सवर्ण वोटरों को साधकर बाबूलाल की राह आसान करेगी भाजपा
सवर्ण वोटरों को साधकर बाबूलाल की राह आसान करेगी भाजपा
डॉ रविंद्र राय को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाया, अब निर्दलीय ताल ठोंक रहे निरंजन राय को साधने निशिकांत दुबे पहुंचे
डीजे न्यूज, गिरिडीह : भाजपा अपने प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को फिर से विधानसभा पहुंचाने के लिए कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि पार्टी राजधनवार से रांची विधानसभा जाने के बाबूलाल के रास्ते के कांटे को हटाकर सफर सुगम करने में जुट गई है। बाबूलाल के लिए इस चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती सवर्ण विशेषकर भूमिहार वोटरों को साधने की है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व कोडरमा के पूर्व सांसद डॉ. रविंद्र कुमार राय को गिरिडीह जिले के किसी भी सीट से टिकट नहीं मिलने से राजधनवार का सवर्ण समाज भाजपा से खासा नाराज है। रविंद्र राय के अब तक खुलकर बाबूलाल के समर्थन में राजधनवार के मैदान में नहीं उतरने और निरंजन राय के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोंकने से भाजपा चिंतित है। यही कारण है कि इस चुनौती से निपटने में पूरी पार्टी लग गई है। रविंद्र राय को मनाने उनके रांची आवास पर केंद्रीय कृषि मंत्री व झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान तथा सह प्रभारी व असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पिछले दिनों पहुंचे थे। उन्हें टुंडी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का आमंत्रण भी दिया था, लेकिन रविंद्र राय इसके लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद अब उन्हें प्रदेश भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर सवर्ण वोटरों की नाराजगी दूर करने की कोशिश पार्टी ने की है। प्रदेश भाजपा कार्यालय रांची में शनिवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और बाबूलाल मरांडी ने रविंद्र राय का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनने पर स्वागत किया। इसके अलावा भूमिहार समाज से आने वाले निरंजन राय को मनाने की भी कोशिश चल रही है। शनिवार को गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे
इस नाराजगी को दूर करने निरंजन राय के गिरिडीह आवास पर पहुंचे। बंद कमरे में दोनों के बीच बातचीत हुई। हालांकि दुबे के जाने के बाद निरंजन राय ने राजधनवार से चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर अडिग रहने की बात कही। बहरहाल भाजपा के लिए राहत की बात यह है कि झामुमो ने यहां से पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी को प्रत्याशी बनाया है। झामुमो यदि प्रत्याशी नहीं देता तो यहां बाबूलाल और भाकपा माले के पूर्व विधायक राजकुमार यादव के बीच कांटे की टक्कर होती। निजामुद्दीन के झामुमो प्रत्याशी होने से अल्पसंख्यक वोटरों का बिखराव होना तय है। निश्चित रूप से इसका फायदा बाबूलाल को मिलेगा। विदित हो कि
राजकुमार पहले भी एक बार बाबूलाल को यहां हरा चुके हैं। कुल मिलाकर देखा जाए राजधनवार में इस चुनाव में सवर्ण वोटरों की बड़ी भूमिका होगी। इनको कौन साधता है, इस पर चुनाव परिणाम बहुत हद तक निर्भर करेगा।
विदित हो कि पिछले चुनाव में बाबूलाल यहां से झाविमो के टिकट पर जीते थे। उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह थे। निर्दलीय अनूप संथालिया ने चुनाव परिणाम को काफी हद तक प्रभावित किया था।