गठबंधन की गांठ मजबूत कर अविनाश पांडेय ने कांग्रेस की सियासी जमीन वापसी की लड़ी जंग
गठबंधन की गांठ मजबूत कर अविनाश पांडेय ने कांग्रेस की सियासी जमीन वापसी की लड़ी जंग
झारखंड में चिंतन शिविर से कांग्रेस में फूंकी थी जान, अब यूपी में समन्वय बैठकों से कांग्रेस को किया मजबूत
सुस्मिता, रांची : लोकसभा चुनाव कें अब सिर्फ अंतिम चरण का मतदान बाकी है। यह मतदान एक जून को होगा। इसके बाद चार जून को मतगणना होगा। मतगणना के बाद यह साफ हो जाएगा कि देश में मोदी सरकार तीसरी बार या दस साल बाद कांग्रेस नेतृत्व वाली विपक्ष की सरकार। इस राजनीतिक घमासान के माहौल में झारखंड एवं उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को उसकी खोई जमीन वापस दिलाने का काम कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडेय ने किया है। दोनों राज्यों में कांग्रेस कितनी सीटें जीतेगी यह तो अभी नहीं कहा जा सकता है, लेकिन कांग्रेस में जान पांडेय ने जरूर फूंक दिया है। पांडेय दोनों राज्यों में गठबंधन की गांठ को और मजबूत कर कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों की भी ताकत बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है।
कांग्रेस नेतृत्व ने करीब दो साल पहले ऐसे माहौल में अविनाश पांडेय को झारखंड में कांग्रेस की बागडोर सौंपा था, जब कांग्रेस जमीन से पूरी तरह से उखड़ चुकी थी। करीब दो साल के अपने छोटे से कार्यकाल में अविनाश पांडेय ने झारखंड में कांग्रेस को जमीन की पार्टी बना दी। जैन तीर्थ स्थल मधुबन में चिंतन शिविर के जरिए पांडेय ने झारखंड मेंं अपना मिशन शुरू किया था। वह राज्य के सभी जिलों में पहुंचे। रैली एवं सम्मेलन के माध्यम से कांग्रेस को जिंदा किया। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को उन्होंने पार्टी में सम्मान दिया। गिरिडीह जिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश कांग्रेस के सचिव अजय सिन्हा मंटू ने बताया कि झारखंड में कांग्रेस की आज जो ताकत है, यह अविनाश पांडेय का ही देन है। झामुमो एवं राजद के साथ कांग्रेस का गठबंधन को भी पांडेय ने मजबूत किया। झारखंड के बाद पांडेय को पार्टी ने यूपी का प्रभारी बना दिया। यूपी का प्रभारी बनते ही उन्होंने वहां कांग्रेस एवं आइएनडीआइए को मजबूत करने का काम किया। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा मुकाबले आइएनडीआइए को मजबूती से खड़ा करने में पांडेय के नेतृत्व में कांग्रेस की समन्वय बैठकों का बड़ा योगदान रहा। यूपी की हर लोकसभा सीट पर अविनाश पाण्डेय ने कांग्रेस की जिला, विधानसभा, विकासखंड और बूथ स्तर के सभी पदाधिकारियों की अनिवार्य उपस्थिति में बैठकें कर न केवल ऊर्जा का संचार किया बल्कि गठबंधन के सहयोगियों समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी संग उसी मंच पर समन्वय भी बनाया।
40 दिनों में 80 समन्वय बैठकों में 7000 किलोमीटर से अधिक की पांडेय ने की यात्रा
अविनाश पांडेय ने 40 दिनों में 7000 किलोमीटर से अधिक की यात्रा का अभियान चलाकर उत्तर प्रदेश में संगठन स्तर पर कीर्तिमान कायम किया है। पांडेय ने इन बैठकों में सपा से प्रस्तावित 17 सीटों पर समझौते में आम मुहर लगाई तथा 63 सीटों पर सपा उम्मीदवारों के हक में अपने कार्यकर्ताओं को प्रेरित भी किया। इन बैठकों में अविनाश पांडेय ने 2014 एवं 2019 में भाजपा को मिले 33 एवं 37 प्रतिशत मत का जिक्र करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को विश्वास दिलाया कि वे भाजपा के खिलाफ 63 फीसदी मतों की अगुवाई कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं को मनोवैज्ञानिक स्तर पर बढ़त दिला उनका आत्मविश्वास मजबूत किया। दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, अति पिछड़ों और ब्राह्मण समाज में व्याप्त असंतोष को उस समाज तक कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पैदा हुई नवजागरण की चेतना जहां संगठन से जुड़ी, वहीं समन्वय बैठकें भारत जोड़ो यात्रा का सांगठनिक विस्तार भी दिखी।