अटल वयो अभ्युदय योजना से वृद्धों के जीवन स्तर में होगा परिवर्तन : नमन प्रियेश लकड़ा
डीजे न्यूज, गिरिडीह :
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा है कि देश एवम राज्य के वृद्धजनों की चिकित्सा देखभाल, आश्रय, खाद्य सामग्री तथा उनके स्वास्थ्य को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार द्वारा अटल वयो अभ्युदय योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के माध्यम से देश व राज्य के अनाथ वृद्धजनों की सामाजिक व आर्थिक जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। उनका उचित देखभाल तथा उनके जीवन में व्यापक परिवर्तन लाया जा सकेगा। इस योजना से देश एवम राज्य में रहने वाले लाखों अनाथ वृद्धों को सहायता मिल सकेंगी। इसके अलावा उपायुक्त ने कहा कि वृद्धावस्था एक बड़ी सामाजिक चुनौती है। ऐसे में एक महत्वाकांक्षी योजना के सफल क्रियान्वयन से वृद्धजनों की सामाजिक व आर्थिक सहायता करना आवश्यक है। जो वृद्धजनों की भावनात्मक जरूरतों के प्रति अनुकूल तथा संवेदनशील हो।
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अटल वयो अभ्युदय योजना का उद्देश्य :
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने इस योजना के उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश में कई ऐसे अनाथ वृद्ध लोग हैं जो अपने घर से बेघर रहते हैं। उन्हें रहने का उत्तम व्यवस्था नहीं मिल पाने के कारण समस्या का सामना करना पड़ता है। कई बार समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण उनकी मृत्यु तक हो जाती है। बड़े पैमाने पर समुदाय के क्षमता निर्माण हेतु सहायता सुलभता के माध्यम से उपयोगी तथा सक्रिय वृद्धावस्था को प्रोत्साहित कर के वरिष्ठ नागरिकों के जीवनयापन की गुणवत्ता में विभिन्न सुधार करना है। अनाथ वृद्ध लोगों को इस योजना का लाभ सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा उचित प्रयास किए जा रहे हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भारत सरकार के द्वारा बुजुर्ग परिजनों के बेहतर से बेहतर सुविधा देने के लिए अटल वयो अभ्युदय योजनाकी शुरुआत की गई है। इस योजना के माध्यम से अधिकाधिक संख्या में वृद्धो को लाभान्वित किया जायेगा। इस स्कीम के सफल क्रियान्वयन से वृद्ध लोगो को काफी ज्यादा सुविधा मिलेगी।
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एकीकृत वरिष्ठ नागरिक कार्यक्रम : यह मंत्रालय इस उप-स्कीम के अंतर्गत एनजीओ/सोसाइटी/ट्रस्ट/चिप संगठनों को वरिष्ठ नागरिक गृहो, सतत देखभाल, क्षेत्रीय संसाधन प्रशिक्षण केंद्र वादी के अनुरक्षण हेतु इन कार्यान्वयन एजेंसियों को अनुदान सहायता उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत वर्तमान में कुल 310 जिले शामिल किए गए हैं। इन सभी 310 जिलों को शामिल करते हुए देश भर में इस मंत्रालय से कुल 498 वरिष्ठ नागरिकों की सहायता की गई है।
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राष्ट्रीय वयोश्री योजना:- यह मंत्रालय जीवन सहायक यंत्र नि:शुल्क उपलब्ध कराकर आयुजनित बीमारियों से ग्रसित वरिष्ठ नागरिकों के जीवन में सामान्य कार्यशीलता बहाल करने के लिए आरवीवाई का कार्यान्वयन कर रहा है। इस सुविधा के लिए ₹15000 प्रति माह कम आय वाले वरिष्ठ नागरिक पात्र हैं। इस योजना की शुरुआत से लेकर अब तक कुल 236 शिविर आयोजित किए गए हैं। जिनके अंतर्गत देश के 225 जिलों के 2.40 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं।
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आरवीवाई के अंतर्गत वितरित उपकरणों में निम्नलिखित शामिल है :
-जेनरिक वस्तुएं, विशेष वस्तुएं
– निराश्रित वृद्धजन स्वास्थ्य तथा पोषण सहायता(वृद्धजनों के लिए पोषण अभियान) : वृद्धजनों में पोषण मानक, विशेषकर के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत कम है। इसलिए उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता स्तर कम हो जाता है। यदि इनकी पहचान व्यवस्थित ढंग से की जाए तथा दिन भर के दौरान कम से कम एक बार पोषक भोजन उपलब्ध करा दिया जाए तो के जीवन की गुणवत्ता बढ़ जाएगी। पोषण अभियान के माध्यम से वृद्धजनों के मध्य पोषण अभियान चलाने के लिए 10,000 ग्राम पंचायतों की पहचान संबंधित राज्य सरकार के समन्वय से करना है ताकि 3.5 लाख गरीब तथा निराश्रित वृद्धजनों के कुपोषण संबंधित समस्याओं का पोषण संपन्न भोजन तथा वृद्धजनों का उचित देखभाल सुचारू रूप से किया जा सके।
-एल्डरलाइन:- नागरिकों के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन:- इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन राज्यों और संघ राज्यों में विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से टोल फ्री संख्या 14567 का संचालन किया जा रहा है। ताकि इस हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायत निवारण तथा जागरूकता प्रचार-प्रसार जैसी सेवाएं उपलब्ध कराया जा सके। यह हेल्पलाइन नंबर सातों दिन प्रातः 08:00 बजे से रात 08:00 बजे तक संचालित रहती है।