उप चुनाव परिणाम के बाद भाजपा कल्पना के खिलाफ कद्दावर प्रत्याशी के लिए कर रही मंथन
भाजपा के लिए पूर्व विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा एवं दिलीप वर्मा को एक साथ साधने की होगी चुनौती
सुस्मिता गुड़िया, गिरिडीह :
गांडेय के पूर्व विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा की भाजपा में वापसी हो गई है। इस घर वापसी के बाद यह साफ हो चुका है कि विधानसभा चुनाव में गांडेय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन से जंग के पहले प्रो. जयप्रकाश वर्मा एवं उनके भांजे दिलीप वर्मा के बीच भाजपा में टिकट के लिए भिड़ंत होगी। इस जंग में एक और नेता जयप्रकाश वर्मा के चचेरे भाई प्रणव वर्मा भी शामिल होंगे, लेकिन मुख्य भिड़ंत जयप्रकाश वर्मा और दिलीप वर्मा के बीच ही होगी। माना जा रहा है कि मामा-भांजे की भिड़ंत में जो जीतेगा, वही कमल फूल लेकर कल्पना की तीर-धनुष का मुकाबला करेगा। वैसे गांडेय विधानसभा क्षेत्र में मामा-भांजे के अलावा भाजपा में और भी कई दावेदार हैं। ऐसे नेता भी टिकट के लिए जोर लगाए हुए हैं। कल्पना को उसके घर में घेरने के लिए भाजपा टिकट देने के पहले काफी मंथन करेगी। वैसे कुशवाहा वोटरों की संख्या को देखते हुए भाजपा वर्मा परिवार पर सबसे पहले विचार करेगी।
विदित हो कि प्रो. जयप्रकाश वर्मा ने 2014 के विधानसभा चुनाव में गांडेय से भाजपा का परचम लहराया था। लंबे अर्से बाद भाजपा को गांडेय विधानसभा सीट पर कब्जा दिलाने का श्रेय प्रो. वर्मा को है। गांडेय में बराबर भाजपा, झामुमो और कांग्रेस के सरफराज अहमद के बीच टक्कर होती रही है। इस टक्कर में बाजी कभी झामुमो तो कभी कांग्रेस मारती रही है। 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और झामुमो में गठबंधन हुआ। सीट झामुमो के खाते में चली गई। इधर झामुमो ने बड़ा फैसला लेते हुए कांग्रेस नेता सरफराज अहमद को पार्टी में शामिल कर लिया। सरफराज तीर-धनुष लेकर गांडेय में भाजपा विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा के खिलाफ उतरे। मुस्लिम-आदिवासी समीकरण के बलबूते सरफराज अहमद ने प्रो. वर्मा को दस हजार से अधिक वोटों के अंतर से हरा दिया। प्रो. वर्मा को हराने में भाजपा के बागियों ने भी बड़ी भूमिका निभाई। वैसे बागी से झामुमो प्रत्याशी सरफराज भी परेशान रहे। विधानसभा चुनाव हारने के बाद प्रो. वर्मा पांच साल तक इंतजार नहीं कर सके और झामुमो में शामिल हो गए। झामुमो ने उन्हें कोडरमा लोकसभा सीट से आइएनडीआइए प्रत्याशी बनाने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वहां माले विधायक विनोद कुमार सिंह आइएनडीआइए प्रत्याशी हो गए। प्रो. वर्मा निर्दलीय कोडरमा से चुनाव लड़ गए, लेकिन उन्हें आशानुरूप वोट नहीं मिले। इधर सरफराज अहमद ने गांडेय विधानसभा सीट से इस्तीफा देकर राज्यसभा चले गए। उप चुनाव में झामुमो ने कल्पना मुर्मू सोरेन को यहां उतारा। वहीं भाजपा ने कल्पना के खिलाफ प्रो. जयप्रकाश वर्मा के भांजे दिलीप वर्मा को उतारा। दिलीप वर्मा 2019 के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो से अपने मामा प्रो जयप्रकाश वर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ चुके थे। वह बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर सके थे। उन्हें मात्र 8, 892 वोट मिले थे। उप चुनाव में कल्पना के खिलाफ भाजपा ने दिलीप वर्मा को उतारा था। दिलीप वर्मा कल्पना के आगे टिक नहीं सके। वह 27 हजार से अधिक वोटों से हार गए। इधर लोकसभा चुनाव के बाद प्रो. वर्मा अब वापस अपने घर भाजपा लौट गए हैं। भाजपा को भी प्रो. वर्मा की अहमियत मालूम है। उप चुनाव में मिली पराजय के बाद भाजपा कल्पना के खिलाफ गांडेय में कद्दावर प्रत्याशी की तलाश में है। वैसे भाजपा के लिए मामा-भांजे को चुनाव के समय एक साथ साधना किसी चुनौती से कम नहीं होगी।