रोजा तोड़कर किया रक्तदान,जोड़ी सौहार्द की कड़ी

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डीजे न्यूज गिरिडीह : हजारीबाग जिले के पदमा प्रखंड अंतर्गत गोरिया करमा के बीमार 35 वर्षीय ओम प्रकाश गुप्ता के लिए के समाजसेवी सिकन्दर अली ने किया रक्तदान । वे रोजा में थे लेकिन यह कहते हुए कि जिंदगी रही तो आगे भी रोजा रख लूंगा, रोजा तोड़ म प्रकाश की जान बचाने के लिए हजारीबाग में ओ- पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता है। स्थिति में सुधार नहीं होने की वजह से उसे हजारीबाग स्थित लाइफ केयर नर्सिंग अस्पताल में भर्ती गया।हालत गंभीर बनी है उनका हीमोग्लोबिन की मात्रा तीन हैं और उसके परिजन काफी परेशान हैं।ओ- पॉजिटिव रक्त नहीं मिल रहा है।ओम प्रकाश की हालत धीरे – धीरे और खराब होती जा रही है।एक ओर जहां कुछ लोग धर्म के नाम पर विवाद व नफरत की दीवारें मजबूत करने पर तुले हैं।वहीं दूसरी ओर समाज में ऐसे भी कई लोग हैं जो इंसानियत को सर्वोच्च मानते हैं।ऐसा ही एक गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड अंतर्गत बेको के युवा समाजसेवी सिकन्दर अली हैं।कर लूंगा इबादत उन्होंने माहे रमजान के फर्ज रोजे को तोड़ कर एक हिंदू भाई की जान बचाई।उनका कहना है कि अगर कोई व्यक्ति किसी की जान बचाने के लिए अपना रक्तदान करता है, तो इससे बढ़कर इंसानियत और मजहब क्या हो सकता है।सिकन्दर की इस मदद की लोग भूरी – भूरी प्रशंसा कर रहे हैं। हजारीबाग स्थित शेख भिखारी अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्त का स्टॉक नहीं था।सिकन्दर अली को सोशल मीडिया के माध्यम से दोपहर 12 बजे जानकारी मिली फौरन युवक की जान बचाने के लिए खून देने को तैयार हो गए।वह रोजा में थे और रोजे हालत में वह अपने बाइक से भीषण गर्मी में रक्तदान करने हजारीबाग के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंच गये। मगर डॉक्टर ने कहा कि कि पहले रोजा तोड़िए , फिर रक्तदान कीजिए । उन्होंने कहा , मेरे लिए रोजा का फर्ज से ज्यादा जरूरी था बच्चे की जान बचाना , इसलिए रक्तदान किया।जिंदगी रही तो आगे भी रोजा रख कर पूरा कर लूंगा।ऐसा कर उन्होंने समाज के लिए एक मिसाल पेश किया है।उनकी इस पहल की हर जगह सराहना हो रही है।बीमार युवक के परिजन भी सिकन्दर अली की खूब सराहना कर रहे हैं।परिजनों ने कहा कि हमारे लिए सिकन्दर अली भगवान बनकर सामने आया।

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