कृषि अवसंरचना कोष से किसानों को जोड़ें : उपायुक्त
कृषि अवसंरचना कोष से किसानों को जोड़ें : उपायुक्त
डीजे न्यूज, गिरिडीह : समाहरणालय सभागार कक्ष में उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में कृषि अवसंरचना कोष विषय को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कृषि अवसंरचना योजना के तहत राष्ट्रीय कृषि इंफ्रा फाइनेंसिंग सुविधा को लेकर विचार विमर्श किया गया।
बैठक की शुरुआत करते हुए उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा आमजनों के कल्याण हेतु कई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। योजनाओं के कन्वर्जन से विभिन्न प्रकार के लाभ से किसानों को लाभान्वित किया जा सकता है। इसके अलावा उपायुक्त ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, कल्याण विभाग की योजना तथा JSLPS के अंतर्गत महिला लखपति योजना आदि योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सोशल नेटवर्किंग साइट्स यथा फेसबुक, ट्विटर आदि से सुचारू रूप से किया जाएगा। ताकि आम जनों को इन योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जा सकें। इसके अलावा उन्होंने बताया कि। आज के कार्यशाला में कृषि विभाग की ओर से से संचालित क़ृषि अवसंरचना कोष तथा झारखण्ड राज्य क़ृषि ऋण माफ़ी योजना के बारे में किसानों तथा पदाधिकारियों को विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध कराया गया है ताकि इसका उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित कराते हुए अन्य योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराया जा सके। गिरिडीह जिले के किसानों तथा क़ृषि से संबंधित व्यवसाय से जुड़े लोगों स्वयं सहायता समूहों को भी इस योजना का लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस योजना का व्यापक जागरुकता अभियान चलाकर जिले के सभी प्रमुख कृषि उद्यमियों तथा कृषि कार्य से जुड़े लोगों को लाभ देने का प्रयास किया जाएगा। जिला प्रशासन के द्वारा जिले के अधिक से अधिक किसानों को योजना से लाभान्वित किया जाएगा।
कैसे लें इस योजना का लाभ : इस योजना का लाभ लेने www.agriinfra.doc.gov.in पर लॉगिन कर आवेदन किया जा सकता है। केन्द्र सरकार की ओर से किसानों के ऋण खाते में सीधे सब्सिडी दी जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया सरल है। परियोजना प्रबंधन ईकाई कृषि निदेशालय से आए प्रतिनिधियों ने प्रेजेंटेशन के जरिए किसानों को बताया कि आवेदन कैसे करना है और परियोजना का कैसे लाभ लेना है। किसानों ने योजना को समझकर आवेदन करने का निर्णय लिया। पीएमयू से आवेदन करने, ऋण दिलवाने में पूरा सहयोग देने की बात कही गयी।
क्या है कृषि अवसंरचना कोष :
केंद्र सरकार की ओर से ‘कृषि अवसंरचना कोष की स्थापना की 2020 में की गई थी। यह फंड फसल कटाई के बाद बुनियादी ढांचा प्रबंधन एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों में निवेश के लिए मध्यम व दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करती है।
कृषि अवसंरचना निधि (AIF) की विशेषताएं : किसानों को सीधे उपभोक्ताओं के बड़े आधार पर बेचने की अनुमति देने के लिए बेहतर विपणन बुनियादी ढांचे और इसलिए, किसानों के लिए मूल्य प्राप्ति में वृद्धि।
वित्तीय सुविधा के अंतर्गत 2 करोड़ रुपए तक की सीमा तक वार्षिक 3% की ब्याज छूट होगी।
यह ब्याज छूट अधिकतम 7 साल की अवधि के लिए उपलब्ध होगा।
2 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण के मामले में, ब्याज छूट 2 करोड़ रुपए तक सीमित होगी। कुल वित्त पोषण सुविधा में से निजी उद्यमियों को दिए जाने वाले वित्त पोषण की सीमा और
प्रतिशत राष्ट्रीय निगरानी समिति द्वारा तय की जा सकती है।
सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) योजना के तहत इस वित्तपोषण सुविधा से पात्र उधारकर्ताओं के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज 2 करोड़ रुपये तक
के ऋण के लिए उपलब्ध होगा।
निम्नलिखित पात्र लाभार्थी हैं जो योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं :
प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS)।
विपणन सहकारी समितियाँ।
किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)।
किसान।
स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)
संयुक्त देयता समूह (जेएलजी)।
बहुउद्देशीय सहकारी समितियाँ।
कृषि-उद्यमी, स्टार्टअप।
केंद्रीय/राज्य एजेंसी या स्थानीय निकाय प्रायोजित सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाएं।
सभी लाभार्थियों के लिए पात्र परियोजनाएं :
जैविका अदानों का उत्पादन
जैव उत्तेजक उत्पादन इकाइयां
नर्सरी
उत्तक संवर्धन
बीज प्रसंस्करण
कस्टम हायरिंग सेंटर
स्मार्ट और सटीक कृषि के लिए बुनियादी ढांचा ( फार्म/हार्वेस्ट ऑटोमेशन, ड्रोन की खरीद, खेत में विशेष सेंसर लगाना, कृषि में ब्लॉकचेन और एआई आदि।
रसद सुविधाएं : रीफर वैन और इंसुलेटेड वाहन
परख इकाइयां
ई मार्केटिंग प्लेटफार्म सहित आपूर्ति श्रृंखला सेवाएं
गोदाम और सिलोस
कोल्ड स्टोरेज और कोल्ड चैन
पैकेजिंग इकाइयां
प्राथमिक प्रसंस्करण गतिविधियां।
सामुदायिक कृषि सम्पत्तियों के निर्माण हेतु पात्र परियोजनाएं
उपरोक्त गतिविधियों के अलावा किसान समूह जैसे एफपीओ, पैक्स, एसएचजी, जेएलजी, सहकारिता, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय सहकारिता संघ, एफपीओ संघ, एसएचजी के संघ, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय एजेंसियां आदि गतिविधियों के लिए पात्र हैं।
बैठक में PMFME पर विचार विमर्श किया गया। बैठक के दौरान जीएम, DIC ने बताया कि 2022-23 और 2023-24 में कुल मिलाकर 105 आवेदन प्राप्त किए गए हैं। जिनमें से बैंको द्वारा स्वीकृत आवेदन 18 हैं। बैंको द्वारा स्वीकृत आवेदनों के विरुद्ध वितरण आवेदन की संख्या 05 है। बैंको द्वारा स्वीकृत आवेदन 46 तथा विचाराधीन आवेदन 41 है। इस संबंध में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं जीएम, DIC आपसी समन्वय स्थापित करते हुए ज्यादा से ज्यादा संख्या में आवेदनों को जेनरेट कराएं। इसमें ऑयल मिल, रेडी टू ईट नमकीन, फ्लावर मिल, मसाला प्रोसेसिंग यूनिट आदि शामिल हैं। उपायुक्त ने कहा कि बैंक भी इस कार्य रुचि दिखाए ताकि अधिक से अधिक आवेदन जेनरेट किया जा सके और लोगों को इसका लाभ मिल सकें।
JSLPS के अधिकारी द्वारा बताया गया कि महिला लखपति योजना का उद्देश्य जिले के महिलाओं का उत्थान और उनकी आय में वृद्धि करना है। इस योजना के तहत गिरिडीह जिले का 03 वर्षो में कुल 42,315 महिलाओं को लखपति योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। महिलाओं के स्वावलंबन हेतु कार्य किया जा रहा है। साथ ही उन्हें प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। ताकि महिलाओं को आगे बढ़ाया जा सकें। इसके अलावा उपायुक्त द्वारा मनरेगा, केसीसी, ऋण माफी योजना, छात्रवृति, छात्र छात्राओं के बैंक खाता खोलना, पोस्ट ऑफिस में खाता खोलना, छात्र छात्राओं का जाति प्रमाण पत्र निर्गत करना आदि से संबंधित निर्देश सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को दिया गया। इसके अलावा सभी प्रखंड पदाधिकारी को निर्देशित किया गया कि वे दीदी बाड़ी योजना का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएं तथा अधिक से अधिक लाभुकों को इस योजना के तहत जोड़ते हुए लाभान्वित करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही उपायुक्त ने विद्यालयों में पोषक वाटिका, अमृत तलाब तथा वृक्षारोपण पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। बैठक में उप विकास आयुक्त, आईएएस प्रशिक्षु, निदेशक डीआरडीए, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, कृषि विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।