शास्त्री नगर में पूर्णिमा महाआरती का आयोजन, श्रुति अग्रवाल समेत उमड़े श्रद्धालु
शास्त्री नगर में पूर्णिमा महाआरती का आयोजन, श्रुति अग्रवाल समेत उमड़े श्रद्धालु
डीजे न्यूज, गिरिडीह : शहर के शास्त्री नगर दुर्गा मंडप में रविवार को महाआरती का भव्य आयोजन हुआ। पूर्णिमा के दिन हुई इस महाआरती में भक्त उमड़ पड़े। इस बार महाआरती में यूपीएससी परीक्षा में सफल श्रुति एवं उनके परिजन महेश्वर मोदी, प्रमांशु अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, पप्पू मोदी, अंजू मोदी, प्रेरणा अग्रवाल और स्पर्श अग्रवाल विशेष तौर पर शामिल हुए। श्रुति ने मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की। दुर्गा मंडप के पंडित गोपाल पांडेय ने पूरे विधि विधान के साथ मां दुर्गा की महाआरती को संपन्न कराया। मां दुर्गा को भोग अर्पण करने के बाद सभी उपस्थित भक्तों के बीच प्रसाद के रूप में मिठाई का वितरण किया गया। महाआरती के प्रसाद की संपूर्ण व्यवस्था श्रुति के पितामह महेश्वर मोदी और चाचा पप्पू मोदी के सौजन्य से की गई थी। मौके पर शास्त्री नगर मोहल्ले के सैकड़ों लोग, बच्चे और महिलाओं के अलावा शहर के विभिन्न इलाके के भक्त भी शामिल हुए।
गुरुजनों के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से मिली सफलता : श्रुति
महाआरती के बाद श्रुति के पितामह महेश्वर मोदी अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि शास्त्री नगर और गिरिडीह में मिला सम्मान और प्यार उनके लिए विशेष है, जिसे जीवन भर नहीं भुलाया जा सकता। इलाके के बच्चे श्रुति जैसे ही सफल हों, यही उनकी कामना है। श्रुति के पिता प्रमान्शु अग्रवाल ने उपस्थित अभिभावकों से अपने बच्चों को उचित शिक्षा देकर समग्र व्यक्तित्व विकास का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि उनकी दो बेटियां मां दुर्गा की वरदान हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के कमजोर प्रदर्शन में भी लगातार प्रोत्साहित करना अभिभावक का कर्तव्य होना चाहिए। वहीं श्रुति ने अपनी पढ़ाई, परीक्षा की तैयारी और सफलता की बात साझा की और कई टिप्स देकर उपस्थित स्टूडेंट्स को मोटिवेट किया। उसने कहा कि गिरिडीह में मिले इतने प्यार और स्नेह को वह हमेशा याद रखेगी। उसने कहा कि बड़ों के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से ही सफलता मिली है। वह जिस भी पद पर रहेंगी, बेस्ट एफर्ट देंगी। इस
अवसर पर मोहल्ले के अधिवक्ता सुनील भूषण ने श्रुति को डॉ बीआर अंबेडकर लिखित भारत का संविधान पुस्तक भेंट की। गिरिडीह के लेखक डॉ छोटू प्रसाद ने भी अपनी लिखित किताब ‘आखिर क्यों’ श्रुति को भेंट कर शुभकामनाएं दीं।