आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ला सकते सकारात्मक बदलाव : उपायुक्त
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से ला सकते सकारात्मक बदलाव : उपायुक्त
समाहरणालय सभाकक्ष में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर “कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया” विषयक परिचर्चा आयोजित
डीजे न्यूज, गिरिडीह : राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर गुरुवार को समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में “कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) युग में मीडिया” विषयक परिचर्चा आयोजित की गई। इस दौरान उपायुक्त लकड़ा ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर सभी पत्रकार बंधुओ को शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
निदेशक डीआरडीए ने सेमिनार सह परिचर्चा का संचालन करते हुए विषय प्रवेश कराया। उन्होंने कहा कि वर्तमान डिजिटल एवं तकनीकी युग में तथ्यपरक सूचनाओं के आदान-प्रदान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि मीडिया में तकनीक का सकारात्मक उपयोग से बेहतर परिणाम सामने आएंगे। गवर्नेंस पर भी इसका प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतना सशक्त है कि आजकल हमलोग के मन की भावनाओं को भी समझने लगी है। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने रश्मि सिन्हा ने कहा कि कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से देश दुनिया में तेजी से बदलाव आ रहे हैं। यह समय की जरूरत भी है। सामाजिक सरोकारों के मद्देनजर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को स्वीकार करना सकारात्मक होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से हम तेजी से आगे बढ़ सकते हैं और सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार राकेश सिन्हा ने कहा कि प्रेस की गरीमा को बचाए रखने के लिए प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की ओर से समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा है। वर्ष 2023 में प्रेस काउंसिल ने प्रेस दिवस के अवसर पर “कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया” विषय पर ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में तकनीकी बदलाव आए हैं। इससे तत्परता और तत्कालिकता दोनों आई है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज तकनीक इतना विकसित हो गया है कि स्वचालित कार्य भी होने लगे हैं। मशीन चलाने का काम भी मशीन ही करने लगी है। तकनीक का सही इस्तेमाल कर हम मानवता को बचा सकते हैं। उन्होंने इस विषय को रेखांकित करते हुए कहा कि पूर्व के जमाने में मीडिया के क्षेत्र में क्या तकनीक थी, यह सभी जानते हैं। उन्होंने पूर्व के समयकाल में समाचार संकलन, समाचार प्रेषण से लेकर प्रकाशन तक में उपलब्ध तकनीक के बारे में जानकारी देते हुए वर्तमान समय से इसकी तुलना की। उन्होंने इसके दुष्प्रभाव पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तकनीक के विकास से मानव संपदा द्वारा कार्यों में कमी आई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कमांड पर कार्य करता है, उसे जितना निर्देश देंगे उतना ही काम करेगा। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नफा एवं नुकसान दोनों है। हमसभी को चाहिए कि इसका सही से प्रयोग करें।
पत्रकार विजय चौरसिया ने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को तेजी से अपनाया जा रहा है। हालांकि नई चीजें आने से चुनौतियां भी आती है। हमें इन चुनौतियों को सहयोगी के रूप में अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में विभिन्न माध्यमों से सूचनाएं दौड़ रही है। उसमें सकारात्मक और जरूरत की चीजों को पकड़ना/संचार को ग्रहण करना हमारी समझ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जितना जल्दी अपनाएंगे, उतने बड़े स्तर पर विकास की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे। बड़े लक्ष्य तक पहुंचने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारी मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा कि शासन/प्रशासन की बातों को जनता की भाषा में जनता तक पहुंचाना और जनता की परेशानी, समस्या, शिकायत को शासन/प्रशासन की भाषा में उनतक पहुंचाने से समाधान भी निकलकर सामने आते हैं। इसमें भी मीडिया के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मददगार साबित होगा।
वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार ने कहा कि पत्रकारिता दिन- प्रतिदिन बदलती जा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सभी मदद मिल रही है। उन्होंने कहा मीडिया, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्वपूर्ण भूमिका है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संबंधी सेमिनार/परिचर्चा होने से लोगों में नए विचारों का संचार होगा। सुनील मंथन ने भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों की निरंतरता बनी रहे।
कार्यक्रम में सिविल सर्जन, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।