महावीर सोरेन का शव पहुँचते ही परिवार सहित गांव में मचा कोहराम

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महावीर सोरेन का शव पहुँचते ही परिवार सहित गांव में मचा कोहराम

डीजे न्यूज, हजारीबाग  : जैसे ही मंगलवार सुबह को महावीर सोरेन का शव पुणे से बिष्णुगढ थाना क्षेत्र अंतर्गत के जोबर पंचायत के कन्देयाटांड पहुँचा तो परिजनों के हृदय विदारक चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। महावीर सोरेन की पत्नी का रोते-रोते बुरा हाल हो रहा था। वे लगातार अचेत हो जा रही थी। जिनको आस पास के महिलाओं द्वारा सम्भाला जा रहा है।दरअसल हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ थाना अंतर्गत जोबर पंचायत के केन्देयाटांड निवासी धनीराम सोरेन के पुत्र महावीर सोरेन की मौत 8 ऑक्टूबर को पुणे में काम करने के दौरान टाॅवर में करंट लगने से हो गयी थी। मृतक महावीर सोरेन का शव जैसे ही उनके घर पहुंचा तो क्या बूढ़े, क्या नौजवान एका एक उसके घर के तरफ दौड़ पड़े। मृतक महावीर सोरेन के शव को परिजन निहार-निहार बिलख रहे थे।

इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली संवेदना प्रकट करते हुए करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है। रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की मौत का सिलसिला जारी है। हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत की खबरें आ रही है। प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह जिले से रोजी कमाने गये लोगों की है। अपना घर छोड़कर परदेस गये इन मजदूरों की जिंदगी तो कष्ट में बीतती ही है, मौत के बाद भी उनकी रूह को चैन नसीब नहीं होता है। किसी की लाश हफ्ते भर बाद आती है,तो किसी को ढाई से तीन महीने भी लग जाते हैं। ऐसे में सरकार को रोज़गार के ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि मजदूरो का पलायन रोका जा सके।

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