सीएम ने बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल का किया शुभारंभ

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सीएम ने बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल का किया शुभारंभ

 

डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हुआ एमओयू

 

डीजे न्यूज, रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि गांव-देहात से होकर विकास का दरवाजा खुलता है। ऐसे में किसानों की खुशहाली से ही राज्य मजबूत बनेगा। हमारी सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार ठोस निर्णय ले रही है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन आज राजधानी रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा आयोजित झारखंड कृषि ऋण माफी योजना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ऋण माफी योजना कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह किसानों के सम्मान में महाजुटान कार्यक्रम है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के 1,76,977 लाख किसानों के दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ कर उन्हें बड़ी सौगात दी। इन सभी किसानों के लगभग 400.66 करोड़ रुपए के कर्ज की अदायगी राज्य सरकार द्वारा की गई। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में कृषि विभाग के बिरसा किसान इंटीग्रेटेड पोर्टल का भी अनावरण किया।

 

किसानों को राहत देने का प्रयास लगातार जारी

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज किसानों के समक्ष तरह-तरह की चुनौतियां आ रही हैं। किसानों की गरीबी और पूंजी के अभाव में कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है। ऐसे में किसानों को राहत देने के मकसद से उनके दो लाख रुपए तक के कृषि ऋण माफ करने का निर्णय हमारी सरकार ने लिया है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर उन्हें कृषि के क्षेत्र में नई शुरुआत करने का मौका मिल सके।

 

किसानों का खेत उनका बैंक है और खलिहान एटीएम

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण परिवेश में रहती है। यहां के किसान- मजदूर जीविकोपार्जन के लिए खेती-बाड़ी पर निर्भर हैं। ऐसे में उनका खेत उनका बैंक है तो खलिहान एटीएम। लेकिन, आज किसानों की स्थिति से छिपी नहीं है। वे विपरीत परिस्थितियों के बीच कृषि कार्य कर रहे हैं। कई बार मौसम की मार की वजह से फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है, जिसका खामियाजा उन्हें लंबे समय तक भुगतना पड़ता है। हमारी सरकार किसानों को इन विपरीत परिस्थितियों से निकलने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में कृषि कार्य के लिए जिन किसानों ने दो लाख रुपये तक का लोन लिया है उसे माफ करने का हमारी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया, ताकि किसानों को आर्थिक सुरक्षा कवच प्रदान कर सकें।

 

लड़कर लिया झारखंड, लड़कर लेंगे अपना हक-अधिकार

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि तमाम खनिज और वन संसाधनों से धनी होने के बाद भी झारखंड एक पिछड़ा राज्य है। यहां के लोग आज भी गरीबों की जिंदगी जी रहे हैं। ऐसे में हमने जिस तरह लड़कर झारखंड लिया है उसी तरह लड़कर अपना हक और अधिकार लेंगे ताकि यह राज्य आगे बढ़ सके।

 

किसानों को अपनी ताकत पहचाननी होगी

 

मुख्यमंत्री ने कहा की किसान इस देश और राज्य की रीढ़ हैं। जब तक किसान आत्मनिर्भर नहीं बनेंगे, तब तक यह राज्य आगे नहीं बढ़ेगा। आज किसानों को अपनी ताकत पहचानने की जरूरत है। जिस तरह हमारे किसान खेतों में कड़ी मेहनत करते हैं, उसी तरह उन्हें अपने मान- सम्मान एवं हक- अधिकार की खातिर एकजुट होकर कदम बढ़ाना होगा।

 

झारखंड की मिट्टी हर तरह की खेती के लिए अनुकूल है

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का जो भौगोलिक परिवेश है, वह काफी अनूठा है। यहां की मिट्टी में हर तरह की फसल उपजाई जा सकती है। लेकिन, इसके लिए बेहतर नीति बनाने की जरूरत है। किसानों को विभिन्न तरीकों के फसलों के उत्पादन को लेकर प्रशिक्षण देने की पहल होनी चाहिए। अगर उस दिशा में कदम बढ़ाते हैं तो निश्चित तौर पर इसके सुखद परिणाम हमको देखने को मिलेंगे।

 

वैकल्पिक कृषि से जुड़ें हमारे किसान

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस तरह मौसम में अनिश्चितता बनी हुई है, उसमें किसानों को परंपरागत खेती के साथ वैकल्पिक खेती के लिए भी आगे होना होगा। इसके लिए हमारी सरकार की ओर से बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और दीदी बगिया योजना जैसी कई योजनाएं संचालित हैं। हमारी सरकार ने पहली बार कृषि पदाधिकारियों की नियुक्ति की है, ताकि वे किसानों को फसल उत्पादन की नवीन और आधुनिक तकनीक से अवगत करा सकें। किसान पाठशाला के जरिए किसानों को खेती-बाड़ी से जुड़ी जानकारी देने के साथ कृषि कार्य के लिए प्रशिक्षण भी मिल रहा है। इतना ही नहीं, किसानों को अंडा, दुग्ध और मछली उत्पादन के लिए लगाकर प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। हमारा प्रयास है कि हमारे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो, ताकि वे राज्य को मजबूत बनाने में अपनी भागीदारी निभा सकें।

 

हर वर्ग का कर रहे हैं सम्मान, दे रहे हैं हक-अधिकार

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार हर वर्ग और तबके के विकास और कल्याण के लिए कार्य कर रही है। हमने बुजुर्गों को पेंशन दिया है तो महिलाओं को सम्मान राशि दे रहे हैं। नौजवानों को रोजगार देने का सिलसिला बड़े पैमाने पर चल रहा है। बच्चियों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी योजना चल रही है। यहां के होनहार विद्यार्थियों को पैसे की तंगी की वजह से इंजीनियर डॉक्टर और अफसर बनने का सपना अधूरा ना रहे, इसके लिए उन्हें गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 15 लाख रुपए तक का शिक्षा लोन सरकार अपनी गारंटी पर दे रही है। हमारी सरकार ने किसानों के दो लाख रुपए तक के लोन माफ कर दिए गए हैं। बकाया बिजली बिल माफ करने के साथ 200 यूनिट बिजली मुफ्त में दे रहे हैं। हमारी सरकार में आदिवासी- मूलवासी, दलित, महिला, नौजवान बुजुर्ग, पिछड़े और अल्पसंख्यक समेत हर किसी को आगे बढ़ने के लिए अवसर मिल रहा है।

 

लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को कर रहे हैं पूरा

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पूरी संवेदनशीलता, निष्ठा, ईमानदारी और समर्पित भाव से 24 घंटे जनता की सेवा में कार्य कर रही है। आज सरकार आपके दरवाजे पर पहुंचकर आपकी समस्याओं का समाधान कर रही है। हम लोगों के रोटी, कपड़ा और मकान जैसे मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। इस कड़ी में 20 लाख अतिरिक्त राशन कार्ड जारी कर मुफ्त अनाज दे रहे हैं। 20 लाख गरीबों को अबुआ आवास देने की योजना शुरू की है। सोना- सोबरन धोती साड़ी योजना के तहत गरीबों को धोती साड़ी और लूंगी दे रहे हैं। हमारी कोशिश ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है ताकि यहां के गरीब किसान मजदूर सशक्त और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ सकें।

 

डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए हुआ एमओयू

 

मुख्यमंत्री की उपस्थिति में डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने हेतु कृषि विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दीक तथा एनडीडीबी, आनंद, गुजरात के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री एस रघुपति के बीच 5 वर्षों के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर संपन्न हुआ। इसके तहत लगभग 68 हज़ार दुग्ध उत्पादकों को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा दुग्ध उत्पादकों को दूध उत्पादन के उचित मूल्य के अलावा 5 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

इस कार्यक्रम में मंत्री रामेश्वर उरांव, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, राज्य सभा सांसद महुआ माजी, विधायक राजेश कच्छप, केशव महतो कमलेश, राजेश ठाकुर, विकास आयुक्त अविनाश कुमार, कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीक, निदेशक कृषि ताराचंद, निदेशक उद्यान फैज अक अहमद, निदेशक पशुपालन किरण पासी एवं एनडीडीबी, आनंद, गुजरात के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रघुपति उपस्थित रहे।

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