बाबूलाल के समक्ष गिरिडीह फतह की चुनौती

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बाबूलाल के समक्ष गिरिडीह फतह की चुनौती 

मरांडी ने संभाली प्रदेश अध्यक्ष की कमान, 2024 के चुनाव में होगी अग्नि परीक्षा 

2019 के विधानसभा चुनाव में गृह जिले गिरिडीह की छह में से सिर्फ जमुआ सीट जीती थी भाजपा, राजधनवार से झाविमो से जीते थे बाबूलाल 

सुस्मिता, गिरिडीह : पूर्व मुख्यमंत्री व राजधनवार के विधायक बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को रांची में गहमागहमी के बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी संभाल ली है। प्रदेश भाजपा के सभी दिग्गज नेता एवं राज्यभर से आए कार्यकर्ता इसके गवाह बने थे। कामन संभालते ही बाबूलाल ने ऐलान कर दिया कि 2024 में भाजपा लोकसभा एवं विधानसभा दोनों चुनाव जीतेगी। बाबूलाल के इस ऐलान से भाजपा कार्यकर्ता गदगद हो गए। समारोह में जमकर नारा गूंजा- झारखंड का एक ही लाल, बाबूलाल-बाबूलाल। इस उदघोष के बीच बाबूलाल के लिए 2024 में सबसे बड़ी अग्नि परीक्षा उनके गृह जिले गिरिडीह में होगी। झामुमो एवं भाकपा माले की चक्रव्यूह को तोड़ने के लिए बाबूलाल को जमकर पसीना यहां बहाना होगा।

बाबूलाल के गृह जिले गिरिडीह की बात करें तो 2019 के विधानसभा चुनाव में गिरिडीह में भाजपा चार से फिसलकर एक सीट पर सिमट गई थी। भाजपा गिरिडीह जिले की अपने कब्जे की चार सीटें गिरिडीह, जमुआ, गांडेय एवं बगोदर में से सिर्फ जमुआ को बचा सकी थी। बाबूलाल एवं भाजपा के लिए राहत की बात यह है कि उस चुनाव में बाबूलाल भाजपा में नहीं थे। बाबूलाल झाविमो से राजधनवार से चुनाव लड़े थे, जीते भी। बाद में बाबूलाल ने झाविमो का भाजपा में विलय किया था। अब वह भाजपा विधायक हैं। पिछले चुनाव में झामुमो गिरिडीह की तीन विधानसभा सीटों गिरिडीह, गांडेय एवं डुमरी पर जीती। वहीं माले के विनोद कुमार सिंह ने भाजपा से अपनी बगोदर सीट वापस छीन ली। इसी तरह गिरिडीह सीट पर झामुमो ने कब्जा कर लिया। सुदिव्य कुमार सोनू ने भाजपा के निर्भय शाहाबादी को हराया था। भाजपा का खाता सिर्फ जमुआ से केदार हाजरा ने खोला था।

 

गिरिडीह विधानसभा सीट पर भाजपा और झामुमो में कांटे की टक्कर तय है। झामुमो के लिए सकारात्मक बात यह है कि विधायक सुदिव्य कुमार सोनू अपना आधार मजबूती से बढ़ा रहे हैं। भाजपा से कौन उम्मीदवार होगा, यह तय नहीं है। पूर्व विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी ही भाजपा से प्रत्याशी होंंगे, यह भी तय नहीं है। प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य सुरेश साव मजबूती से गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र में गिरिडीह के झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू का मुकाबला कर रहे हैं। सुरेश साव के अलवा गिरिडीह नगर निगम के पूर्व चेयरमैन व कोडरमा के सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव एवं बार एसोसिएशन के महासचिव चुन्नूकांत भी टिकट के दावेदार हैं। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि भाजपा में टिकट के लिए जोर आजमाइश चल रही है।

गांडेय के पूर्व विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा भाजपा छोड़ झामुमो में शामिल हो चुके हैं। भाजपा को अब गांडेय विधानसभा क्षेत्र में भी नए प्रत्याशी तलाशनी होगी। यहां भी टिकट के कई दावेदार हैं। गिरिडीह की तरह बगोदर में भी पूर्व विधायक नागेंद्र महतो को टिकट के लिए भाजपा के कई मजबूत नेता चुनौती दे रहे हैं। प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व कोडरमा के पूर्व सांसद डा. रवींद्र कुमार राय भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। रवींद्र राय एक बड़ा नाम है। पार्टी उन्हें किसी भी विधानसभा सीट पर उतार सकती है।

इन तमाम चुनौतियों से बाबूलाल को लड़ना होगा। इधर प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य सुरेश साव ने बताया कि बाबूलाल के नेतृत्व में भाजपा गिरिडीह की सभी छह सीटों पर इस बार कब्जा करेगी। कौन कहां से प्रत्याशी होगा, यह कोई मुद्​दा नहीं है। पार्टी जिसे भी उतारेगी, पूरी भाजपा उसे चुनाव जीताकर रांची भेजेगी।

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