानों ने यहां कारोबार को बढ़ाया है। एक समय ऐसा भी रहा जब इन औद्योगिक संस्थानों में बाहर से आकर लोगों ने इंडस्ट्री को चलाने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बेहतर इंडस्ट्री पॉलिसी के तहत निवेशकों को एक बेहतर माहौल देने का काम कर रही है। कई निवेशकों ने झारखंड में निवेश करने की इच्छा भी जाहिर की है। राज्य में अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो इस निमित्त हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत है।
सेल्फ एम्प्लॉयमेंट हेतु कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध करा रही है राज्य सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपनी गारंटी पर यहां के लोगों को निजी व्यवसाय हेतु कम ब्याज दर पर बैंकों से ऋण उपलब्ध करा रही है, लेकिन जानकारी की कमी रहने के कारण यहां के अधिकांश जरूरतमंद लोग बैंकों से ऋण प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। हमारी सोच यह है कि झारखंड के वैसे युवा वर्ग जो कृषि क्षेत्र, ऑटोमोबाइल क्षेत्र, रेस्टोरेंट, विभिन्न दुकाने, छोटे-मोटे व्यवसाय सहित कई अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रोजगार सृजन करना चाहते हैं वे बैंकों से ऋण लें तथा स्टार्टअप की शुरुआत करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थापित बैंकों की भूमिका भी संतोषजनक नहीं है। राज्य के विकास में बैंकों से जो अपेक्षाएं रखी जाती है वे अपेक्षाएं पूरी नहीं हो पा रही हैं।
‘हमीन कर बजट’ पोर्टल के माध्यम से बेहतरीन सुझाव भेजने वाले प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
झारखंड का बजट कैसा हो इसको लेकर वित्त विभाग द्वारा ‘हमीन कर बजट’ पोर्टल के माध्यम से आमजन से भी सुझाव मांगे थे। बेहतर सुझाव देने वाले प्रतिभागियों को मुख्यमंत्री ने प्रशस्ति पत्र देकर तथा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। बेहतर सुझाव देने वाले प्रतिभागियों में नेहा कुमारी (हजारीबाग) निखिल कुमार मंडल (धनबाद) हर्षनाथ शाहदेव (खूंटी) कृष्ण कुमार राणा (हजारीबाग) तथा दुर्गेश कुमार झा (देवघर) शामिल थे।
इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, योजना सचिव अमिताभ कौशल सहित कई विभागों के प्रधान सचिव तथा सचिव एवं राज्य सरकार के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।