मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में दी अभियोजन की स्वीकृति

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डीजे न्यूज, रांची :
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीबीआई, एसीबी रांची थाना कांड संख्या- आर०सी०-07(ए) /2016- (आर) दिनांक- 02-06-2016 के प्राथमिकी अभियुक्तों शिवेन्द्र नाथ वर्मा तदेन अध्यक्ष, झारखण्ड राज्य विद्युत बोर्ड, झारखण्ड, रांची सम्प्रति प्रबंध निदेशक, उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड, उज्ज्वल महानगरी बाग, जी०एम०एस०, रोड, देहरादून, स्थायी पता- चित्रगुप्त नगर, लेम बगरगई, बरियातू झारखण्ड रांची एवं आलोक शरण तत्कालीन सदस्य (वित्त), झारखण्ड राज्य विद्युत बोर्ड, झारखण्ड, रांची सम्प्रति प्रधान निदेशक, इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स आइ.एन.सी., ए.टीएस. एडवान्टेज, इन्दिरापुरम, उत्तर प्रदेश के विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-197 में निहित प्रावधानों के आलोक में विरूद्ध भारतीय दंड विधान, 1860 की धारा-120-बी सहपठित धारा – 420, 420 / 511, 468, 471 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा -19 (1)(बी) में प्रदत शक्तियों के आलोक में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988 की धारा-13 (2) सहपठित धारा-13 (1)(डी) के उपबंधों के अधीन अपराध हेतु स्वीकृत्यादेश निर्गत किए जाने संबंधी प्रस्ताव पर अभियोजन स्वीकृत्यादेश प्रदान किया।

यह है मामला :
प्राथमिकी अभियुक्तों पर वर्ष 2011-2012 में झारखण्ड राज्य विद्युत बोर्ड, भारत हेवी इलेक्ट्रीक्लस लिमिटेड (भेल), भोपाल एवं मेसर्स नॉर्दन पावर इरेक्टर लिमिटेड (एन०पी०ई०एल०) के पदाधिकारियों के साथ मिलीभगत कर आपराधिक षड्यंत्र के तहत बेईमानी से स्वर्णरेखा जल विद्युत यंत्र, सिकीदरी (स्वर्ण रेखा हाइड्रो इलेक्ट्रसिटी प्रोजेक्ट, सिकीदरी) के मरम्मती एवं रख-रखाव के लिए मनोनयन के आधार पर 2.5 करोड़ रूपये के कार्य को बहुत ही ऊचें दर 20.87 करोड़ रूपये में भेल को दे दिया। झारखण्ड राज्य विद्युत बोर्ड के पदाधिकारियों ने बेईमानी से भारत हेवी इलेक्ट्रीक्लस (भेल ), भोपाल के द्वारा निर्धारित भुगतान की शर्तों के आधार पर स्थापित वित्तीय नियमों के विरूद्ध एवं सी.वी.सी. के नियमों का उल्लंघन करते हुए भुगतान कर दिया। साथ ही, भारत हेवी इलेक्ट्रीक्लस लिमिटेड (भेल), भोपाल के पदाधिकारियों ने बेईमानी से स्वर्णरेखा जल विद्युत यंत्र, सिकीदरी (स्वर्ण रेखा हाइड्रो इलेक्ट्रसिटी प्रोजेक्ट, सिकीदरी) के मरम्मती एवं रख-रखाव से संबंधित कार्य को मेसर्स नॉर्दन पावर के साथ 15.32 करोड़ रूपये में सबलेट/कॉन्ट्रैक्ट कर लिया, जो सी.वी.सी. के नियमों के विरूद्ध है तथा मेसर्स नॉर्दन पावर द्वारा उक्त कार्य को 5.55 करोड़ रूपये की लागत पर निष्पादित कर दिया। इस प्रकार भारत हेवी इलेक्ट्रीक्लस लिमिटेड (भेल). भोपाल एवं मेसर्स नॉर्दन पावर इरेक्टर लिमिटेड द्वारा खराब गुणवत्ता के कार्य करने एवं विलंब से कार्य संपादित करने के कारण झारखण्ड राज्य विद्युत बोर्ड को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा। इसके अतिरिक्त वर्ष 2005 के दौरान मरम्म्ती और रख-रखाव का कार्य झारखण्ड राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा मेसर्स हेवी इलेक्ट्रीक्लस (भेल) लिमिटेड, भोपाल को निविदा के आधार पर 59.75 लाख रूपये में दिया गया था, जबकि वर्ष 2012 में कार्य को बेईमानी से बहुत ही ऊचें दर 20.87 करोड़ रूपये पर नोमिनेशन के आधार पर दे दिया गया। इस प्रकार उपरोक्त प्राथमिकी अभियुक्तों पर सरकारी पद का दुरूपयोग करते हुए, लापरवाही, धोखाधड़ी, बेईमानी, जालसाजी के नीयत से आपराधिक षड्यंत्र के तहत वित्तीय अनयिमितता करते हुए गैर कानूनी ढंग से सरकारी राशि के गबन करने आरोप है।

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