बाड़ेडीह में मना मकर संक्रांति, सेंदरा और खेलों का रहा आकर्षण

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बाड़ेडीह में मना मकर संक्रांति, सेंदरा और खेलों का रहा आकर्षण

डीजे न्यूज, टुंडी, धनबाद : टुंडी प्रखंड के बाड़ेडीह गादी टुंडी में मकर संक्रांति का पर्व आदिवासी समाज द्वारा पूरे हर्षोल्लास और पारंपरिक परंपराओं के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सुबह से लेकर शाम तक अनेक गतिविधियों का आयोजन किया गया।

 

सुबह मोषन और पारंपरिक पकवानों की खुशबू

 

मकर संक्रांति की शुरुआत गांव में मोषन की परंपरा से हुई, जिसमें ग्रामीण एक-दूसरे के घर जाकर पारंपरिक पकवानों का आनंद लेते हैं। इस मौके पर चावल, दाल, सब्जी और विशेष रूप से तैयार पिठा जैसे व्यंजनों ने लोगों का दिल जीत लिया। इस परंपरा ने समाज में आपसी मेलजोल और भाईचारे की भावना को मजबूत किया।

 

सेंदरा की परंपरा में दिखी एकजुटता

 

गांव के पुरुष प्रधान (भांझीहद्दाम) प्रकाश बास्की, नायकी मैने बास्की, कुडम नायकी धीरेन मुर्मू, मोदो हड़ाम मनपु किस्कू और जोगमांठी घुमा किस्कू के नेतृत्व में जंगल में सेंदरा (शिकार) के लिए निकले। इस समूह में सहायक शिक्षक अशोक सोरेन, आनन्द किस्कू, दुर्गा किस्कू, दिनेश किस्कू, अमर किस्कू, राकेश किस्कू, गोविन्द सोरेन और सिमोन किस्कू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल थे।

सेंदरा के बाद सभी ग्रामीणों ने गांव में एकत्र होकर सामूहिक भोज का आनंद लिया।

 

खेल-कूद और सांस्कृतिक आयोजन बने आकर्षण

शाम को ग्रामीणों द्वारा विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया, जिनमें कुश्ती, तीरंदाजी और दौड़ मुख्य आकर्षण रहे। इन खेलों में बच्चों और युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वहीं, महिलाओं और बुजुर्गों ने पारंपरिक नृत्य और गीतों के माध्यम से अपनी संस्कृति को जीवंत बनाए रखा।

 

ग्राम प्रधान का संदेश

 

ग्राम प्रधान प्रकाश बास्की ने कहा, “मकर संक्रांति का यह पर्व न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करता है, बल्कि यह समाज में एकता और सहयोग की भावना को भी प्रबल करता है।”

 

समुदाय में उत्साह

 

गांव के इस आयोजन ने आदिवासी समाज की परंपराओं और संस्कृति को संजोने का कार्य किया। इस पर्व ने ग्रामीणों को एक साथ लाकर सामाजिक सौहार्द और उत्साह का वातावरण तैयार किया।

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