भेलवाघाटी नरसंहार में नवीन-सुनील मांझी पर चलेगा केस
डीजे न्यूज, गिरिडीह :भेलवाघाटी नरसंहार में नक्सलियों पर अब तक लगाम कसने का सिलसिला जारी है। इस नरसंहार को हुए 17 साल गुजर गए, पर इस घटना में शामिल नक्सली आरोपितों को रिमांड कर केस चलाया जा रहा है। देवरी पुलिस ने राज्य के दो हार्डकोर नक्सली जिहमें 25 लाख का इनामी सुनील मांझी और 15 लाख का इनामी नवीन मांझी को रिमांड कराई है। दोनों पर घटना में शामिल होने का आरोप है। पुलिस के आवेदन पर न्यायालय ने बुधवार को जेल में दूसरे मामले में बंद दोनों आरोपितों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थित कराया। इनमें सुनील मांझी को होटवार जेल से और नवीन मांझी को गिरिडीह सेंट्रल जेल से उपस्थापन कराया गया।यह घटना तत्कालीन देवरी थाना क्षेत्र के भेलवाघाटी गांव की है।जो अब भेलवाघाटी थाना बन चुका है। ग्यारह सितंबर की भयावह काली रात में भाकपा माओवादियों ने गांव के बीच चौराहे पर खून की होली खेल कर गांव के 17 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। 11 सितंबर, 2005 की रात भेलवाघाटी के इतिहास में काली रात के रूप में दर्ज है। बताया जाता है कि इलाके नक्सल गतिविधि को पनपते देख नक्सलियों से लोहा लेने के लिए गांव में ग्राम रक्षा दल का गठन किया गया था। ग्राम रक्षा दल के सदस्य नक्सलियों को गांव में प्रवेश नहीं होने देना चाहते थे। जिससे नक्सली नाराज चल रहे थे। नाराज माओवादियों ने 11 सितंबर 2005 की रात में पूरे गांव को घेर कर कब्जे में लेकर गांव के घरों की कुंडियाें को बंद कर दिया। इसके बाद ग्राम रक्षा दल के सदस्यों को एक-एक कर घर से बाहर निकाल कर गांव के बीच चौराहे पर जन अदालत लगाया। जन अदालत में ग्राम रक्षा दल के सदस्यों को मौत की सजा देने का फरमान जारी किया। इसके बाद माओवादियों ने बीच चौराहे पर ही खून की होली खेल कर ग्राम रक्षा दल के सदस्यों की जम कर पिटाई करने के बाद किसी को गोली मार कर तो किसी की गला रेत कर मौत का घाट उतार दिया। जिन लोगो की हत्या हुई थी उनमें मजीद अंसारी, अशोक हाजरा, जमाल अंसारी, मुंशी मिंया, मंसूर अंसारी, हमीद अंसारी, गणेश साव, कलीम अंसारी, दिलमुहम्मद मिंया, रामचन्द्र हाजरा, रज़्ज़ाक अंसारी, चेतन सिंह, सिराज अंसारी, मकसूद अंसारी, युसूफ अंसारी, कलीम मिंया 2 और जनसु मुर्मू शामिल हैं। इनकी निर्मम हत्या प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने जनअदालत लगाकर कर दी थी।