उसरी बचाओ अभियान” के तीन दिवसीय महोत्सव का उपायुक्त ने किया उद्घाटन
“उसरी बचाओ अभियान” के तीन दिवसीय महोत्सव का उपायुक्त ने किया उद्घाटन
पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जागरूकता का आह्वान
डीजे न्यूज, गिरिडीह:
गिरिडीह में “उसरी बचाओ अभियान” के तत्वाधान में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव का भव्य उद्घाटन आज शास्त्री नगर के अमित बर्दियार छठ घाट पर हुआ। यह महोत्सव विशेष रूप से पर्यावरण के संरक्षण के लिए समर्पित था और उसका मुख्य उद्देश्य उसरी नदी की सफाई और संरक्षण था।
इस महोत्सव का उद्घाटन जिले के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, डीएफओ और सदर एसडीओ ने संयुक्त रूप से किया। उद्घाटन से पहले सभी अतिथियों ने अमित बर्दियार के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस मौके पर उसरी बचाव अभियान के पदाधिकारियों द्वारा अतिथियों का सम्मान किया गया।
उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम का संचालन कर रहे कोर कमेटी के संयोजक राजेश सिन्हा ने जिले के बुद्धिजीवियों और पर्यावरण प्रेमियों से विचारों का आदान-प्रदान किया और बताया कि गिरिडीह की जनता को ऐसे मुद्दों पर सक्रिय रूप से सामने आना होगा। मुख्य अतिथि श्री नमन प्रियेश लकड़ा ने इस महोत्सव के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “जल ही जीवन है और वायु ही प्राणदायिनी है, इसलिये हमें अपने प्रयासों से नदियों को बचाने की दिशा में कदम उठाने होंगे।” उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में आम जनमानस की सहभागिता को सबसे महत्वपूर्ण बताया।
पर्यटन मंत्री सुदिव्य सोनू ने भी इस अभियान में प्रशासन का सहयोग करने का आश्वासन दिया और कहा कि जल्द ही इस दिशा में और बेहतर कार्य किए जाएंगे। उन्होंने स्त्री बचाओ समिति की भी सराहना की, जो लगातार इस नेक कार्य में लगी हुई है।
इस महोत्सव के दौरान हुए जागरूकता कार्यक्रम में विशेष रूप से नदी में खो-खो और कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें उपायुक्त श्री नमन प्रियेश लकड़ा ने खेल का शुभारंभ किया। प्रतियोगिता का संचालन श्री नुरुल हुदा के मार्गदर्शन में हुआ।
कार्यक्रम में महिला कॉलेज की पूर्व प्राचार्य श्रीमती पुष्पा सिन्हा ने उसरी नदी के बारे में एक दिल को छूने वाली कविता प्रस्तुत की, वहीं जेसी बोस स्कूल के प्राचार्य मुन्ना कुशवाहा ने भारतीय संस्कृति में नदियों के महत्व को बताया।
इस आयोजन में सैकड़ों लोग, महिला, पुरुष, बच्चे और विद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे। प्रमुख पदाधिकारी जैसे अलगुंदिया, धरणीधर प्रसाद, सतीश कुंदन, गोपाल भदानी, राजीव सिन्हा, संगिता सिन्हा, कुसुम सिन्हा, और अन्य कई लोग भी इस महत्वपूर्ण महोत्सव में शामिल हुए।
कार्यक्रम का समापन उसरी बचाव अभियान के उद्देश्य के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के साथ हुआ, और गिरिडीह को पर्यावरण संरक्षण के एक नए रास्ते पर ले जाने की प्रेरणा दी गई।