गिरिडीह जेल में लगी अदालत, बंदियो को मिली कानून की जानकारी
डीजेन्यूज डेस्क : बंदियों के जीवन की रक्षा करना जेल प्रशासन एवं न्याय प्रशासन का कर्तव्य है। सभी बंदी इस महामारी में अपने आप को सुरक्षित रख सकें इसके लिए उन्हें मूलभूत आवश्यक संसाधनों को मुहैया कराना जेल प्रशासन का दायित्व है। ये बाते डालसा सचिव संदीप कुमार बर्तम ने कही।रविवार को सेंट्रल जेल में लोक अदालत का आयोजन किया गया।खुले मैदान में हुए इस लोक अदालत में तकनीकी कारणों से कोई मामला निष्पादित नही हो सका।इस दौरान बंदियो को कानून की जानकारी दी गई।डालसा सचिव ने कहा कि कारा प्रशासन से कहा कि जेल के सभी वार्डों मे लगातार सैनिटाइजेशन तथा हाथ धोने के लिए हैंडवाश एवं साबुन की समुचित व्यवस्था रखें। बंदियों को आपस में उचित दूरी बनाकर रहने के लिए निरंतर जागरुक करते रहें। काराधीन बंदियों विशेषकर महिला बंदियों एवं बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने हेतु भी आवश्यक दिशा निर्देश दिया। पारा लीगल वालंटियर्स को भी इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए आम बंदियों के बीच सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए निरंतर जागरूकता कार्यक्रम चलाने को कहा। साथ ही यह निर्देश भी दिया गया कि इस कोविड संक्रमण के दौर में कोई भी बंदी अपने कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं रहे इसके लिए वे सभी निरंतर आम बंदियों से संपर्क में रहें।किसी बंदी को निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता हो तो उसका आवेदन कारा प्रशासन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के ईमेल आईडी पर भेजें। उन बंदियों को तत्काल विधिक सहायता के तौर पर निःशुल्क अधिवक्ता दिया जाएगा। एसडीजेएम दर्शना ने कहा कि वह अपने जीवन के इस क्षण में व्यतीत होने वाले समय का सदुपयोग करते हुए स्वाध्याय अथवा अन्य रचनात्मक कार्यों में अपने आप को व्यस्त रखें ताकि आप जब यहां से बाहर निकले तो समाज में एक सभ्य नागरिक की तरह अपना जीवन यापन व्यतीत करें।
कार्यक्रम को न्यायिक दंडाधिकारी मोहित चौधरी,अभिनंदन पांडेय जेल पैनल अधिवक्ता एके सिन्हा और एस होदा ने भी संबोधित करते हुए उपस्थित बंदियों को उनको कारा में प्राप्त मूलभूत अधिकारों के बारे में बताया। धन्यवाद ज्ञापन कारा अधीक्षक राजमोहन राजन व संचालन पीएलवी दिलीप कुमार ने किया।इस दौरान जेल पीएलवी रमेश मंडल,अभेषक शर्मा, संजय राय,जेल कर्मी सकलदेव पंडित,मनोज पांडेय,डालसा कर्मी तावेज जहूर मौजूद थे।