बैंकों को ऋण रिकवरी के लिए कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं
बैंकों को ऋण रिकवरी के लिए कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं
एसबीआई के अवकाश प्राप्त चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर राजीव रंजन की पुस्तक ए बैंकर्स लर्निंग ओडीसी एट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में विवेचना
वरिष्ठ अधिवक्ता जया कुमार के भाई हैं लेखक राजीव रंजन
डीजे न्यूज, धनबाद : बैंकों को ऋण रिकवरी के लिए कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं है। सरफेसी एक्ट और इंसॉल्वेंसी एंड बैंक करप्सी एक्ट के तहत ट्रिब्यूनल के द्वारा मॉर्टगेज की प्रॉपर्टी की नीलामी की जा सकती है। एसबीआई के अवकाश प्राप्त चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर राजीव रंजन द्वारा लिखी गई पुस्तक ए बैंकर्स लर्निंग ओडीसी एट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उक्त सारे तथ्यों की विवेचना की गई है। उक्त पुस्तक का विमोचन रविवार को कोलकाता में आयोजित एक समारोह में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया लोकल हेड ऑफिस कोलकाता के डीजीएम एसएमई रजनीश कुमार ने किया। उन्होंने कहा कि राजीव रंजन की यह पुस्तक भारत के सभी बैंकों और भारत सरकार के वित्त विभाग के लिए बहुत ही उपयोगी और महत्वपूर्ण है। इसमें ऋण वसूली के आसान तरीके बताए गए हैं, क्योंकि कोर्ट में जाने से प्रक्रिया लंबी हो जाती है और ऋण वसूलने में बैंकों को काफी समय लग जाता है। इसके लोकार्पण समारोह में पुस्तक के लेखक राजीव रंजन की बहन एवं धनबाद की वरीय अधिवक्ता जया कुमार, उनके बहनोई व एसएनएमएमसीएच धनबाद के डॉ अनिल कुमार समेत भारतीय स्टेट बैंक के बड़ी संख्या में वरीय अधिकारी मौजूद थे।