व्यवहार न्यायालय परिसर में लगा शिविर, न्यायाधीशों ने किया योगाभ्यास

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डीजे न्यूज, गिरिडीह : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार वीणा मिश्रा के मार्गदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर व्यवहार न्यायालय परिसर में योग शिविर का आयोजन प्रातः 7 बजे से 7.45 बजे तक किया गया।


इस योग शिविर का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा, प्रधान न्यायधीश कुटुंब न्यायालय अरविंद कुमार पांडेय, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रथम, गोपाल पांडेय, जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय, आनंद प्रकाश, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, अतिरिक्त कुटुंब न्यायालय अजय कुमार श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान जन गण मन के गायन के साथ हुआ। तत्पश्चात प्रशिक्षित योग प्रशिक्षक के द्वारा बताए गए योग के विभिन्न आसनों को समस्त न्यायिक पदाधिकारियों तथा न्यायिक कर्मचारियों ने अभ्यास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस योग दिवस के पावन अवसर पर देश की समस्त जनता को संबोधित अभिभाषण का लाइव प्रसारण व्यवहार न्यायालय परिसर में प्रोजेक्टर के माध्यम से किया गया जिसे सभी न्यायिक पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सुना। व्यवहार न्यायालय परिसर को योग शिविर के लिए भव्य रुप से प्राकृतिक माहौल में सजाया गया था। जहां गिरिडीह न्याय मंडल के सभी न्यायिक पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने योग एवं प्राणायाम को किया।
इस कार्यक्रम के संबंध में प्रकाश डालते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीणा मिश्रा ने कहा कि योग दिवस के इस वर्ष के लिए निर्धारित थीम मानवता के लिए योग रखा गया है। वास्तव में योग समस्त मानव प्रजाति के कल्याण के लिए हमारे भारतवर्ष के महान मनीषियों के द्वारा दिया गया अनुपम उपहार है। संसार में जो भी मनुष्य योग रुपी इस अनुपम उपहार को अपने जीवन में समाहित करता है वह अपने इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर सभ्य मनुष्य के तौर पर संसार में अपनी एक अलग छाप छोड़ता है। आज की इस व्यस्ततम दिनचर्या एवं तनाव भरे माहौल में हम सभी लोगों को निरंतर योग करना चाहिए ताकि हम अपने शरीर के साथ-साथ मन को भी स्वस्थ एवं सजग रख सकें। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार सौरव कुमार गौतम ने योग दिवस की महत्ता को बतलाते हुए कहा कि आधुनिक दौर के इस भागमभाग भरी जीवन शैली में मनुष्य विभिन्न प्रकार के तनावों से ग्रसित हो जाते हैं जिसके कारण मनुष्यों की कार्य क्षमता एवं कार्य कुशलता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। नियमित तौर पर योग के द्वारा शरीर के साथ-साथ मन मस्तिष्क को भी स्वस्थ एवं क्रियाशील रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि झालसा के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गिरिडीह की ओर से आज गिरिडीह जिले के सभी प्रखंडों एवं अन्य संस्थानों में संचालित किए जा रहे विधिक सहायता केंद्रों में भी पारा लीगल वालंटियर्स एवं पैनल अधिवक्ताओं के माध्यम से योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है। पारा लीगल वालंटियर्स के द्वारा आम लोगों के बीच भी योग- प्राणायाम तथा इनसे होने वाले फायदों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार निरंतर ही जनहित के कार्यों से जुड़कर आम लोगों के हित के लिए कार्य करने हेतु कृतसंकल्पित है। भारतीय संस्कृति में “वसुधैव कुटुंबकम” एवं “सर्वजन हिताय तथा सर्वजन सुखाय” की धारणा अंतर्निहित है। आज योग के माध्यम से समस्त मानव प्रजाति को जोड़ने की दिशा में भारतवर्ष के द्वारा पहल किया जा रहा है।
न्यायाधीश प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि आज पूरी दुनिया में भारत के द्वारा आविष्कृत योग रुपी इस अनुपम उपहार को अपनाया गया है। प्राचीन काल के अपनी इन्हीं सब उपलब्धियों की वजह से भारत पूरे विश्व में सिरमौर तथा विश्व गुरु की उपाधि को धारण किए हुए हैं। अतः हम सभी लोगों को भी अपने इस प्राचीन परंपरा को अपनाकर जीवन में उत्कृष्टता लाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि व्यवहार न्यायालय के सभी न्यायिक पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रतिदिन योग निश्चित तौर पर करना चाहिए क्योंकि व्यवहार न्यायालय की कार्यशैली परोपकार से जुड़ा हुआ है। योग के माध्यम से हमारे सभी न्यायिक पदाधिकारी एवं न्यायिक कर्मचारी के कार्य क्षमता एवं कार्य कुशलता में वृद्धि हो सकती है तथा परोपकार रूपी न्यायिक कार्यों से आम लोगों व पक्षकारों को समुचित लाभ मिल सकता है।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के सामूहिक गायन एवं वंदे मातरम तथा भारत माता की जय के उद्घोष के साथ किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी न्यायिक पदाधिकारियों एवं सभी न्यायिक कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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