उर्स में आयोजित कव्वाली में श्रोताओं ने खूब लुत्फ उठाया

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डीजे न्यूज,लोयाबाद, धनबाद : कौमी एकता के प्रतीक हजरत सैयद अब्दुल अजीज शाह बाबा का चल रहा छह दिवसीय सालाना उर्स मुबारक के मौके पर शुक्रवार की रात में कव्वाली का जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। मध्य प्रदेश से आए कव्वाल सलीम अल्ताफ ने जहां इमान को ताजा करने वाला कलाम पेश किया तो वहीं उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के कव्वाल गुलाम हबीब पैंटर ने हर अंदाज में कलाम प्रस्तुत कर महफिल को लूट लिया। कव्वाली सुनने के लिए श्रोताओं की भीड़ सुब साढ़े छह बजे तक डटी रही। कव्वाल सलीम अल्ताफ ने जो नबी की अजमत पर सर कटाने वाले हैं, हम हुसैन वाले हैं हम हुसैन वाले हैं। दुनिया खिलाफ है तो मूझे क्या मलाल है, जिसका हो गया हूं मैं उसे खुद मेरा ख्याल है। वहीं गुलाम हबीब पैंटर ने हर रंग और हर अंदाज में कलाम प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। आलम यह था कि श्रोता सिर्फ उन्हीं का कलाम सुनना पसंद कर रहे थे। जिसके सदके में बख्शे जाएंगे, वह घराना हुसैन का है। जिसको तुम आसमान समझते हो, सामियाना वह मेरे हुसैन का है। मुल्लाओं के सजदे बिकते हैं, पंडित के भजन बिक जाते हैं। दरगाहों की नजरें बिकती है, खालिक सुखन बिक जाते हैं। दो वक्त की रोटी के खातिर मजदूरों के तन बिक जाते हैं। मजदूरों का तन क्या, मुर्दों के कफन बिक जाते हैं। वह किस्मत वाले जिनकी मां जिंदा होती है। मां जन्नत की कुंजी है खिदमत कर लो बंदे आदि कलाम पेश कर खूब दाद लूटी। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुस्लिम कमेटी के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद, मो असलम मंसूरी, राजकुमार महतो, मो जमालउद्दीन हाजी, अब्दुल रउफ, शाहरुख खान, गुलाम जिलानी, नईम मिस्त्री, मकसूद अंसारी, निसार मंसूरी, अनवर मुखिया, मो मोइनुद्दीन, मुर्तजा अंसारी, गोला खान, मो आजाद अंसारी, मो जहांगीर अंसारी, एहतेशाम अंसारी, टुन्नु पप्पू आदि ने सक्रिय योगदान दिया।

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