गिरिडीह और गांडेय में भाजपा की वापसी बाबूलाल की चुनौती
गिरिडीह और गांडेय में भाजपा की वापसी बाबूलाल की चुनौती
दोनों सीटों पर झामुमो का है कब्जा, पूर्व विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा के तीर-धनुष उठाने से झामुमो की ताकत और भाजपा की मुश्किलें बढ़ी
बाबूलाल गिरिडीह के अजीडीह और गांडेय के महुदा मोड़ में रविवार को जनसभा से फूंकेंगे चुनावी बिगुल
सुस्मिता, गिरिडीह : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी राज्य के सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में संकल्प यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा के क्रम में वह सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। पार्टी ने इस जनसभा का नाम संकल्प जनसभा दिया है। गांडेय में 50 वीं जनसभा के साथ रविवार को बाबूलाल की संकल्प यात्रा के छठे चरण का समापन होगा। पूरी भाजपा संकल्प यात्रा में लगी हुई है। गांडेय और गिरिडीह की जनसभा भाजपा के लिए खास अहमियत रखती है। कारण, गिरिडीह बाबूलाल का गृह जिला है। बाबूलाल के लिए गृह जिले में चुनौतियां भी अधिक है। यहां झामुमो की ताकत काफी मजबूत है। जिले की छह विधानसभा क्षेत्रों में से तीन सीट गिरिडीह, डुमरी एवं गांडेय झामुमो के पास है। इसके अलावा बगोदर सीट भाकपा माले के पास है। भाजपा के पास सिर्फ दो सीट राजधनवार और जमुआ भी है। राजधनवार सीट भी बाबूलाल मरांडी अपनी पार्टी झाविमो से जीते थे। बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया था। इस कारण, आज के दिन में भाजपा के गिरिडीह जिले में विधायकों की संख्या दो है। भाजपा के लिए सबसे अधिक चुनौती गिरिडीह और गांडेय विधानसभा क्षेत्र में वापसी की है। 2014 के चुनाव में यह दोनों सीट भाजपा के पास थी। झामुमो ने 2019 के चुनाव में दोनों सीटों को भाजपा से छीन ली। गांडेय के पूर्व भाजपा विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा के शामिल होने से न सिर्फ गिरिडीह बल्कि कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में झामुमो की ताकत बढ़ गई है।
गिरिडीह में सुदिव्य सोनू का मुकाबला भाजपा से कौन करेगा, अभी है सस्पेंस
गिरिडीह से सुदिव्य कुमार सोनू भाजपा के विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी को हराकर पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं। सोनू की स्थिति झामुमो में काफी मजबूत है। मुख्यमंत्री के करीबी होने का भी फायदा उन्हें मिल रहा है। इस करीबी का फायदा उठाकर वह कई योजनाएं गिरिडीह में ला पाए हैं। 2024 में झामुमो से सुदिव्य कुमार सोनू ही उतरेंगे, यह तय है। वहीं उनका मुकाबला भाजपा से कौन करेगा, इस पर अभी सस्पेंस है। पूर्व विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी अभी भी मैदान में डटे हैं, लेकिन उन्हें सबसे मजबूत चुनौती प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य सुरेश साव दे रहे हैं। सुरेश साव गिरिडीह के विभिन्न सवालों को लेकर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू का सीधा मुकाबला करते रहे हैं। अपने आक्रामक तेवर से सुरेश ने जनता के बीच खुद को भाजपा टिकट के प्रबल दावेदार साबित कर दिया है। सुरेश साव के अलावा गिरिडीह नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष व कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव, बार एसोसिएशन के महासचिव चुन्नूकांत एवं पूर्व डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ भी ताल ठोंक रहे हैं। समाजसेवी के रूप में स्थापित बिनोद सिन्हा भी भाजपा टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं। भाजपा ने गिरिडीह की बाबूलाल की सभा के संयोजक सुरेश साव एवं दिनेश यादव को बनाया है। गिरिडीह की राजनीति के जानकार बताते हैं कि भाजपा ने यदि सही प्रत्याशी का चयन किया तो यहां झामुमो को मुश्किल हो सकती है।
पूर्व विधायक जेपी वर्मा के दल बदलने से गांडेय में ऊहापोह की स्थिति में है भाजपा
प्रो. जयप्रकाश वर्मा 2014 के चुनाव में गांडेय से भाजपा के टिकट से जीते थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सरफराज अहमद ने ठीक चुनाव के समय झामुमो प्रत्याशी बनकर सारा राजनीतिक समीकरण बदल दिया था। आदिवासी-मुस्लिम समीकरण के बल पर सरफराज ने यहां प्रो. जयप्रकाश वर्मा को पराजित कर दिया था। बाद में प्रो. जयप्रकाश वर्मा झामुमो में शामिल हो गए। वर्मा के झामुमो में शामिल होने से जहां झामुमो की ताकत बढ़ गई वहीं भाजपा में ऊहापोह की स्थिति बन गई। भाजपा ने अभी तक अपने किसी भी नेता को प्रो. जयप्रकाश वर्मा के विकल्प के रूप में स्थापित नहीं किया है। भाजपा ने गांडेय की सभा के लिए अपने पूर्व जिलाध्यक्ष यदुनंदन पाठक एवं दिलीप वर्मा को संयोजक बनाया है। प्रो. जयप्रकाश वर्मा कुशवाहा समाज के बड़े नेता हैं। उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कर झामुमो ने भाजपा के कुशवाहा वोटबैंक पर मजबूत सेंधमारी कर ली है। कुशवाहा वोटर गांडेय समेत पूरे कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में एक बड़ा फैक्टर है। प्रो जेपी वर्मा के कटान के रूप में भाजपा उनके चचेरे चचेर भाई व भांजा को प्रमोट कर रही है। गांडेय में अभी भाजपा का भी कोई नेता यह कहने की स्थिति में नहीं है कि वहां से कौन भाजपा का प्रत्याशी होगा।