ऐपवा की कार्यशाला में आधी आबादी की समस्याओं पर मंथन

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डीजेन्यूज डेस्क :  शुक्रवार को हरिचक में अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ;ऐपवाद्ध का दो दिवसीय झारखंड राज्य स्तरीय कार्यशाला शुरू हुआ और इसी के साथ ही शुरू हुआ आधी आबादी की समस्याओं पर मंथन। शिक्षा, रोजगार, वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य समेत विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। न केवल समस्याएं गिनाई गई पर बल्कि समाधान भी सुझाए गए। कार्यक्रम की शुरूआत संगठन के झंडोत्तोलन तथा शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ की गयी। इसी क्रम में सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर, सावित्री बाई फुले और फातिमा शेख को एक मिनिट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

शिक्षा अधिकार कानून विस्तार करने की मांग

प्रथम दिन कार्यशाला का मुख्य विषय वर्तमान दौर में सत्ता का नफरती . सांप्रदायिक चरित्र और महिलाएं था। इस क्रम में वक्ताओं ने ऐपवा के आंदोलन के मुख्य मांगे में के.जी (आंगनबाड़ी) से पी जी (पोस्ट ग्रेजुएट) तक छात्रों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को नियमित रोजगार देना, सभी स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी घोषित करना बताया। इसके अलावा शिक्षा अधिकार कानून विस्तार करने आदि की मांग भी शामिल है।

कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि हर पंचायत में दवा और डॉक्टर का इंतजाम करने की जरूरत है। विधवा, वृद्धा और दिव्यांग पेंशन की न्यूनतम राशि 1000 रुपए करने की जरूरत है। महिलाएं खराब स्वास्थ और पेंशन व्यवस्था के अभाव का दंश भी झेलती है ऐसे में जरूरत है हालातों को बेहतर करने की। गरीब वर्ग, महिला, दलित व अल्पसंख्यक पर दमन किया जा रहा है।

कार्यशाला में ये थे उपस्थित
कार्यशाला में मीना तिवारी राष्ट्रीय महासचिव ऐपवा, गीता मंडल राज्य सचिव ऐपवा, सविता राज्य अध्यक्ष झारखंड, जयंती चौधरी राज्य सह सचिव, सुषमा राज्य सह सचिव, एती देवी, शांति सेन, शिनगी खलखो, अनिता देवी, सरिता साव, सीमा देवी, अनिता बेदिया, कांति देवी, नंदिता भट्टाचार्य, कौशल्या दास, कांति देवी, रेणु रामानी, फुलू देवी, जासो देवी, रेखा देवी समेत सभी राज्य कमिटी सदस्य ऐपवा, अजरानी निशानी और दिव्या भगत आइसा नेता मौजूद थी। वहीं कार्यशाला व्यवस्था राज्य कमिटि सदस्य प्रिटी भास्कर ने किया।

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