‘बंदियों के जीवन की रक्षा करना जेल प्रशासन एवं न्याय प्रशासन का कर्तव्य’

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डीजेन्यूज डेस्क : रविवार को सेंट्रल जेल, गिरिडीह में जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में बंदियों को कानूनी मार्गदर्शन दिया गया। इस क्रम में मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया।
बताया जाता है कि झालसा, रांची के निर्देशानुसार एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के मार्गदर्शन में रविवार को केंद्रीय कारा, गिरिडीह में काराधीन बंदियों के लिए जेल अदालत -सह- विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
जेल अदालत सह विधिक जागरूकता कार्यक्रम में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह, संदीप कुमार बर्तम, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, मोहित चौधरी एवं न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, शाकिया कौशर एवं रिमांड सह रिटेनर सह जेल अधिवक्ता विपिन कुमार यादव उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह संदीप कुमार बर्तम द्वारा उपस्थित बंदियों को कानून में प्रदत मौलिक अधिकारों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गयी। बंदियों द्वारा पूछे गए सवालों का उन्होंने संतोषप्रद जवाब देकर न्यायिक प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्रदान किया।
साथ ही संविधान के द्वारा प्रदत कानूनी अधिकारों के बारे में तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के द्वारा बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विधिक सहायता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बंदियों के जीवन की रक्षा करना जेल प्रशासन एवं न्याय प्रशासन का कर्तव्य है। सभी बंदी इस कोविड-19 रूपी वैश्विक महामारी में अपने आप को सुरक्षित रख सकें इसके लिए उन्हें मूलभूत आवश्यक संसाधनों को मुहैया कराना जेल प्रशासन का दायित्व है। उन्होंने कारा प्रशासन से कहा कि जेल के सभी वार्डों मे लगातार सैनिटाइजेशन तथा हाथ धोने के लिए हैंडवाश एवं साबुन की समुचित व्यवस्था रखें। बंदियों को आपस में उचित दूरी बनाकर रहने के लिए निरंतर जागरुक करते रहें। काराधीन बंदियों विशेषकर महिला बंदियों एवं बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने हेतु भी आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किया गया। उन्होंने जेल में प्रतिनियुक्त पारा लीगल वालंटियर्स को भी इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए आम बंदियों के बीच सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए निरंतर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने का निर्देश दिया। साथ ही जेल पीएलबी को यह निर्देश भी दिया गया कि इस कोविड संक्रमण के दौर में कोई भी बंदी अपने कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं रहे इसके लिए वे सभी निरंतर आम बंदियों से संपर्क में रहें, यदि किन्हीं को निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो उसका आवेदन तुरंत कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के ईमेल आईडी पर भेजें। उन बंदियों को तत्काल विधिक सहायता के तौर पर निःशुल्क अधिवक्ता जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।

कार्यक्रम को सफल बनाने में जेलर केन्द्रीय कारा, गिरिडीह, सभी जेल पीएलबी एवं न्यायालय कर्मियों, जेल कर्मियों तथा पीएलवी अशोक कुमार वर्मा की भूमिका सराहनीय रही। कार्यक्रम का संचालन फ्रंट कार्यालय के पारा लीगल वालंटियर दिलीप कुमार ने किया।

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