गांधी और शास्त्री के पदचिन्हों पर चलकर करें व्यक्तित्व का विकास : डॉ. शालिनी 

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गांधी और शास्त्री के पदचिन्हों पर चलकर करें व्यक्तित्व का विकास : डॉ. शालिनी 

अहिंसा के कारण ही आज भी याद किए जाते हैं बापू : प्राचार्य, स्कॉलर बीएड कॉलेज में भाषण प्रतियोगिता आयोजित, आसमा परवीण प्रथम, साक्षी प्रिया व मोनाली गुप्ता द्वितीय एवं सुनन्दनी तृतीय पुरस्कार मिला 

डीजे न्यूज, गिरिडीह : स्कॉलर बीएड कॉलेज बनहत्ती गिरिडीह की प्राचार्या डॉ शालिनी खोवाला ने कहा है कि युवाओं को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के विचारों से प्रेरणा लेना चाहिए। दोनों महापुरुषों के पदचिह्नों पर चलकर युवा अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं। डॉ. शालिनी खोवाला ने यह बातें महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर बुधवार को कॉलेज में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। स्कॉलर बीएड कॉलेज में इस मौके पर भाषण प्रतियोगिता एवं स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

प्राचार्य डॉ. शालिनी खोवाला ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि देश को आजादी दिलाने में अहम योगदान देने वाले सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को आजादी के इतने दशकों बाद भी याद किया जाता है। इसके पीछे एक ही कारण है और वह है अहिंसा। उन्होंने प्रशिक्षुओं से गांधी जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने की अपील की। कहा कि दोनों ही महापुरूषों के नीडर नेतृत्व एवं देश के प्रति समर्पण से आज भी हम सभी प्रेरित हैं। भारत का युवा जीवंत ऊर्जावान और गतिशील होने के साथ-साथ किसी भी लक्ष्य को पाने में सक्षम है।

सिर्फ जरूरत है लक्ष्य के प्रति सकारात्मक सोच के साथ दृढ़ संकल्पित होने की। डॉ. शालिनी ने कहा कि हिंसा को महात्मा गांधी ने अपने जीवन में कभी स्थान नहीं दिया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में एक ही संदेश दिया और वह था किसी पर निर्भर रहे बिना अपना काम खुद करो। उन्होंने अपने जीवन में कई प्रेरणादायी बातों से लोगों के दिल और दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी।

इसके बाद प्राचार्य डॉ शालिनी खोवाला के नेतृत्व में कार्यक्रम का प्रारंभ स्वच्छता कार्यक्रम के साथ किया गया। इस कार्यक्रम के बाद कॉलेज हॉल में दीप प्रजवलित कर व इनके फोटो पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरूआत की गयी।

प्रशिक्षुओं ने गांधी जी के भजन रघुपति रघव राजा राम भजन पर प्रस्तुती दी। इसके बाद भाषण प्रतियोगिता प्रारंभ हुआ। इसका विषय था-“आधुनिक युग में गांधी जी के विचारों की महत्ता।” इसमें कई प्रतिभागियों ने भाग लिया। निर्णायक मंडली में तीन निर्णायकों को रखा गया था जिसमें सहायक प्राध्यापक आशीष राज के साथ दो प्रशिक्षु छात्र शाहबाज आलम व साक्षी कुमारी शामिल थे। तीनों निर्णायकों ने निष्पक्ष निर्णय सुनाया। इस प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागियों ने बहुत अच्छे से अपने-अपने विचार रखे। इसमें आसमा परवीण को प्रथम स्थान,साक्षी प्रिया व मोनाली गुप्ता को द्वितीय स्थान एवं सुनन्दनी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। सभी विजित प्रतिभागियों को मेमेंटो व प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। 

मंच संचालन डॉ संतोष कुमार चौधरी ने किया। स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम प्राचार्य के दिशानिर्देश पर राष्ट्रीय सेवा योजना के बैनर तले डॉ सुधांशु शेखर जमैयार के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। सफाई के प्रति प्रशिक्षुओं को जागरूक किया गया। मौके पर सभी सहायक प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी व प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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