राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करेगी बांग्ला भाषा उन्नयन समिति

0

राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करेगी बांग्ला भाषा उन्नयन समिति

बांग्ला भाषा-भाषी के दुखदर्द को समझने वाले को देंगे समर्थन, नहीं तो समिति उतरेगी अपना प्रत्याशी

रांची में दो दिनी अधिवेशन में समिति ने लिया निर्णय

तरुण कांति घोष, धनबाद : झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति राजनीतिक क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगी। रांची, धनबाद, जमशेदपुर, हजारीबाग, देवघर आदि क्षेत्रों में रहने वाले बांग्ला भाषा-भाषी के दुखदर्द को समझने वाले उम्मीदवार को समिति समर्थन देगी, अन्यथा अपना प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। उक्त निर्णय रांची के अलबर्ट एक्का चौक स्थित दुर्गावाटी अतिथिगृह में आयोजित समिति के दो दिवसीय राज्यस्तरीय अधिवेशन के अंतिम दिन रविवार को लिया गया।  अध्यक्षता समिति के अध्यतक्ष बेंगु ठाकुर ने की। तीसरी कक्षा से बांग्ला भाषा की पढ़ाई तथा स्कूलों में बांग्ला भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की राज्य सरकार द्वारा घोषणा किए जाने पर समिति ने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के प्रति आभार प्रकट किया। अधिवेशन के दौरान अल्पसंख्यक आयोग में बांग्ला भाषी को प्रतिनिधित्व देने की मांग सरकार से की गई। अधिवेशन में समिति के केंद्रीय व जिला कमेटी का पुनर्गठन, संगठन को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, समिति के द्वारा राज्यस्तर पर संचालित एक हजार अपुर पाठशालाओं की संख्या बढ़ाने पर चर्चा हुई। प्रदेश कार्यसमिति में धनबाद के भवानी बंदोपाध्याय तथा गोविंदपुर के बुबाई दत्ता को शामिल किया गया। धन्यवाद ज्ञापन रांची के सेतांक सेन ने किया।  अधिवेशन में राजेश राय (जमशेदपुर), सुबोध चंद्र गोराई, सुभाष सिंह राय, प्रणव सरकार, कानुलाल दास, असीत चक्रवर्ती, पंकज वेद, सुकुमार बोस (पूर्वी सिंहभूम), मनोज सरकार (पश्चिमी सिंहभूम), विश्वनाथ घोष, तरुण कुमार दे (सरायकेला), भवानी बंदोपाध्याय (धनबाद), विपुल गुह (कोडरमा), जगत ज्योति राय (रांची), शंकर मुखर्जी, निमाई चौधरी, दिलीप वैराग्य (बोकारो), सुबोध चौधरी, महेश चौधरी, निवेदिता गुप्त (रामगढ़) आदि उपस्थित थे।

इस खबर को शेयर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *