पशुपालन विभाग की कार्यशैली पर भड़के उपायुक्त

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पशुपालन विभाग की कार्यशैली पर भड़के उपायुक्त 

डीजे न्यूज, धनबाद  : अगस्त महीने का दिया हुआ लक्ष्य पूरा नहीं करने पर उपयुक्त सह जिला दंडाधिकारी वरुण रंजन ने सोमवार को पशुपालन विभाग की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी प्रकट की। उपायुक्त आज अपने कार्यालय कक्ष में पशुपालन, गव्य एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा कर रहे थे।

 

पशुपालन विभाग ने दिए गए लक्ष्य के अनुरूप मुख्यमंत्री पशुधन योजना के आवेदन सृजित नहीं किए थे। वहीं सूकर पालन, बत्तख पालन, ब्रायलर में भी कोई विशेष प्रगति हासिल नहीं की थी।

 

उपायुक्त ने पशुपालन विभाग से कहा कि अगस्त माह के शुरुआत में ही लक्ष्य दिया था। लक्ष्य प्राप्त करने में आने वाली समस्या के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी।

वहीं समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने पशुपालन विभाग से कितने लाभुकों को डायरेक्ट बेनेफिशरी ट्रांसफर, कितने लाभुक ने अंशदान जमा किया, कितने लाभुक को वर्क आर्डर जारी हुआ और कितने लाभुक को फाइनल लाभ प्रदान किया, की विस्तृत जानकारी गुरुवार को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

समीक्षा के दौरान उन्होंने शेड निर्माण, जोड़ा बैल, कृत्रिम गर्भधारण, टीकाकरण, चिकित्सा, ओपीडी की संख्या, बंध्याकरण, चिकित्सा, पशु चिकित्सा शिविर, टैग किया पशुओं की संख्या सहित अन्य की विस्तृत रिपोर्ट देने के साथ-साथ जिले में जितने भी पशु चिकित्सालय है उसके फोटोग्राफ उपलब्ध कराने तथा पशु चिकित्सक की टूर विजिट को बीच-बीच में जांच करने का निर्देश प्रभारी पदाधिकारी को दिया।

वहीं मत्स्य विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य संप्रदाय योजना के लंबित मामलों को एक माह में पूरा करने, हर योजना के लाभुक का चयन सितंबर माह में पूरा करने, तालाब बंदोबस्ती की चयन प्रक्रिया सितंबर में पूरी करने, मत्स्य पदाधिकारी को स्वयं क्षेत्र का भ्रमण करने, सक्षम लाभुक को बड़ी योजना का लाभ प्रदान करने, जो लाभुक लाभ लेकर योजना को पूरा नहीं करते हैं उसे ब्लैक लिस्ट कर देने का निर्देश दिया।

बैठक में उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह व तीनों विभाग के पदाधिकारी मौजूद थे।

 

 

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