भागवत कथा में श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही भावविभोर होकर झूमने लगे श्रद्धालु
भागवत कथा में श्रीकृष्ण के जन्म लेते ही भावविभोर होकर झूमने लगे श्रद्धालु
जब जब धर्म की हानि होती हैं तभी प्रभु लेते है अवतार : मधुरेश
गोयनका धर्मशाला में चल रहा श्रीमद भागवत कथा, पूरा इलाका भक्ति में है लीन
डीजे न्यूज, गिरिडीह : बड़ा चौक स्थित गोयनका धर्मशाला में जालान परिवार ने सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा आयोजन किया है। कथा के पांचवें दिन राष्ट्रीय कथावाचक यज्ञाचार्य परमपूज्य विद्वान डॉ. विनोद कुमार उपाध्याय भागवत मधुरेश ने धर्म पर चर्चा की। कहा कि धर्म की जब-जब हानि होती है तब-तब भगवान का अवतार होता है। इसी कथा वस्तु को रखते हुए गोवर्धनधारी श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया।
उन्होंने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती त्रस्त हो गई, तो द्वापर युग में लोककल्याण के लिए भगवान श्री कृष्ण का अवतरण हुआ। कारागार में बंद स्थिति में अपने संतानों का कंस के द्वारा हनन के बाद जब देवकी ने दिव्य मुहूर्त में प्रभु श्री कृष्ण को जन्म दिया, तो उन्हें अपनी इस संतान को भी खोने का डर सता रहा था। परम लीलाधारी भगवान कन्हैया की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण वसुदेव जी के साथ गोकुल पहुंच गए। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। श्रीकृष्ण की जन्म कथा का प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर कुंदन कुमार उपाध्याय ने नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल का भजन प्रस्तुत किया तो श्रद्धालु भक्ति में लीन होकर जमकर झूमे। एक-दूसरे को श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दी। सभी भक्तों के बीच खिलौने और मिठाईयां बांटी गई। कथा महोत्सव में बड़ी संख्या में भक्तों ने बधाई गीत गाकर भगवान श्री कृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई।इसके पश्चात आचार्य श्री ने बड़े ही सरस ढंग से महारास का सुमधुर वर्णन किया। साथ ही उपाचार्य पंडित किशोर उपाध्याय ने श्री किशोरी राधा जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने भक्तों से कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हरेक परिवार को करना चाहिए। राजेश कुमार उपाध्याय ने मंच संचालन किया एवं युगल किशोर पाठक, आनंद कुमार उपाध्याय, चंदन कुमार उपाध्याय तथा सुनील लाभ ने वेद पाठ सहित संगीतमय प्रस्तुति में सहयोग किया।