गिरिडीह के सात परिवारों व समाज के लिए दुखदाई रहा छह अगस्त का दिन

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गिरिडीह के सात परिवारों व समाज के लिए दुखदाई रहा छह अगस्त का दिन 

कोरोना काल के बाद गिरिडीह के मारवाड़ी श्मशान घाट में एक साथ जली सात चिताएं 

डीजे न्यूज, गिरिडीह : कोरोना काल के बाद गिरिडीह के मारवाड़ी श्मशान घाट में एक ऐसा ही मंजर देखने को मिला। जिसे देखने के बाद हर किसी की आंखे नम हो गई। जहां एक साथ सात-सात शवों का अंतिम संस्कार किया गया। गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने लोगों के दुख में शरीक होकर दुख दर्द बांटते नजर आए।

 

इसका कारण यह है कि 5 अगस्त की रात करीब 9 बजे सम्राट बस जो रांची से चल कर गिरिडीह आ रही थी रास्ते पीरटांड थाना क्षेत्र के बराकर नदी में पुल की रेलिंग तोड़कर नदी में गिर गई थी।

इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। चार मौत में से तीन गिरिडीह के निवासी थे। इन सभी का अंतिम संस्कार गिरिडीह के मारवाड़ी श्मशान घाट में किया गया। इसी दिन चार अन्य लोगों की भी मृत्यु हुई थी। इन चारों के भी शवों को अंतिम संस्कार के लिए मारवाड़ी श्मसान घाट में ही लाया गया था।

मृतकों में

मारवाड़ी श्मसान घाट पर सम्राट बस हादसे में मृत बस का खलासी धनिया, माणिक साव, सन्तोष गुप्ता, बाभनटोली निवासी लल्लू, राजेन्द्र नगर निवासी सेवानिवृत कर्मी दशरथ की पत्नी व गिरिडीह के वरीय अधिवक्ता द्वारिका केशरी शामिल थे।

इस श्मसान घाट में मार्मिक और हृदय विदारक दृश्य तब देखने को मिला जब एक बेटी अपने पिता को मुखाग्नि देती नजर आई। यह बेटी बस हादसे में मृत बक्सीडीह रोड निवासी सन्तोष गुप्ता की बड़ी बेटी थी। इसके साथ दो और छोटी बहनें भी पिता के शव को कांधा देकर श्मशान घाट तक लाई। ऐसी घटना परिवार के साथ-साथ गिरिडीह के लिए भी दुखदाई रही।

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