शहादत दिवस के अवसर पर याद किये गये भगत सिंह
डीजेन्यूज डेस्क : शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु के शहादत दिवस के अवसर पर भाकपा माले के छात्र-युवा संगठन आईसा और इन्कलाबी नौजवान सभा ने “हेमंत सरकार वादा निभाओ,खतियान आधारित स्थनीय नीति बनाओ,पांच लाख रोजगार कहाँ है ये बतलाओ” नारे के साथ गिरीडीह शहर में छात्र-युवा अधिकार मार्च निकाला। मार्च गिरीडीह झंडा मैदान से निकलकर बाजार भ्रमण करते हुए एसपी कोठी के पास भगत सिंह की प्रतिमा तक पहुंची और माल्यार्पण किया गया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से पार्टी जिला सचिव पूरन महतो,आरवाईए जिलाध्यक्ष सोनु पांडेय,पार्टी राज्य कमिटी सदस्य परमेश्वर महतो,सीताराम सिंह,राजेश यादव,भोला मंडल,कौशल्या दास,किशोरी अग्रवाल,राजेश सिन्हा,रामेश्वर चौधरी मौजूद थे।मार्च का नेतृत्व आरवाईए जिला सचिव अशोक मिस्त्री,उपाध्यक्ष प्रीति भास्कर,असगर अली,कुलदीप राय,जिला सह सचिव पूरन कु महतो,धर्मेंद्र यादव कर रहे थे।संबोधित करते हुए जिला सचिव पूरन महतो ने कहा कि जिस तरीके से पूरे देश के अंदर मोदी और उसकी भाजपा सरकार सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग करते हुए पूरे जनमानस के बीच साम्प्रदायिकता का जहर फैला रही है है ये देश के संविधान को तोड़ने की साजिश है पूरे देश मे बेरोजगारी,भुखमरी चरम पर है और देश की मोदी सरकार तमाम वर्षों से अर्जित किये हुए सरकारी संस्थानों को कॉरपोरेट के हाथों नीलाम कर रही है।जाती,धर्म,मंदिर,मस्जिद के नाम पर देश के नौजवानों को दिग्भ्रमित करने की साजिश में लगी है।देश के नौजवान रोजगार मांग रहे हैं सडकों पर आंदोलित है और सरकार चिर निद्रा में सोई है।वहीं आरवाईए जिलाध्यक्ष सोनु पांडेय ने कहा की पांच लाख सालाना रोजगार देने और झारखंड के स्थानीयता नीति को खतियान के आधार पर परिभाषित करने का वादा करके सत्तासिन हुई झारखंड की हेमजत सरकार का भी रवैया कमोबेस केंद्र के नक्शे कदम पर ही है।ना तो नौजवानों को रोजगार के अवसर मिले हैं ना ही स्थानीयता नीति मिली है बल्कि इसके उलट नौजवानों को भाषा अतिक्रमण के सवाल पर उलझा कर सरकार ने रख दिया है।शहीद भगत सिंह,राजगुर,सुखदेव के शहादत दिवस के मौके पर गिरीडीह में छात्र-युवा अधिकार मार्च निकालकर हम सरकार से ये मांग करते हैं कि नौजवानों को सम्मानजनक रोजगार,अच्छी शिक्षा मिले,खतियान आधारित स्थानीयता नीति बने अन्यथा अब आरवाईए झारखंड के विभिन्न जिलों में आंदोलन का बिगुल फूंकेगी और राज्य में नौजवानों के हक अधिकार की लड़ाई को और मजबूत करेगी।अंत मे मार्च के माध्यम से ये मांग किया गया कि रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध को तत्काल रोका जाए और मानव संहार पर लगाम लगाया जाए।मार्च में उज्ज्वल साव,राजेश विश्वकर्मा, विक्रम आनन्द राय,कामेश्वर यादव,अमन पांडेय,कुश कुशवाहा,भोला महतो,खुर्शीद आलम,कमरुद्दीन अंसारी,प्रवीण यादव,रमेश साव,दयानंद चौधरी,शिवम मंडल,रंजीत यादव,,सोनू, रवानी,गुफरान,ताज हसन,राजू सिंह,सनातन साव,आदि सैकड़ो लोग शामिल थे।